Dainik Athah

नमो भारत में खोई वस्तुओं को उनके मालिकों तक पहुंचा रहा एनसीआरटीसी का लॉस्ट प्रॉपर्टी आॅफिस


अथाह संवाददाता गाजियाबाद। नमो भारत ट्रेनों में खोई हुई वस्तुओं को उनके असली मालिकों तक पहुँचाने के लिए एनसीआरटीसी का लॉस्ट प्रॉपर्टी आॅफिस हर संभव प्रयास कर रहा है। अधिकारियों की एक समर्पित टीम इस कार्य में जुटी है और यह सुनिशिचित करने की कोशिश करती है कि ट्रेनों में मिलने वाली वस्तुओं को जल्द से जल्द उनके असली मालिकों तक पहुंचाया जा सके। टीम का यह प्रयास बहुत महत्वपूर्ण है, क्यूंकि यह, व्यस्त दिनचर्या के बीच यात्रियों के लिए खोई हुई वस्तुओं के वापस मिलने की उम्मीद को हकीकत में बदल रहा है। यात्री रोजमर्रा की भागदौड़ के चक्कर में अपनी चीजों को अक्सर भूल जाते हैं।
लॉस्ट प्रॉपर्टी आॅफिस गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन के कॉन्कोर्स लेवल पर बनाया गया है। आरआरटीएस स्टेशनों के परिसर में या नमो भारत ट्रेनों में पाई जाने वाली कोई भी लावारिस वस्तु स्टेशन नियंत्रण में जमा की जाती है। यदि वस्तु का मालिक 24 घंटे के भीतर खोई हुई वस्तु का दावा नहीं करता, तो इसे गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन के लॉस्ट प्रॉपर्टी आॅफिस में जमा करवा दिया जाता है।
इस प्रक्रिया के तहत जब खोई हुई वस्तु एलपीओ में स्थानांतरित हो जाती है, तो इसे आरआरटीएस की वेबसाइट पर लॉस्ट एंड फाउंड सेक्शन (ँ३३स्र२://६६६.११३२.ूङ्म.्रल्ल/६ीु/’ङ्म२३-ाङ्म४ल्ल)ि के तहत सूचीबद्ध किया जाता है। वेबसाइट के जरिए वस्तुओं के दावेदार अपनी खोई हुई वस्तुओं की खोज कर सकते हैं। इसके साथ ही वस्तु के संबंध में अपना स्वामित्व एवं व्यक्तिगत पहचान का प्रमाण देने के लिए गाजियाबाद स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल स्थित लॉस्ट प्रॉपर्टी आॅफिस में आ सकते हैं। सत्यापन की प्रक्रिया पूर्ण के बाद खोई हुई वस्तुओं को उनके असली मालिकों को वापस किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि, अक्टूबर 2023 में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस के प्रायोरिटी सेक्शन के संचालन की शुरूआत के बाद एलपीओ की स्थापना की गई। तब से लेकर अब तक एलपीओ को कई वस्तुएं बरामद हुई हैं और उनमें से कई वस्तुओं को सफलतापूर्वक उनके मालिकों को लौटा दिया गया है। यात्रियों ने अपना खोया हुआ सामान वापस पाकर बेहद खुशी व्यक्त की है। ऐसे ही एक यात्री दक्ष त्यागी का महत्वपूर्ण दस्तावेजों और नकदी से भरा लाल बैग दुहाई आरआरटीएस स्टेशन पर छूट गया था। यह बैग बरामद होने के बाद स्टेशन स्टाफ ने इसे गाजियाबाद स्टेशन में स्थित एलपीओ को भेज दिया, जहां दक्ष त्यागी ने संपर्क किया और फिर सत्यापन के बाद अपना बैग वापस प्राप्त किया। बैग वापस मिलने पर उन्होनें एनसीआरटीसी की टीम का धन्यवाद किया।
वहीं, नमो भारत के यात्री पवन कर्दम भी अपनी डायरी के साथ कागज में लिपटी हुई 6000 रुपए की नकदी भी दुहाई स्टेशन पर भूल गए थे, उनकी डायरी और नकदी बरामद होने के बाद स्टेशन स्टाफ ने एलपीओ को सौंप दिया। इसके बाद पवन कर्दम ने वेबसाइट के लॉस्ट एंड फाउंड सेक्शन के माध्यम से अपनी खोई हुई डायरी और नकदी की खोज की। इस दौरान वह अपने सामान के लिए गाजियाबाद स्टेशन पर भी पहुंचे और उन्हें सत्यापन की प्रक्रिया के बाद उनकी डायरी और नकदी सुरक्षित वापस मिल गई। इस बाबत उन्होनें आरआरटीएस के प्रति आभार व्यक्त किया।
इसी प्रकार खोई हुई वस्तुओं को वापस पाने वाले यात्रियों की सूची में अंकित गुप्ता, संदीप कुमार, श्रीका गर्ग, पवन कर्दम, रजत और आकाश सोलंकी सहित अन्य यात्री शामिल हैं। खोए हुए सामान में अलग-अलग जगहों से एनसीआरटीसी को लंच के साथ बैग, नकदी, पेटीएम कार्ड, हेलमेट, चाबियां और चश्में समेत अन्य वस्तुएं प्राप्त हुई हैं। इन सामान को वापस पाने के लिए यात्री लॉस्ट प्रॉपर्टी आॅफिस में संपर्क कर सकते हैं।


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