Dainik Athah

लोनी- खोड़ा मकनपुर नगर पालिकाओं का नगर निगम में शामिल होना खटाई में

  • गाजियाबाद नगर निगम के सीमा विस्तार पर संशय
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिये संकेत
  • चैन की सांस ले सकेंगी लोनी- खोड़ा मकनपुर की चेयरमैन

अशोक ओझा
गाजियाबाद
। गाजियाबाद नगर निगम के सीमा विस्तार पर अब जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं होने जा रहा। इसके साथ ही लोनी एवं खोड़ा मकनपुर नगर पालिकाओं के नगर निगम में विलय का मामला भी ठंडे बस्ते में जाता नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कुछ ऐसे ही संकेत शनिवार को दिये हैं।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही प्रधानमंत्री के गाजियाबाद आगमन से पहले हुई बैठक में जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि लोनी एवं खोड़ा मकनपुर नगर पालिकाओं के गाजियाबाद नगर निगम में विलय संबंधी प्रस्ताव तैयार किया जाये। इसके पीछे यह कारण माना गया था कि दोनों ही नगर पालिकाओं में विरोधी दलों के चेयरमैन विजयी हुए थे। सूत्रों के अनुसार विधायक नंद किशोर गुर्जर एवं सुनील शर्मा ने भी इसके लिए पैरवी की थी। इसका कारण यह था कि लोनी में भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर के धुर विरोधी मनोज धामा की पत्नी रंजीता धामा लगातार दूसरी बार चेयरमैन बनीं थी। उन्होंने भाजपा के वर्तमान जिलाध्यक्ष सतपाल प्रधान की पत्नी को भारी मतों के अंतर से चुनाव हराया था। दूसरी तरफ खोड़ा मकनपुर में बसपा के पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा की पत्नी मोहिनी शर्मा विजयी हुई थी। उन्होंने पूर्व चेयरमैन एवं विधायक सुनील शर्मा से वरदहस्त प्राप्त पूर्व चेयरमैन रीना भाटी को हराया था।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिला प्रशासन एवं नगर निगम ने त्वरित कार्यवाही करते हुए दोनों नगर पालिकों के विलय का प्रस्ताव शासन को भेज दिया था। जिस समय शासन को प्रस्ताव भेजा गया एवं मुख्यमंत्री की इच्छा के मद्देनजर यह माना गया था कि जल्द ही मुख्यमंत्री कैबिनेट बैठक में इसे रखवाकर मंजूरी प्रदान करवा देंगे। लेकिन पूरा मामला लटकता गया।

सूत्रों के अनुसार शनिवार को जन प्रतिनिधियों एवं संगठन पदाधिकारियों की बैठक में मुख्यमंत्री ने फिर इस मुद्दे को छेड़ा। उन्होंने बैठक में ही संकेत दिया कि इस मामले को कुछ समय बाद देखा जायेगा। मुख्यमंत्री के इस संकेत से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि खोड़ा मकनपुर एवं लोनी नगर पालिकाओं के विलय के गाजियाबाद नगर निगम में विलय के प्रस्ताव को लंबे समय के लिए ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। अब इस मामले में आगे कब काम शुरू होगा यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऊपर निर्भर करेगा। बहरहाल जब यह खबर दोनों नगर पालिकाओं के चेयरमैन को मिलेगी तब निश्चित ही उन्हें राहत की सांस मिलेगी।


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