अथाह संवाददाता
मेरठ। मेरठ सेक्शन में, मेरठ साउथ आरआरटीएस स्टेशन से मोदीपुरम डिपो तक कॉरिडोर की लंबाई 23 किमी है, जिसमें से 18 किमी का हिस्सा एलिवेटेड है, जबकि बाकी हिस्सा अंडरग्राउंड है। यहां वर्तमान में 18 किमी के एलिवेटेड सेक्शन में से 11 किमी में वायडक्ट निर्माण पहले ही पूर्ण किया जा चुका है और अब बाकी 7 किमी के हिस्से में वायडक्ट निर्माण तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। एनसीआरटीसी वायडक्ट निर्माण के लिए प्री-कास्ट सेगमेंट्स का प्रयोग कर रही है, जिन्हें तारिणी की मदद से लॉन्च करके वायडक्ट निर्माण किया जा रहा है। वायडक्ट निर्माण के लिए कॉरिडोर पर 34 मीटर की दूरी पर पिलर्स बनाए गए हैं और लगभग 34 मीटर से अधिक की दूरी वाली जगहों पर वायडक्ट निर्माण हेतु स्पेशल स्टील स्पैन स्थापित किए जाते हैं।
मेरठ वासियों की सुविधा के लिए यहां आरआरटीएस के 4 और मेरठ मेट्रो के लिए 13 स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है और ये सभी स्टेशन जल्द अपने वास्तविक स्वरूप में दिखाई देंगे। इनमें मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल (अंडरग्राउंड) और मोदीपुरम आरआरटीएस स्टेशन होंगे, जिनपर आरआरटीएस और मेरठ मेट्रो दोनों सेवाएँ उपलब्ध होंगी।
वहीं परतापुर, रिठानी, ब्रहमपुरी, मेरठ सेंट्रल (अंडरग्राउंड), भैंसाली (अंडरग्राउंड), एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नॉर्थ और मोदीपुरम डिपो, मेरठ मेट्रो स्टेशन होंगे, जिनपर तीन कोच वाली मेरठ मेट्रो की ही सेवाएं उपलब्ध होंगी, जो मेरठ की परिधि में यात्रियों के आवागमन को सुविधाजनक बनाएंगी। मेरठ में आरआरटीएस के मूल आधारभूत ढांचे पर ही मेरठ मेट्रो ट्रेन सेवाएं भी संचालित होंगी।मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी और शताब्दी नगर स्टेशनों में सिविल निर्माण कार्य अंतिम चरण में है और वर्तमान में यहां फिनिशिंग का कार्य प्रगति पर है। इसके साथ ही इन एलिवेटेड स्टेशनों में प्री-फेब्रिकटेड छत निर्माण का कार्य भी आरंभ हो गया है। इसके साथ ही मेरठ के अंडरग्राउंड स्टेशनों में निर्माण कार्य अंतिम चरण में है और यहां ट्रैक बिछाने की गतिविधियां भी आरंभ हो चुकी हैं। उल्लेखनीय है कि मेरठ के तीनों अंडरग्राउंड स्टेशनों को आपस में जोड़ने के लिए टनल का निर्माण पहले ही पूर्ण किया जा चुका है और वर्तमान में इन टनल में ट्रैक बिछाने का कार्य प्रगति पर है।