- वर्ष 2017-18 से 2022-23 तक लगभग 51 हजार से अधिक किसानों को मिल चुका है सोलर पम्प के लिए अनुदान
- मुख्यमंत्री का निर्देश, किसानों के हित में पीएम कुसुम योजना में राज्य अनुदान बढाने पर करें विचार
- कृषि विज्ञान केंद्रों में जैविक उत्पादों की टेस्टिंग लैब करें स्थापित: मुख्यमंत्री
- वन क्षेत्र और नदी किनारे की कृषि भूमि की सोलर फेंसिंग के लिए किसानों को करें प्रोत्साहित: मुख्यमंत्री
- एफपीओ को ग्राम पंचायत स्तर व ब्लॉक स्तर पर वेयरहाउसेज बनाने व संचालित करने के कार्य से जोड़ने का हो प्रयास: मुख्यमंत्री
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम कुसुम योजना से अधिकाधिक किसानों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017-18 से 2022-23 तक लगभग 51 हजार से अधिक किसानों को पीएम कुसुम योजनान्तर्गत सोलर पम्प उपलब्ध कराए जा चुके हैं। इससे न केवल किसानों की लागत में कमी आ रही है, बल्कि जलवायु परिवर्तन के अंतर्गत कार्बन उत्सर्जन में कमी भी आ रही है। ऐसे में मिशन मोड में अधिकाधिक किसानों को इस योजना का लाभ दिलाया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में 30 हजार और 2024-25 में 44250 किसानों को सोलर पंप की सुविधा से जोड़ने का लक्ष्य है। इसके दृष्टिगत प्रयास तेज किये जाएं। भारत सरकार के सहयोग से संचालित इस योजना की लोकप्रियता देखते हुए लागत के अनुपात में राज्य सरकार अपने अनुदान को बढ़ाने पर विचार कर रही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान पीएम कुसुम योजना से लाभान्वित हो सकें।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके तहत कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को ग्राम पंचायत स्तर व ब्लॉक स्तर पर वेयरहाउसेज बनाने व संचालित के कार्य से जोड़ा जाना चाहिए। इसी प्रकार, पॉलीहाउसेज व पैक हाउसेज तथा कृषि विज्ञान केंद्रों में जैविक उत्पादों की टेस्टिंग लैब स्थापित किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग को इस सम्बन्ध में उद्यान, पशुपालन व मत्स्य विभाग के साथ समन्वय के साथ विस्तृत कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।
निराश्रित पशुओं, जंगली जानवरों से कृषि फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए
मुख्यमंत्री ने किसानों को सोलर फेंसिंग के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता जताई है। कृषि विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वन रोज, अथवा वन्य पशुओं के कारण प्राय: किसानों की फसलों की क्षति की सूचना मिलती है। इसके स्थायी समाधान के लिए हमें किसानों को सोलर फेंसिंग के लिए प्रोत्साहित करना होगा। मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना को चरणबद्ध रूप से लागू किया जाए। पहले चरण में वन विभाग और कृषि विभाग संयुक्त रूप से सर्वेक्षण कर वन क्षेत्र से लगे कृषि भूमि का आंकलन किया जाए। तदुपरांत वहां सोलर फेंसिंग कराई जानी चाहिए। इसके उपरांत नदी किनारे की कृषि भूमि की सोलर फेंसिंग कराई जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने इस के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख जी की उपस्थिति रही।