Dainik Athah

यदि कोई प्रतिकूलता में भी धर्म का सहारा नहीं छोड़ता वह व्यक्ति महान होता है: आचार्य सौरभ सागर महाराज

सिद्ध चक्र विधान में मंडप पर चढ़ाए गए 512 अर्घ

अथाह संवाददाता
मुरादनगर।
गाजियाबाद जिले के मुरादनगर के समीप बहने वाली गंग नहर के पावन तट पर स्थापित श्री दिगंबर जैन मंशापूर्ण महावीर क्षेत्र जीवन आशा हॉस्पिटल के प्रांगण में चल रहे श्री 1008 सिद्ध चक्र महामंडल विधान में छठवें दिन मंडप पर 512 आगे समर्पित किए गए।
परम पूज्य आचार्य सौरभ सागर महाराज के आशीर्वाद एवं निर्देशन के साथ ही सानिध्य में चल रहे इस विधान की महिमा दूर-दूर तक फैल रही है। पंडित संदीप जैन सजल ने बताया कि सिद्ध चक्र विधान के अंतर्गत आज बृहद पंच परमेष्ठी विधान किया गया जिसमे पांचो पर्मिष्ठियों की आराधना की गई।

वहीं संजय जैन ने बताया कि 20 मई सोमवार को विश्व शांति महायज्ञ का भी आयोजन किया जाएगा एवं रथ यात्रा के साथ विश्व में शांति सद्भावना की स्थापना हो ऐसी भावना भी जागृत की जाएगी।

इस पावन अवसर पर परम पूज्य आचार्य सौरभ सागर महाराज ने कहा कि अनुकूलता में धर्म तो सदैव हर कोई किया करता है यदि कोई प्रतिकूलता में भी धर्म का सहारा नहीं छोड़ता वह व्यक्ति महान होता है। उन्होंने कहा कि क्योंकि धर्म करने से ही सभी सुखों की प्राप्ति हो सकती है। धर्म के अभाव में कुछ भी संभव नहीं है। धर्म के द्वारा स्वर्ग की एवं मोक्ष की भी प्राप्ति की जा सकती है एवं सांसारिक सुखों को भी पाया जा सकता है।


सौरभ सागर महाराज ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति धर्म का सहारा लेकर धर्म के मार्ग पर नहीं चलता है तो वह पुरुष तिर्यांच के समान है।


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