- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश की पहली रैपिड रेल के उद्घाटन के लिए पीएम मोदी का जताया आभार
- सीएम योगी ने कहा- पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उत्तम माध्यम है रैपिड रेल, दिल्ली से मेरठ की दूरी होगी कम
- रैपिड रेल से पहले मेरठ और दिल्ली को 12 लेन के एक्सप्रेस हाईवे के साथ भी जोड़ा जा चुका है: सीएम योगी
- पीएम मोदी के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में उत्तर प्रदेश एक नए इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्शन कर रहा है: मुख्यमंत्री
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। रैपिड रेल पब्लिक ट्रांसपोर्ट का एक उत्तम माध्यम है। हमने स्वयं प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में इसकी यात्रा की। यह ट्रेन दिल्ली से मेरठ की दूरी को कम कर देगी। इससे पहले मेरठ को 12 लेन के एक्सप्रेस हाईवे के साथ भी जोड़ा जा चुका था। जो दूरी साढ़े पहले चार घंटे में तय की जाती थी वह आज मात्र 45 मिनट में पूरी हो सकेगी। यही स्थिति रैपिड रेल के प्रारंभ होने से भी होगी। यह कभी एक सपना था, लेकिन आज मोदी है तो मुमकिन है की तर्ज पर यह सपना साकार हो रहा है। पूरा देश और उत्तर प्रदेश इस सपने को साकार होता देख रहा है। यह बातें सीएम योगी ने शुक्रवार को गाजियाबाद में पीएम मोदी द्वारा भारत की पहली नमो भारत ट्रेन (रैपिडेक्स) के फ्लैग आॅफ और देश के प्रथम रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के उद्घाटन के अवसर पर कहीं। इस अवसर पर सीएम योगी ने पीएम मोदी को अंग वस्त्र एवं मां दुर्गा की प्रतिमा भेंट कर उनका सम्मान भी किया।
वंदे भारत ट्रेन ने कराया एक नए भारत का दर्शन
पीएम मोदी का आभार जताते हुए सीएम योगी ने कहा कि देश की पहली रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम रैपिड रेल को नमो भारत के रूप में विजयदशमी के पूर्व देश को समर्पित करने के लिए प्रदेश की 25 करोड़ की जनता की ओर से प्रधानमंत्री का आभार और स्वागत करता हूं। शारदीय नवरात्रि में आपका ये उपहार हम सबके लिए एक उपकार है। पिछले साढ़े 9 वर्ष के अंदर इस देश ने वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर को देखा है। एयरपोर्ट की तर्ज पर रेलवे स्टेशन बने, अमृत भारत के अंदर 500 रेलवे स्टेशन के पुनरोद्धार का कार्य जिस गति के साथ चला है आज वह भी भारत देख रहा है। वंदे भारत ट्रेन ने एक नए भारत का दर्शन कराया है। आज देश की पहली नमो भारत ट्रेन उत्तर प्रदेश को देने के लिए आप गाजियाबाद पधारे हैं, बाबा दुग्धेश्वर की पावन धरा पर आपका अभिनंदन करता हूं।
इंफ्रास्ट्रक्चर की दौड़ में तेजी से आगे बढ़ रहा उत्तर प्रदेश
सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में देश की सबसे बड़ी आबादी का राज्य एक नए इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्शन कर रहा है। ये डबल इंजन सरकार के ही प्रयास हैं कि उत्तर प्रदेश के 5 शहर ऐसे हैं जहां अत्याधुनिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था के रूप में मेट्रो रेल का सफलतापूर्वक संचालन हो रहा है और फरवरी में आपके ही कर कमलों से आगरा में भी मेट्रो रेल का संचालन प्रायोरिटी सेक्शन में प्रारंभ होगा। यही नहीं, वाराणसी में बाबा विश्वनाथ के धाम और देश की सबसे प्राचीन अविनाशी काशी में भी उसकी पुरातन काया को नए कलेवर में बदलते हुए देश की पहली रोपवे सर्विस का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। यह एक नया इंफ्रास्ट्रक्चर, चाहे वो हाईवे के रूप में हो, एक्सप्रेस हाईवे के रूप में, ईस्टर्न एंड वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के रूप में और लॉजिस्टिक हब के रूप में स्थापित करने के जो प्रयास प्रारंभ हुए हैं आज उसके चमत्कारिक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। ये उसी का परिणाम है कि देश ने अपनी आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में इस अत्याधुनिक वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से भारत को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ते हुए देखा है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, केंद्रीय आवासन एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी,केंद्रीय मंत्री रि. जनरल वीके सिंह, कौशल किशोर, उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, प्रदेश सरकार के मंत्री नरेंद्र कश्यप, सांसद राजेंद्र अग्रवाल, सतपाल सिंह, अनिल अग्रवाल, डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेई, विजय पाल सिंह तोमर, कांता कर्दम, महापौर सुनीता दयाल, अध्यक्ष जिला पंचायत ममता त्यागी, विधायक सुनील शर्मा, अजीत पाल त्यागी, अतुल गर्ग, नंद किशोर गुर्जर, डा. मंजू शिवाच, एमएलसी दिनेश कुमार गोयल और वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बेंगलुरू से जुड़े कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया उपस्थित रहे।
रैपिडेक्स फैक्ट फाइल
साहिबाबाद से 17 किलोमीटर लंबे गाजियाबाद, गुलधार, दुहाई और दुहाई डिपो के बीच में इस रैपिडेक्स का संचालन होगा
160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी यह सेमी हाई स्पीड ट्रेन
82 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट के जून 2025 तक पूरा होने जाने की उम्मीद है.
