Dainik Athah

मुख्यमंत्री की योगी की जनसभा में प्रमुख लोगों की उपेक्षा को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं का फूटा गुस्सा

  • लोकसभा समन्वयक संजीव सिक्का को कार्यकर्ताओं ने सुनाई खरी खरी
  • विधायक डा. मंजू शिवाच ने किया कार्यकर्ताओं को शांत
  • जिला संगठन के प्रति कार्यकर्ताओं में दिखी नाराजगी

अथाह संवाददाता
मोदीनगर।
बागपत लोकसभा क्षेत्र की मोदीनगर विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनसभा के दौरान प्रमुख नेताओं की उपेक्षा को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा लोकसभा समन्वयक के समक्ष फूटा। यह तो गनीमत थी कि विधायक डा. मंजू शिवाच ने सभी को शांत किया। उन्होंने नाराज नेताओं को मनाने की पहल भी की।
बता दें कि दो दिन पहले जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मोदीनगर आये थे उस समय गठबंधन के दल रालोद प्रत्याशी की जनसभा में मोदीनगर नगर पालिका चेयरमैन विनोद जाटव वैशाली को सबसे पीछे बैठाने के साथ ही चुनाव संयोजक एवं पूर्व चेयरमैन राम आसरे शर्मा को भी दूसरी पंक्ति में बैठाने पर कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। बताते हैं कि रालोद के एक वरिष्ठ नेता पहले चेयरमैन की कुर्सी पर बैठ गये और बाद में उनकी कुर्सी सबसे पीछे लगा दी। विनोद वैशाली प्रदेश में सबसे अधिक मतों से विजयी हुए, जबकि पतला चेयरमैन को महत्व देने पर भी नाराजगी थी। लोगों का कहना था मात्र 1400 वोटों की चेयरमैन को इतना महत्व क्यों।

शनिवार को मोदीनगर पहुंचे भाजपा समन्वयक संजीव सिक्का के समक्ष कार्यकर्त्ताओं ने भाजपा जिलाध्यक्ष के साथ ही उनके खास लोगों पर जमकर आरोप लगाये। इस पर सिक्का हक्का बक्का रह गये। स्थिति को देखते हुए विधायक डा. मंजू शिवाच ने माफी मांगी तो कार्यकर्ताओं ने कहा आपकी गलती नहीं तो आप क्यों माफी मांगोगी। इनके साथ ही मोदीनगर में वैश्य समाज से जुड़े वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष स्वदेश जैन एवं पवन सिंघल को महत्व न देने का मुद्दा भी सोशल मीडिया पर चल रहा है। हालांकि राम आसरे शर्मा एवं विनोद वैशाली ने कहा कि उनका लक्ष्य प्रत्याशी डा. राजकुमार सांगवान को विजयी बनाना है।

  • क्या कहते हैं भाजपा जिलाध्यक्ष

इस मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष सतपाल प्रधान ने कहा कि मंच पर बैठने की व्यवस्था क्षेत्रीय अध्यक्ष ने निर्धारित करते हुए कहा था कि रालोद के कार्यकर्ताओं को महत्व दिया जाये। उन्होंने कहा संचालन भी प्रदेश स्तर से तय किया गया था कि जिलाध्यक्ष करेंगे। दूसरी तरफ भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि ऐसे निर्देश आज तक नहीं हुए तो अब कैसे हो गये।

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