Dainik Athah

आवास विकास कालोनी सिद्धार्थ विहार: नाम बड़े दर्शन छोटे

  • ऐसे में कैसे बढ़ेगा जनता का आवास विकास की तरफ झुकाव
  • सड़क है या गड्ढा पता ही नहीं चलता

अथाह संवाददाता, गाजियाबाद। एक तरफ आवास विकास परिषद सिद्धार्थ विहार समेत जिले की अन्य कालोनियों में अपने फ्लैट बेचने के लिए रोज नई नई योजनाएं बना रहा है, लेकिन परिषद की सिद्धार्थ विहार योजना की स्थिति ऐसी है कि सड़कों की हालत देखकर ही लोग मुंह फेर लेते हैं।
सिद्धार्थ विहार कालोनी की सड़कों की स्थिति ऐसी है कि यहां पर सड़क में गड्ढा है अथवा गड्ढे में सड़क पता ही नहीं चलता। इस स्थिति में यहां रहने वाले लोग तो परेशान है ही साथ ही जो लोग मन बनाकर सिद्धार्थ विहार में आवास विकास परिषद के फ्लैट देखने आते हैं वे भी मुंह भी फेर लेते हैं। लेकिन जिम्मेदार अफसरों एवं अभियंताओं की स्थिति ऐसी है कि वे कुछ भी बोलने से बचते रहते हैं।
सिद्धार्थ विहार में सोसाइटी में रहने वाले लोगों ने मीडिया से गुहार लगाई। उन्होंने बताया कि सड़कों की जर्जर हालत के कारण सोसाइटी में रहने वाले लोग हैं परेशान है। सड़कों में इतने बड़े-बड़े गड्ढे है कि वाहन चलाना बेहद मुश्किल है। लोगों कहना है सड़कों में गड्ढे होने के कारण लोग हादसे का शिकार हो जाते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि आवास विकास को इस बारे में कई बार अवगत कराया है, लेकिन आवास विकास परिषद के वातानुकूलित दफ्तरों में बैठे अफसर कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है।
क्या कहते हैं लोग
जहां एक तरफ सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अधिकारियों को लगातार आदेश दे रहे हैं की सड़कों पर गड्ढे ना हो अगर गड्ढे हो तो उनकी मरम्मत कराई जाए। लेकिन सड़कों का हाल इतना खराब है कि लोग बेहद परेशान हैं।

वीके गुप्व्ता

सड़कों की हालत खराब होने के कारण दिन छुपने के बाद लोगों और खासकर महिलाओं एवं बच्चों को अधिक परेशानी होती है। लेकिन स्थिति यह है कि कोई कुछ सुनने वाला ही नहीं है। सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिये।

दिनेश कुमार

सिद्धार्थ विहार सोसायटी के आवास विकास परिषद के मकान और फ्लैट सबसे महंगे होने के बावजूद यहां के लोगों को मूलभूत सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। सड़कों का निर्माण तो दूर पेच वर्क नहीं किया जा रहा है। अधिकारी कानों में तेल डालकर बैठे रहते हैं।
राजमान


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