आरआर टीएस द्वारा इस प्रोजेक्ट को 2019 में शुरू किया गया था
आरटीएस के द्वारा इस रैपिड रेल परियोजना को रैपिडेक्स का नाम दिया गया है
दिल्ली से मेरठ के बीच पूरे रुट के निर्माण के बाद कुल 30 रैपिड ट्रेनों को चलाने की तैयारी है।
सरकार ने ऐसी ही आठ लाइन की पहचान की है जिनका विकास फफळर प्रोजेक्ट के तहत किया जाएगा।
फर्स्ट फेज में तीन कॉरीडोर का निर्माण ठउफळउ करेगी। ये होंगे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ, दिल्ली-गुड़गांव-निमराणा-अलवर और दिल्ली-पानीपत।
बाकी बचे पांच कॉरिडोर जहां ट्रेनें 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी वे हैं- दिल्ली- फरीदाबाद- बल्लबगढ़- पलवल, गाजियाबाद-खुर्जा, दिल्ली-बहादुरगढ़-रोहतक, गाजियाबाद -हापुड़ और दिल्ली- शाहदरा -बड़ौत।
दिल्ली,गाजियाबाद और मेरठ को कनेक्ट करेगी
इस कॉरिडोर का प्लान रैपिड प्रोजेक्ट के तहत किया गया है, जिसके मैनेजमेंट की जिम्मेदारी नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन यानी आरआरटीएस की होगी।
आरआरटीएस का दावा है कि ये भारत का पहला ऐसा ट्रेन सिस्टम होगा जिसमें ट्रेन 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। पहले खंड में रैपिड रेल साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच चलेगी, ये रूट 17 किलोमीटर लंबा है।
इस रूट पर 5 स्टेशन होंगे, जिसमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं।
यात्री मोबाइल और कार्ड के माध्यम से भी टिकट खरीद सकेंगे।
मरीज और दिव्यांगों के लिए खास व्यवस्था
रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर का इंतजाम किया गया है. अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था है, ताकि कम कीमत में मरीज को पहुंचाया जा सके। दिव्यांगों के लिए अलग सीट्स तैयार की गई है, जिन्हें इस्तेमाल न होने की सूरत में मोड़ा जा सकेगा।
ट्रेन में एडजस्टेबल चेयर
इस ट्रेन की सीटें बेहद आरामदायक बनाए गए हैं। ट्रेन में एडजस्टेबल चेयर हैं। इसके साथ ही खड़े होने वाले यात्रियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। ट्रेन में वाईफाई की सुविधा,मोबाइल-यूएसबी चार्जर भी होंगे।
2 रुपए प्रति किमी. होगा किराया
डीपीआर के अनुमान के मुताबिक, ट्रेन में किराया करीब 2 रुपए प्रति किमी होगा। दिल्ली मेट्रो की सात लाइनों पर रैपिड लाइन की कनेक्टिविटी होगी। इसे मुनिरका, आईएनए और एरोसिटी से जोड़ा जाएगा।
8 लाख यात्री करेंगे सफर
आरआरटीएस प्रोजेक्ट के मुताबिक पूरे कॉरिडोर के साथ 24 स्टेशन बनाए जाएंगे। एजेंसी का अनुमान है कि प्रोजेक्ट 2025 में पूरा हो जाएगा तो रोजाना 8 लाख यात्री इससे सफर कर सकेंगे। दिल्ली से मेरठ पहुंचने में एक घंटे का वक्त लगेगा।