रंभ होंगे शुभ कार्य,समाप्त होगा खरमास
मकर संक्रांति का पर्व किस वर्ष से 15 जनवरी को मनाया जाएगा क्योंकि इस वर्ष सूर्य मकर राशि में 14 जनवरी की रात्रि 12:00 बजे के बाद 2:44 पर आएंगे इसलिए पुण्य पर्व और पुण्य काल 15 जनवरी को ही होगा।यद्यपि मकर संक्रांति 14 जनवरी को ही होती है लेकिन पृथ्वी और सूर्य गति की घटते बढ़ते रहने से कभी-कभी यह 15 जनवरी हो जाती है। जैसा कि इस वर्ष हो रहा है।15 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन कई पर्व और होते हैं जैसे पोंगल पर्व, माघ बिहू, गंगा सागर यात्रा आरंभ और खिचडी महोत्सव।इस दिन सूर्य मकर राशि संक्रांति में आएंगे और उत्तरायण आरंभ हो जाएगा। यद्यपि 23 दिसंबर को सायन गणना के अनुसार उत्तरायण आरंभ हो चुका है ।लेकिन मान्यता के अनुसार मकर संक्रांति के दिन से सूर्य की किरणों में उष्णता बढ़नी आरंभ हो जाता है। और धीरे-धीरे सूर्य उत्तर की ओर बढ़ना आरंभ हो जाता है।यह उत्तरायण पर्व देवताओं का दिन होता है । उत्तरायण में मृत्यु होना शुभ माना जाता है । ऐसा कहा जाता है कि उत्तरायण सूर्य में मृत्यु होने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है।महाभारत काल में भी पितामह भीष्म शरशैय्या पर पड़े रहे ।इच्छा मृत्यु होने कारण उन्होंने उत्तरायण सूर्य होने पर ही अपना प्राण त्यागे थे।जैसे ही सूर्य मकर संक्रांति में आते हैं मल मास समाप्त होकर सभी शुभ कार्य ,शादी ,विवाह ,गृह प्रवेश नींवपूजन आदि शुरू हो जाते हैं।मकर संक्रांति में सूर्य आने पर मौसम में उष्णता बढ़ जाती है और दिन बड़े होना शुरू हो जाता है रात्रि की अवधि कम हो जाती है । कर्क की संक्रांति अर्थात 6 मार्च बाद पुनः सूर्य दक्षिणायन में आते हैं तब चातुर्मास आरंभ हो जाता है।आचार्य शिवकुमार शर्मा,ज्योतिषाचार्य और वस्तु कंसलटेंट