Dainik Athah

भारतीयता की अनूठी पहचान है भारतीय सिनेमा: अरुण अरोड़ा

‘स्व’- भारत का आत्मबोध विषय पर आधारित प्रेरणा विमर्श-2023


अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
प्रेरणा शोध संस्थान न्यास और गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के तत्वावधान में ‘स्व’- भारत का आत्मबोध विषय पर आधारित प्रेरणा विमर्श-2023 का 1 से 3 दिसम्बर तक आयोजन होने जा रहा है। विमर्श के अंतर्गत सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया, वेब मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, लेखक विमर्श, मीडिया शिक्षक एवं छात्र विमर्श
के साथ ही प्रेरणा चित्रभारती फिल्मोत्सव पर आधारित एक विशेष सत्र का भी आयोजन होने जा रहा है। इस संदर्भ में रविवार को लखनऊ में यूपी उत्तराखण्ड के संयुक्त प्रचार प्रमुख कृपा शंकर के नेतृत्व में प्रेरणा चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल के पोस्टर का लोकार्पण लखनऊ की फिल्म सोसाइटी अवध चित्र साधना की ओर से किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन लखनऊ के अवध चित्र साधना के कार्यालय में किया गया।

इस अवसर पर भारतीय चित्र साधना के संस्थापक सदस्य अरुण अरोड़ा ने कहा कि सिनेमा और संस्कृति परस्पर जुड़े हुए हैं। भारतीय सभ्यता और संस्कृति के वैश्विक प्रसार एवं प्रचार के लिये सिनेमा एक सशक्त माध्यम है। भारतीय सिनेमा भारतीयता की अनूठी पहचान है। भारतीय पुरातन, ज्ञान, संस्कृति और सभ्यता को विश्वगुरु के रूप में पहचान दिलाने के लिये सिनेमा एक सशक्त माध्यम है। यह फिल्म फेस्टिवल इसी कड़ी में नवोदित फिल्म छात्रों को एक सशक्त प्लेटफार्म देने की एक शुरूआत है।

कार्यक्रम में फिल्मोत्सव के संयोजक डॉ. यशार्थ मंजुल ने कहा कि सिनेमा सभी कलाओं को आत्मसात किए हुए है अत: इसका प्रभाव मनुष्य के मन मस्तिष्क पर अधिक होता है। आपको बता दें कि प्रेरणा विमर्श-2023 के अंतर्गत आयोजित होने वाले प्रेरणा चित्रभारती फिल्मोत्सव का विशेष सत्र छात्र केंद्रित है। जिसमें उत्तरप्रदेश और उत्तराखण्ड के प्रतिभागी ही भाग ले सकते हैं। फिल्मोत्सव में भाग लेने वाले प्रतिभागी पांच अक्टूबर तक अपने फिल्म की प्रविष्टियाँ भेज सकते हैं। इच्छुक छात्र अपनी प्रविष्टियाँ गूगल लिंक- ँ३३स्र२://स्र१ी१ल्लं२ें५ं.्रिल्ल/१ीॅ्र२३ी१ाङ्म१ा्र’े२ पर भेज सकते हैं। पुरस्कार के लिए चुनी गई फिल्मों को दो लाख रुपये की राशि से सम्मानित किया जाएगा। फिल्मोत्सव के संयोजक डॉ.यशार्थ मंजुल ने बताया कि यह फिल्मोत्सव मुख्य रूप से आजादी का अमृत महोत्सव, भारतीय लोकतंत्र, जनजातीय समाज, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड की संस्कृति, पर्यावरण, ग्राम विकास, स्वाधीनता आंदोलन, भविष्य का भारत, सामाजिक सद्भाव, धर्म एवं अध्यात्म एवं महिला सशक्तिकरण जैसे विषयों पर आधारित फिल्मों को प्रोत्साहन देने का एक प्रयास है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अवध चित्र साधना के सचिव अरुण त्रिवेदी ने कहा कि अवध क्षेत्र आरम्भ से ही फिल्म प्रतिभाओं का गढ़ रहा है। प्रेरणा चित्रभारती
फिल्म फेस्टिवल में भी क्षेत्र के नवोदित फिल्म निमार्ता बढ़-चढ़ कर भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि आज का युग डिजिटल कन्टेंट का युग है। जिसकी वजह से आज भारत के दूर-दराज के क्षेत्रों में भी फिल्म, शॉर्ट फिल्म के संदर्भ में उत्कृष्ट प्रतिभायें निकल कर आ रही हैं। प्रेरणा चित्रभारती फिल्मोत्सव के पश्चात फरवरी माह में भारतीय चित्र साधना की ओर से एक राष्ट्रीय फिल्मोत्सव का भी आयोजन किया जाएगा।

इस अवसर पर विश्व संवाद केंद्र के निदेशक अशोक सिन्हा, डॉ. इंद्रेश सिंह के साथ ही उत्तरप्रदेश और उत्तराखण्ड के संयुक्त क्षेत्र प्रचार प्रमुख कृपा शंकर, क्षेत्र प्रचार प्रमुख नरेंद्र सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *