- जी 20 समिट के सफल समापन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी को दिया श्रेय
- सीएम ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा- जी 20 समिट अपने लक्षित उद्देश्यों की प्राप्ति की दिशा में मजबूती के साथ आगे बढ़ चली है
- नई दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन को सर्वसम्मति से अपनाए जाने को सीएम ने बताया ऐतिहासिक, सभी सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों का जताया आभार
- विश्व-कल्याण के लिए सभी राष्ट्रों को ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ दर्शन को आत्मसात कर मानव केन्द्रित अप्रोच के साथ आगे बढ़ना ही होगा: सीएम योगी
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। जी 20 समिट के सफल समापन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी को इसका श्रेय देते हुए समिट को दुनिया के लिए मील का पत्थर करार दिया। सीएम योगी ने सोशल मीडिया पर अपने हैंडल से पोस्ट की श्रृंखला के माध्यम से इस भव्य आयोजन के लिए पीएम मोदी की प्रशंसा की और साथ ही समिट में नई दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन को सर्वसम्मति से अपनाए जाने को ऐतिहासिक बताते हुए सभी सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों का आभार जताया।
निर्णयों को सर्वसम्मति के साथ अपनाया जाना ऐतिहासिक
सीएम योगी ने जी 20 हैशटैग का उपयोग करते हुए अपने पहले पोस्ट में लिखा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के यशस्वी नेतृत्व में सफलतापूर्वक संपन्न हुई जी 20 समिट अपने लक्षित उद्देश्यों की प्राप्ति की दिशा में मजबूती के साथ आगे बढ़ चली है। वन अर्थ-वन फैमिली-वन फ्यूचर भाव की सिद्धि में यह समिट ‘मील का पत्थर’ साबित होगी। अपनी दूसरी पोस्ट में उन्होंने सदस्य देशों का आभार जताया। उन्होंने लिखा, भारत की अध्यक्षता में नई दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन को जी 20 के सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति के साथ अपनाया जाना ऐतिहासिक है। समृद्ध भविष्य के लिए सहयोग की भावना के साथ किए गए इन प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के साथ जी 20 के सभी सदस्यों का आभार।
विश्व-कल्याण के लिए ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ को आत्मसात करना होगा
तीसरी पोस्ट में सीएम ने समिट में भारत के प्रयासों से अफ्रीकी संघ को जी 20 का स्थाई सदस्य बनाए जाने पर भी हर्ष जताया। उन्होंने लिखा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा प्रदत्त ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ मंत्र मानवता के लिए एक उज्ज्वल मार्गदर्शिका बन गया है। भारत के विशेष प्रयासों से अफ्रीकी संघ को प्राप्त जी 20 की स्थायी सदस्यता इसी सर्वसमावेशी भावना का सुफल है। उन्होंने आगे लिखा की भोजन, जल, शिक्षा, चिकित्सा, आतंकवाद, अस्थिर अर्थव्यवस्था, अशांति, अविश्वास जैसी अनेक समस्याओं का स्थायी समाधान भी इसी मंत्र में अंतर्निहित है। विश्व-कल्याण के लिए सभी राष्ट्रों को ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ दर्शन को आत्मसात कर मानव केन्द्रित अप्रोच के साथ आगे बढ़ना ही होगा।