Dainik Athah

जौहर ट्रस्ट में गडबड़ी को लेकर सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां और करीबियों के यहां आयकर छापे

गाजियाबाद, रामपुर, सीतापुर, लखनऊ, सहारनपुर समेत अन्य स्थानों पर हो रही छापेमारी


अथाह संवाददाता
गाजियाबाद/ लखनऊ।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री मोहम्मद आज खां एवं उनके करीबियों के ठिकानों पर आयकर विभाग की टीमें छापेमारी कर रही है। बुधवार सुबह से आयकर विभाग की टीमों द्वारा रामपुर, मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर, सीतापुर और लखनऊ में आजम खां के जौहर ट्रस्ट की गड़बड़ियों के सुराग तलाशने में जुट रही है।
गाजियाबाद के राजनगर स्थित सेक्टर नौ में आयकर विभाग की टीम सुबह से ही आजम परिवार की करीबी एकता कौशिक के निवास पर छापेमारी कर रही है। यहां पर आधा दर्जन आयकर अधिकारियों की टीम छापेमारी कर रही है। इसके साथ ही एकता कौशिक के पिता सुरेंद्र कौशिक के शास्त्रीनगर स्थित निवास पर भी आयकर विभाग की टीम छापेमारी कर रही है। आयकर अधिकारियों ने घर को अंदर से बंद किया हुआ है।
सीतापुर में आजम के करीबी रीजेंसी पब्लिक स्कूल के प्रबंधक के यहां आयकर विभाग की टीम ने छापा मारा है। दो गाड़ियों से आए आयकर विभाग के अधिकारी छापेमारी कर रहे हैं। रामपुर में सपा विधायक नसीर खां के घर पर आयकर की छापेमारी की गई। इसके साथ ही रामपुर में आजम के हमसफर रिसॉर्ट पर भी आयकर विभाग के अफसरों ने छापेमारी की है। इसी तरह मध्य प्रदेश के विदिशा में भी आयकर विभाग की टीम ने बड़ा बाजार क्षेत्र में रहने वाले समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद रहे स्वर्गीय चौधरी मुनव्वर सलीम के निवास पर छापेमारी की।
बता दें कि छह माह पूर्व आयकर विभाग ने पूर्व मंत्री आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम के आयकर हलफनामे की फिर से जांच शुरू की थी। दरअसल, आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान दाखिल किए गए आयकर हलफनामे में कई गड़बड़ियां मिली थी। वहीं, तंजीन फातिमा के बैंक खातों में भी तमाम गड़बड़ियां जांच में सामने आई थीं और इन खातों में तमाम संदिग्ध लेन-देन का पता चला था साथ ही जौहर ट्रस्ट से हुए तमाम संदिग्ध लेन-देन का भी पता चला था। बताते चलें कि आयकर विभाग और ईडी करीब तीन साल से आजम खान और उनके परिजनों और जौहर ट्रस्ट की गहनता से पड़ताल कर रही है।
आरोप था कि सांसद आजम खां ने 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद 560 एकड़ भूमि में जौहर विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य शुरू करवाया।
इसमें नियमों और कानून को ताख पर रखकर सरकारी धन का दुरुपयोग और जमीनों पर कब्जा करने की बात कही थी। इसके अलावा गरीब किसानों एवं अनुसूचित जाति के लोगों की जमीनों को जबरन अपने नाम करवा कर उस पर भवन निर्माण कराने का आरोप था। आजम खां पर ठेकेदारों, उद्योगपतियों से करोड़ों रुपये चंदे के रूप में लेकर काले धन को सफेद करने की भी कोशिश का भी आरोप था। शिकायत में यह भी कहा गया है कि जौहर विश्वविद्यालय में स्थित भवन निर्माण के अंतर्गत किसी भी तरीके का कोई सेस एवं कोई टैक्स नहीं जमा किया गया है।


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