Dainik Athah

सिल्वर जुबली कार्यक्रम के माध्यम से ‘बाबा’ को साधने की रणनीति तो नहीं!

  • शिक्षण संस्थान का कम भाजपा का कार्यक्रम अधिक नजर आया
  • पूरे कार्यक्रम में होता रहा जय श्रीराम और हर हर महादेव का उद्घोष
  • मुख्यमंत्री के अलावा कार्यक्रम में किसी को नहीं मिला बोलने का अवसर

अशोक ओझा
गाजियाबाद
। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आगमन हुआ तो काईट प्रबंधन ने पूरे कार्यक्रम को भगवामय कर दिया। इस कार्यक्र्रम के निहितार्थ भी तलाशे जा रहे हैं। इसके पीछे कहीं बाबा अर्थात योगी आदित्यनाथ को साधने की रणनीति तो नहीं इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के अलावा किसी अन्य का भाषण नहीं हुआ।

मुरादनगर स्थित काईट कालेज की सिल्वर जुबली पर बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि थे। यह कॉलेज प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री एवं वर्तमान में गाजियाबाद शहर से विधायक अतुल गर्ग का है। यदि कार्यक्रम के प्रारंभ से अंत तक की समीक्षा करें तो यह कार्यक्रम किसी कॉलेज का कार्यक्रम कम और राजनीति कार्यक्रम अधिक नजर आ रहा था। बाबा के आने से पहले हर थोड़ी देर में योगी योगी और जय श्रीराम के साथ ही हर हर महादेव के नारों से पंडाल गुंजायमान हो रहा था। ऐसा नहीं है कि केवल छात्र जोश में इस प्रकार के नारे लगा रहे थे कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि है, बल्कि यह सोची समझी रणनीति के तहत था। जब भी नारे कम होते तब मंच से इन नारों के साथ छात्रों में जोश भरने का काम कालेज प्रबंधक कर रहे थे। लेकिन जो शो प्रबंधन बाबा के समक्ष करना चाहते थे वह मुख्यमंत्री के राजस्थान से आने में देर होने और उनका दिल्ली में बैठक का समय तय होने के कारण नहीं हो सका।

इसके साथ ही सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा किसी भी नेता का संबोधन नहीं हुआ। यह सबसे महत्वपूर्ण तथ्य है। वह इसलिए कि मुख्य अतिथि के स्वागत में कसीदे पढ़े जाते हैं और धन्यवाद का भी दस्तूर है। लेकिन खुद अतुल गर्ग ने भी संबोधन नहीं किया। यदि सूत्रों पर भरोसा करें तो इसके पीछे एक खास रणनीति काम कर रही थी। वह रणनीति यह थी कि यदि अतुल गर्ग का संबोधन होता तो मंच पर उपस्थित वरिष्ठ नेताओं जिनमें खासकर प्रदेश सरकार के मंत्री और केंद्रीय मंत्री को अवश्य बुलाना पड़ता। लेकिन अतुल गर्ग ने भाषण से खुद को दूर रखकर अन्य लोगों को भी संबोधन से दूर कर दिया। यह शायद पहला कार्यक्रम था जिसमें मुख्य अतिथि के अलावा किसी अन्य का संबोधन नहीं हुआ।
इस पूरे कार्यक्रम को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार भी गर्म है। वह यह कि बाबा का कार्यक्रम आयोजित कर अतुल गर्ग की नजर प्रदेश के मंत्रिमंडल विस्तार पर लगी है। वे इस कार्यक्रम के जरिये बाबा को साधना चाहते हैं। वे बाबा की पहली सरकार में राज्यमंत्री रह चुके हैं। अब वे बाबा को कितना साध पाये यह तो आने वाला समय ही बतायेगा।


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