- क्रासिंग रिपब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी से मांगी एक करोड़ रुपए की रंगदारी
- गहलौत जीडीए का फर्जी अधिकारी बनकर भी मांगता है रंगदारी
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। भाजपा के सुशासन में रंगबाजों की मौज आ रही है। एटीएस द्वारा अयोध्या से गिरफ्तार हाईप्रोफाइल रंगबाज अनूप चौधरी का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा है कि एक और कथित रंगबाज का मामला उजागर हो गया। अब एक और हाईप्रोफाइल रंगबाज पुलिस के रडार पर आ गया है। क्रासिंग रिपब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की ओर से क्रासिंग रिपब्लिक थाने में दर्ज रिपोर्ट में शिवम गहलौत के अलावा तीन अन्य आरोपियों पर एक करोड़ रुपए रंगदारी मांगने का आरोप है। अदालत के आदेश पर पुलिस ने शिवम गहलौत, शिवम गुप्ता, संजय सिंह व इंद्रकांत झा के खिलाफ धारा 120 बी, 386, 504, 506 आई.पी.सी. के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपियों की तलाश की जा रही है।
रिपोर्ट में कंपनी के पूर्व अकाउन्टेन्ट इंद्रकांत झा व आईटी एक्जिक्यूटिव शिवम गुप्ता पर आरोप है कि इन्होंने शिवम गहलौत एवं संजय सिंह के साथ मिलकर कंपनी को वित्तीय नुकसान पहुंचाने व ब्लैकमेल करने का षड्यंत्र रचा। दोनों कर्मचारी नौकरी छोड़ने के साथ कंपनी का गोपनीय डाटा भी ले गए। जिसे लौटाने के एवज में दोनों ने 50 लाख रुपए की मांग की। आरोप है कि ब्लैकमेलिंग की राशि न देने पर इन्द्रकान्त झा ने अपनी कम्पनी बनाकर क्रासिंग इन्फास्ट्रक्चर प्रा.लि. के रिकार्ड का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया। जिसके बाद इन्द्रकान्त झा, शिवम गहलौत शिवम गुप्ता व संजय सिंह क्रासिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के डायरेक्टर्स को ब्लैकमेल करते हुए धमकाने लगे कि यदि उन्होंने एक करोड़ रुपए नहीं दिए तो वह चुराए गए डाटा का इस्तेमाल कर विभिन्न विभागों में कम्पनी की शिकायत करेंगे। संजय सिंह व शिवम गहलौत पर एफआईआर में यह आरोप भी है कि दोनों आपराधिक छवि के लोग हैं तथा इनके विरुद्ध अन्य व्यक्तियों द्वारा भी पूर्व में रंगदारी मांगने व जबरन अवैध वसूली की शिकायतों दर्ज करायी गई हैं।
एफआईआर में यह हवाला भी दिया गया है कि शिवम गहलौत जीडीए का फर्जी अधिकारी बनकर फार्म हाउस व जिम संचालकों से रंगदारी वसूलता है। इसके अलावा उस पर कई और आपराधिक मामले भी दर्ज हैं। जबकि संजय सिंह पर सुरक्षा कर्मियों से रंगदारी वसूलने का आरोप है। संजय सिंह के विरुद्ध रंगदारी वसूलने के सम्बन्ध में विजय नगर थाने में वर्ष 2015 में धारा 307, 394, 386, 504, 506 व 323 आईपीसी के तहत दर्ज मुकदमा दर्ज है। जिसमें संजय सिंह की गिरफ्तारी भी हुई थी। गौरतलब है कि रंगदारी मांगने की शिकायत पुलिस द्वारा दर्ज न किए जाने पर कंपनी को अप्रैल माह में अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा। अदालत के आदेश पर सात माह बाद रंगदारी के मामले में पुलिस को रिपोर्ट दर्ज करनी पड़ी है। समझा जाता है कि शिवम गहलौत, जिस पर ब्लैकमेलिंग व रंगदारी मांगने के आरोप पहले भी लगते रहे हैं, की मुश्किलें रिपोर्ट होने के बाद बढ़ सकती हैं।