- जीडीए में उपस्थित दर्ज करने की बायोमेट्रिक व्यवस्था महज शोपीस
- अनुपस्थित कर्मियों को विशेषाधिकारी ने जारी किए नोटिस
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। निजाम बदलने के बावजूद गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के बाबू तंत्र की मठाधीशी यथावत जारी है। नवनियुक्त जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह का बतौर जीडीए उपाध्यक्ष जनता से रूबरू होने का मंगलवार को पहला दिन था। उपाध्यक्ष द्वारा निर्धारित समय से पूर्व ही अपना आसन ग्रहण कर लिया था। उपाध्यक्ष महोदय के कार्यालय पहुंचने के बावजूद बड़ी संख्या में कर्मचारी निर्धारित समय से काफी विलंब से कार्यालय पहुंचे। ओएसडी गुंजा सिंह द्वारा औचक निरीक्षण में बड़ी संख्या में कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। जिन्हें विशेषाधिकारी द्वारा नोटिस जारी किया जा रहा है।
यहां यह बात गौर करने वाली है कि जीडीए में लाखों रुपए खर्च कर कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए बायोमेट्रिक मशीनें लगवाई गई हैं। लेकिन प्राधिकरण के बाबू तंत्र की मनमानी के सामने तकनीकी दक्षता भी घुटने टेक चुकी है। यही नहीं प्रशासनिक स्तर पर कर्मचारियों व अधिकारियों को सोमवार को ही मौखिक रूप से इस बाबत अवगत करवा दिया गया था कि उपाध्यक्ष महोदय द्वारा मंगलवार की सुबह प्राधिकरण के विभिन्न पटलों का औचक निरीक्षण किया जा सकता है।
गौरतलब है कि उपाध्यक्ष इंद्र विक्रम सिंह मंगलवार को निर्धारित समय से पूर्व ही अपने कार्यालय में उपस्थित हो गए। कर्मचारियों के कार्यालय पहुंचने के निश्चित समय के पश्चात विशेषाधिकारी गुंजा सिंह ने विभिन्न पटलों का औचक निरीक्षण कर कर्मचारियों की उपस्थिति की जांच की। विभागीय सूत्रों का कहना है कि अधोहस्ताक्षरी (गुंजा सिंह) द्वारा प्रात: 10:40 बजे विभिन्न अनुभागों का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान विभिन्न पटल के कई कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। जिसमें रवीन्द्र शर्मा, विनोद मिश्रा, सतीश तिवारी, जय मिश्रा, मनोज शर्मा, संदीप गिरी, जटा शंकर मिश्रा, अशोक कुमार शर्मा, अतुल शर्मा, चन्द्र भूषण त्रिपाठी, श्रीमती सुमन सुहानी, चन्द्रवीर, नितिन कुमार, प्रकाश खरे एवं अजय पाल सिंह प्रमुख हैं। इन्हें जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि कर्मचारी विनोद मिश्रा व अजय पाल सिंह देरी से कार्यालय आने के संबंध में अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें। इसके अलावा शेष कर्मचारियों को बिना अवकाश स्वीकृत कराए अनुपस्थित रहने के संबंध में पत्र के दिनांक से तीन दिन के भीतर अपना पक्ष प्रस्तुत करने को कहा गया है कि उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित क्यों न की जाए?
उपाध्यक्ष के दिखाई दिए तीखे तेवर
गाजियाबाद के नवनियुक्त उपाध्यक्ष व जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने आवंटियों की समस्या के अनिस्तारित मामलों के प्रति नाराजगी प्रकट की। गौरतलब है कि सिंह जीडीए कार्यालय में आवंटियों की शिकायतों का निस्तारण कर रहे थे। बताया जाता है कि अधिकांश शिकायतें बाबू स्तर की थीं। जिनका निस्तारण निर्धारित अवधि बीतने के महीनों बाद भी नहीं किया गया था। ऐसे ही स्वर्ण जयंती पुरम के एक प्रकरण में उन्होंने संबंधित कर्मचारी को एक हफ्ते के भीतर शिकायत के निस्तारण का आदेश दिया। साथ ही उन्होंने सभी संबंधित लिपिकों को यह चेतावनी भी दी कि निर्धारित अवधि में फाइल का निपटारा न करने वाले कर्मचारियों पर अर्थ दंड भी लगाया जाएगा। जिसकी कटौती संबंधित कर्मचारी के वेतन में ही की जाएगी।