- श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए सीएम ने गठित की है अधिकारियों की उच्चस्तरीय कमेटी
- अयोध्या नगर से लेकर मंदिर परिसर तक रामभक्तों के लिए व्यवस्था में अलर्ट मोड पर योगी सरकार
अथाह संवाददाता
अयोध्या। श्रीरामजन्मभूमि में प्रभु श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत अयोध्या में दर्शनार्थियों की भारी आवक देखने को मिल रही है। प्राण प्रतिष्ठा आयोजन के बाद पहली बार आमजन मानस के लिए खोले गए मंदिर में लगातार दर्शनार्थी पहुंचकर सुगम दर्शन का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। तीसरे दिन भी जन्मभूमि मार्ग पर दर्शनार्थियों की अटूट कतार बनी रही, लेकिन पहले दिन की अपेक्षा गुरुवार को यहां आपाधापी बिल्कुल भी नहीं दिखी। मंदिर के उद्घाटन के बाद से ही रामभक्तों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों का असर दिखने लगा है। सीएम द्वारा गठित उच्चस्तरीय कमेटी की देखरेख में प्रशासन और पुलिसबल व्यवस्था सुधारने में लगातार जुटा हुआ है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जिस तरह ग्राउंड जीरो पर उतरकर प्रशासन व मंदिर ट्रस्ट के साथ बैठक करके निर्देश दिये गए उससे स्थिति में बहुत सुधार आया है। इसके कारण मंगलवार को 5 लाख और बुधवार को करीब ढाई लाख से ज्यादा दर्शनार्थियों ने सुगम दर्शन प्राप्त किये। वहीं गुरुवार को दर्शनार्थियों को दर्शन लाभ प्राप्त करने में कही कोई दिक्कत नही दिखाई दी।
प्राण प्रतिष्ठा आयोजन बाद प्रभु श्रीराम के दर्शन करने के लिए पूरे देशभर से रामभक्त बड़ी संख्या में अयोध्या पहुंच रहे हैं। शुरूआती दो दिन में ही तकरीबन 8 लाख रामभक्त अपने आराध्य के दर्शन कर चुके हैं। ये सभी श्रद्धालु अब अपने अपने गंतव्य की ओर लौटने लगे हैं। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निदेर्शों के बाद जिला प्रशासन और पुलिसबल लौटने वाले श्रद्धालुओं को सुव्यवस्थित ढंग से भेजने के कार्य मे जुटा है, साथ ही आ रहे नए रामभक्तों को सुगम दर्शन भी कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर बनी कमेटी
अयोध्या में श्रीरामलला के सुगम दर्शन व श्रद्धालुओं की व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद एक कमेटी गठित की गयी, जिसके निर्देशन में श्रीरामजन्मभूमि परिसर मे समस्त व्यवस्थाएं मैनेज की जाए रही हैं। इस कमेटी मे उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह की अगुवाई में मुख्य सचिव, डीजीपी व मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव के साथ नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव शामिल हैं।