Dainik Athah

नारी शक्ति राष्ट्र वंदन यज्ञ से त्रि-दिवसिय प्रेरणा विमर्श-2023 का हुआ श्रीगणेश

अथाह संवाददाता
ग्रेटर नोएडा
। नारी शक्ति राष्ट्र वंदन यज्ञ से प्रेरणा विमर्श-2023 का श्रीगणेश हुआ। प्रेरणा शोध संस्थान न्यास-नोएडा, मेरठ प्रांत प्रचार विभाग एवं गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के जनसंचार व मीडिया अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ‘स्व’ भारत का आत्मबोध विषय पर आयोजित तीन दिवसीय मीडिया विमर्श-2023 के पहले दिन माताएं एवं बहनों ने यज्ञ में वैदिक मंत्रोच्चारण से आहुति देकर राष्ट्र निर्माण में नारी की महत्वपूर्ण भूमिका को स्थापित
किया। वहीं यज्ञ में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड एवं आसपास के प्रदेशों से 600 से अधिक माताएं एवं बहनों ने एक साथ आहुति देकर प्रेरणा मीडिया विमर्श 2023 का श्रीगणेश किया।
यज्ञ के आयोजन के बारे में चर्चा करते हुए प्रेरणा मीडिया विमर्श- 2023 के अध्यक्ष नरेन्द्र तनेजा ने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि यज्ञ में पुरोहित और यजमान दोनों ही हमारी माताएं एवं बहने हैं, जिनके द्वारा मंत्रोच्चारण कर यज्ञ में आहुति दी गयी। कार्यक्रम के दौरान प्रेरणा मीडिया विमर्श- 2023 की सचिव मोनिका चौहान ने बताया कि किसी भी समाज या राष्ट्र के विकास में महिलाओं की भूमिका अहम होती है। हमारे धार्मिक ग्रंथों में भी भारत में नारी की वास्तविक दर्शन को प्रस्तुत करते हुए कहा गया है कि ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता’। अर्थात जहां नारी की पूजा की जाती हो, देवता भी वहीं निवास करते हैं।


वहीं यज्ञ की संयोजिका डॉ. कीर्तिपाल ने बताया कि इस यज्ञ का आयोजन डॉ. प्रवीण सत्येन्द्र विद्यालंकार के मार्गदर्शन में कन्या गुरुकुल (सासनी) हाथरस की 11 ब्रह्मचारिणियों के मंत्रोच्चारण से 108 हवन कुंडों में एक साथ आहुति देकर शुरू किया। वहीं मां भारती की आरती से यज्ञ सम्पन्न हुआ। सनातन धर्म की वैदिक परंपरा की चर्चा करते हुए डॉ. प्रवीण सत्येन्द्र विद्यालंकार ने कहा कि यज्ञ भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। विश्व उत्थान एवं शांति का प्रतीक यज्ञ ही है। यज्ञ ही मनुष्य के मन को शुद्ध, पवित्र और निर्मल बनाने का मुख्य साधन है।
पहले दिन के कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के प्रचार प्रमुख कृपाशंकर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख पदम सिंह, प्रीतम (समन्वयक, सह प्रचार प्रमुख, मेरठ
प्रान्त), विभाग प्रचारक कृष्णा, प्रेरणा विमर्श के संयोजक प्रोफेसर विशेष गुप्ता, प्रीति दादू (प्रेरणा शोध संस्थान न्यास की अध्यक्ष), डॉ. विश्वास त्रिपाठी रजिस्ट्रार गौतम
बुद्ध विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा, सहित मेरठ प्रांत के अलग-अलग विभागों से आए गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

हिंदुत्व ही है भारत का ‘स्व’: राम लाल

ग्रेटर नोएडा। हिंदुत्व ही है भारत का ‘स्व’ है। हिन्दुत्व ही भारत राष्ट्र का प्रतीक है, हिन्दुत्व ही संस्कृति एवं धर्म है। यह विचार प्रेरणा शोध संस्थान न्यास, नोएडा/ मेरठ प्रांत प्रचार विभाग एवं जनसंचार एवं मीडिया अध्ययन विभाग गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय प्रेरणा मीडिया विमर्श-2023 के उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल ने व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि भारत को समझने के लिए पहले भारत को पढ़ने की जरूरत है। दुनिया को पढ़कर भारत को नही समझा जा सकता। भारत को पढ़ कर ही स्व को समझा जा सकता है। स्व का अर्थ राष्ट्र है। राष्ट्र धर्म है। स्व को समझे बिना भारत को समझना संभव नहीं है। भारत की सोच एक है, भारत की संस्कृति एक है। उत्तर से दक्षिण हम एक है, भारत के लिए पूरी दुनिया एक परिवार है। हिन्दुत्व का अर्थ समझाते हुए उन्होंने कहा है कि हिन्दुत्व का अर्थ है सबका कल्याण। हिन्दुत्व में विश्व कल्याण की बात है। भारत सबके सुख और कल्याण की बात करता है, इसलिए वह संकुचित नही हो सकता। स्वामी विवेकानंद का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि हम केवल टॉलरेंस वाले नहीं हैं, वरन हम लोगों को अपनाते भी हैं और सम्मान भी देते हैं। आने वाले समय में भारत जरूर संपूर्ण विश्व का नेतृत्व करेगा। इसके विपरीत कुछ लोग
भारत के बारे में एक नकारात्मक विमर्श गढ़ते हैं। तथा वे न केवल भारत बल्कि भारत को आगे बढ़ाने वाले लोगों के बारे में नकारात्मक प्रचार करते हैं। हमारा दायित्व ऐसे लोगों को स्व के आधार पर भारत के सही इतिहास का बोध कराना है।
उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि मनोज तिवारी ने कहा कि यह सही समय है जब हम स्व का बोध कर भी सकते हैं और दूसरों को भी करा सकते हैं। जबकि हमारे देश में कुछ लोग ऐसे है जिनका काम ही देश की आलोचना करना है। देश की आलोचना करना उनके लिए फैशन बन गया है। वे यह इसलिए कर रहे हैं क्योंकि स्व का आत्मबोध नहीं है। ऐसे लोगों को स्व का बोध कराने में सोशल मीडिया का बड़ा योगदान है। हम सबको इस का उपयोग करना चाहिए। शिक्षण संस्थानों में स्व बोध आधारित शिक्षा होनी चाहिए। इससे भारतीय स्व बोध का राष्ट्रीय जागरण मूर्त रूप लेगा। समारोह के अतिथि एवं पत्रकार नरेंद्र भदौरिया ने कहा कि भारत आदि सनातन संस्कृति को मानने वाला देश है, यह सहिष्णुता और अनेकता में एकता को मानने वाल राष्ट्र है। कार्यक्रम के अध्यक्ष नरेन्द्र तनेजा ने आरएसएस के उन लाखों लोगों को धन्यवाद दिया जिन्होंने अपने जीवन में सुख सुविधाओं की चिंता किए बगैर स्व को प्रतिस्थापित करने में अपना पूरा जीवन लगा दिया।


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