Dainik Athah

विपक्षी मुखिया ‘घर’ पर, योगी जनता के ‘दर’ पर

  • परिवार की चिंता में परेशान विपक्षी नेता, योगी ने पांच दिन में एक दर्जन स्थानों पर किया संवाद
  • पहले चरण के प्रचार में 16 दिन ही शेष, एनडीए प्रत्याशियों के सारथी बने योगी
  • प्रबुद्धजनों से संवाद साध यूपी के मुखिया ने किया आह्वान, यूपी में शीर्ष पर रहे एनडीए गठबंधन
  • बुद्धिजीवियों से संवाद कर ‘वोट कमल को’ सहेज रहे योगी

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
यह योगी आदित्यनाथ हैं, जो 24 घंटा-365 दिन जनता के साथ, जनता के बीच और जनता के लिए ही चलते रहते हैं। अब 2024 लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। 19 अप्रैल को पहले चरण का चुनाव होगा यानी सिर्फ 16 दिन प्रचार में शेष है। ऐसे में सीएम योगी आदित्यनाथ यूपी में ‘कमल का कमाल’ दिखाने के लिए एनडीए प्रत्याशियों के सारथी बन गए हैं। एक तरफ इंडी गठबंधन के नेता अब भी ‘घर की सिर-फुटौव्वल’ को सुलझा नहीं सके तो वहीं बदल चुका मौसम भी योगी आदित्यनाथ के इरादों को डगमगा नहीं सका। महज पांच दिन के भीतर अब तक 12 स्थानों पर प्रबुद्धजन सम्मेलन व रैली कर अपने प्रत्याशियों को जिताकर 2024 में उन्होंने फिर से कमल खिलाने की अपील कर ली। योगी की इस अपील पर जनता ने वोट के जरिए मुहर लगाने का भी वायदा कर दिया है।

वे सिर-फुटौव्वल में मस्त, योगी चुनाव में व्यस्त
सर्वविदित है कि उत्तर प्रदेश में योगी के विकास कार्यों का ही जादू चलेगा। पिछले साढ़े सात वर्षों में योगी आदित्यनाथ ने हर दिन जनता के नाम समर्पित किया। इंडी गठबंधन एक तरफ जहां अब भी सिर-फुटोव्वल में मस्त है, वहीं योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के चुनावों में अपनी बात कहने और जनता को अपनी रिपोर्ट देने में व्यस्त हैं। लिहाजा जनता भी सिर्फ मोदी-योगी के डबल इंजन की बात सुनने और उस पर अमल करने में विश्वास कर रही है।

मझधार में फंसे विपक्षी उम्मीदवारों को मुखिया के दीदार का इंतजार
यदि लोकसभा चुनावों की बात करें तो बीते दिनों हुए मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में ही अखिलेश दिखे, क्योंकि वहां से डिंपल यादव प्रत्याशी थीं। बाकी आजमगढ़ में भाई व रामपुर में प्रत्याशी चुनाव प्रचार के आखिरी दिन तक उन्हें खोजते रहे और अंतत: प्रत्याशियों को निराशा ही हाथ लगी। यहां भी मोदी- योगी के कार्यों की जीत हुई और कमल खिला। लोकसभा चुनाव 2024 में भी अभी तक यही हाल है। अखिलेश यादव किसी भी सीट पर अब तक प्रचार करने नहीं उतरे, जबकि योगी आदित्यनाथ ने होली के दौरान धमार्चार्य का दायित्व निभाया और उसके बाद राजधर्म का पालन करते हुए प्रतिदिन चुनावी दौरे पर हैं।

महज पांच दिनों में 12 स्थान पर योगी ने किया संवाद
योगी आदित्यनाथ ने महज पांच दिन के भीतर ही 12 स्थान पर संवाद स्थापित कर लिया। 27 मार्च को योगी आदित्यनाथ ने मथुरा, मेरठ व गाजियाबाद में प्रबुद्धजन सम्मेलन कर कमल खिलाने की अपील की तो वहीं 28 मार्च को भी तीन स्थानों पर उन्होंने संवाद किया। मुजफ्फरनगर, शामली व सहारनपुर में हुए योगी के प्रबुद्धजन सम्मेलन से एनडीए प्रत्याशियों की बांछें खिल गईं। 29 मार्च को बिजनौर व अमरोहा में योगी रहे तो 31 मार्च को उन्होंने मेरठ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संग भारत रत्न चौधरी चरण सिंह गौरव समारोह को संबोधित किया। 1 अप्रैल को योगी आदित्यनाथ हाथरस, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर में भी फिर से यहां के प्रत्याशियों को सदन भेजने के लिए आमजन से संवाद स्थापित करते दिखे।

पांच दिन में दो बार मेरठ पहुंचे योगी
योगी आदित्यनाथ महज पांच दिन में दो बार मेरठ पहुंचे। 27 मार्च को प्रबुद्धजन सम्मेलन का आगाज सीएम ने मथुरा से किया। इसके बाद वे मेरठ पहुंचे। यहां भाजपा उम्मीदवार अरुण गोविल के लिए वोट मांगा तो वहीं 31 मार्च को यहां भारत रत्न चौधरी चरण सिंह गौरव समारोह में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ योगी आदित्यनाथ ने कमल खिलाने की अपील की। वहीं 29 मार्च को सीएम बिजनौर के दौरे पर रहे तो 31 मार्च को मेरठ रैली से ही बिजनौर से एनडीए प्रत्याशी चंदन चौहान के लिए वोट मांगा।


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