Dainik Athah

सीवर एवं सेप्टिक टैंक की सफाई में एसओपी का किया जाएगा अनुपालन

  • स्थानीय निकाय निदेशालय ने सभी नगर आयुक्तों, अधिशासी अधिकारियों और जल संस्थानों के महाप्रबंधकों को लिखा पत्र
  • पूर्व में जारी एसओपी के अनुसार ही सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई सुनिश्चित कराने के लिए किया निर्देशित
  • खतरनाक सफाई की श्रेणी में आने वाले कार्यों में लगे लोगों की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार दिखा रही है प्रतिबद्धता
  • अत्याधुनिक सफाई उपकरणो एवं आवश्यक उपस्करों का उपयोग किए बिना सफाई का कार्य नहीं किया जाएगा
  • सफाई कर्मचारियों को समय-समय पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, ताकि किसी प्रकार की जनहानि न हो

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई जैसे खतरनाक कार्य में लगे लोगों की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार गंभीर है। इसके लेकर सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निदेर्शों का प्रदेश में पूर्णत: पालन किया जा रहा है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के स्थानीय निकाय निदेशालय ने सभी नगर आयुक्तों, जलकल एवं जल संस्थान के महाप्रबंधकों एवं समस्त अधिशासी अधिकारियों को पत्र लिखकर सीवर एवं सेप्टिक टैंकों की सफाई में विभाग की ओर से पहले जारी की जा चुकी एसओपी का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि खतरनाक सफाई के दौरान अत्याधुनिक सफाई उपकरणो एवं आवश्यक उपस्करों का उपयोग किए बिना सफाई का कार्य नहीं किया जाएगा। निकाय स्तर पर सीवर, सेप्टिक टैंकों की सफाई के दौरान किसी भी व्यक्ति से मैनुअल सफाई कार्य नहीं कराया जाना है एवं सफाई कर्मचारियों को समय-समय पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाए, ताकि किसी प्रकार की जनहानि न हो। उल्लेखनीय है कि 20 अक्टूबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने सीवर एवं सेप्टिक टैंक की सफाई करने वाले कर्मियों की सुरक्षा के संबंध में राज्यों को कड़ा आदेश दिया था। इसमें मैनुअल सफाई नहीं कराने के अलावा दुर्घटना में मृत्यु की स्थिति में 30 लाख रुपए के हजार्ने की भी बात कही गई थी।

एसओपी के समस्त बिंदुओं का हो अक्षरश: पालन
स्थानीय निकाय निदेशालय के निदेशक डॉ नितिन बंसल द्वारा जारी आदेश के अनुसार सीवर, सेप्टिक टैंकों की सफाई को लेकर पहले भी विभाग द्वारा सभी निकायों को समय-समय पर एसओपी जारी की जाती रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा दिए गए निदेर्शों के क्रम में सभी नगर आयुक्तों, अधिशासी अधिकारियों और जल संस्थान के महाप्रबंधकों को निर्देशित किया गया है कि वह अपने निकाय स्तर पर पूर्व में जारी एसओपी के समस्त बिंदुओं का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित कराएं तथा इस संबंध में संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को भी निर्देशित करने का कष्ट करें।

असुरक्षित सफाई कराना कानूनी अपराध
पूर्व में जारी एसओपी के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को सीवर सफाई के लिए सीवर में प्रवेश की अनुमति नहीं है। अत: सीवर सफाई के लिए बिना समुचित सुरक्षा उपायों के सीवर में प्रवेश प्रतिबंधित है। सेप्टिक टैंक, सीवर की नियमित सफाई तथा अनुरक्षण, अधिकतम यंत्रीकरण, निर्धारित नियमों और मानक संचालन प्रक्रिया एवं सुरक्षा उपकरणों के साथ सुनिश्चित किया जाए. असुरक्षित सफाई कराना कानूनी अपराध है। एसओपी के अनुसार, सभी निकायों में सीवर लाइन सफाई एवं सेप्टिक टैंक, पिट की सफाई के लिए आईईसी गतिविधियां संचालित की जाएंगी, जिससे आमजन एवं सफाई कर्मचारियों को जागरूक किया जा सके। साथ ही यह संदेश दिया जाएगा कि सीवर सफाई आवश्यक सुरक्षा उपकरणों एवं प्रशिक्षित कामगारों जिसके पास वैध आईडी कार्ड हो, से ही एसओपी के अनुसार कराई जाए। इसके अतिरिक्त सुपरवाइजर पर्याप्त मशीनरी एवं सुरक्षा उपकरणों के साथ साइट पर उपस्थित रहे। सीवर सफाई का कार्य उस अवधि में किया जाए जब सीवर में सीवर की मात्रा न्यूनतम हो। इसके अलावा एसओपी में पंजीकृत संस्थाओं, ठेकेदारों, फर्मों से कार्य करावाए जाने पर स्थानीय निकायों की जिम्मेदारी तय की गई है जबकि स्थानीय निकाय द्वारा सफाई प्रक्रिया में प्रत्यक्ष रूप से शामिल होने पर भी जिम्मेदारियां तय की गई हैं।


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