- उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के लिए करना होगा इंतजार
- मुख्यमंत्री की राज्यपाल से मुलाकात होते ही चल जाती है मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं
- इस बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कोटा रालोद करेगा पूरा
अशोक ओझा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के लिए कुछ दिनों का इंतजार करना पड़ सकता है। भाजपा- रालोद गठबंधन की औपचारिक घोषणा के बाद ही विस्तार हो सकता है। हालांकि इस बार विस्तार में पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कोटा रालोद विधायकों के मंत्री बनने से ही पूरा होता नजर आ रहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई लोकसभा प्रत्याशियों के नामों पर हुई लंबी बैठक के बाद लखनऊ पहुंचकर सीधे राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात की थी। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल को ‘रोम- रोम में राम’ पुस्तक भेंट की। मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी इसे शिष्टाचार भेंट बताया था। लेकिन दोनों की मुलाकात होने के साथ ही प्रदेश की राजनीति का पारा चढ़ गया। हर तरफ चर्चा शुरू हो गई कि मंत्रिमंंडल विस्तार को लेकर दोनों में बात हुई है और एक- दो दिन में मंत्रिमंडल विस्तार होगा।
इसके साथ ही राजनीतिक गलियारों में एवं हमारे मीडिया के भाइयों ने खबरें चलानी शुरू कर दी कि कौन कौन मंत्री बन सकता है। सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार तो होगा, लेकिन उससे पहले भाजपा और रालोद के गठबंधन की औपचारिक घोषणा भी होगी। गठबंधन की औपचारिक घोषणा हुए बगैर कैसे मंत्रिमंडल विस्तार संभव है। हालांकि यह तय माना जा रहा है कि रालोद कोटे से दो मंत्रियों को जगह मिल सकती है। इनमें प्रमुखता से खतौली विधायक मदन भैया का नाम लिया जा रहा है। इसके साथ ही सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के साथ ही भाजपा के दारा सिंह चौहान को भी मंत्री पद मिल सकता है।
सूत्रों के अनुसार भाजपा और रालोद के गठबंधन की औपचारिक घोषणा का इंतजार खुद रालोद मुखिया जयंत चौधरी को भी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय भी मांगा हुआ है। इसके साथ ही वे प्रधानमंत्री के साथ बागपत लोकसभा क्षेत्र में एक बड़ी रैली भी चुनाव की घोषणा से पहले करने के इच्छुक है। सूत्रों की मानें तो दोनों दलों के गठबंधन की औपचारिक घोषणा भी अगले दो- तीन दिन में हो सकती है। भाजपा अपने प्रत्याशियों की पहली जंबो सूची जारी करने से पहले ही घोषणा कर सकती है।
जहां तक बात मंत्रिमंडल विस्तार की है तो विस्तार की आस में बैठे विधायकों को अभी कुछ तो इंतजार करना पड़ेगा। गठबंधन की औपचारिक घोषणा के बाद ही यह संभव लगता है। यहीं कारण है अब तक रालोद मुखिया जयंत चौधरी भी चुप्पी साधे बैठे हैं।