संसद में उठेगा संभल दंगे का मुद्दा
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि संभल में दंगा भाजपा सरकार ने जानबूझ कर अपनी नाकामी छिपाने और जनता का ध्यान हटाने के लिए कराया है। भाजपा सरकार अन्याय और अत्याचार कर रही है। पुलिस ने सरकारी और निजी हथियारों से गोली चलायी है। पांच युवाओं की मौत हुई है। यह बेहद दु:खद है।
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी यह मुद्दा आज लोकसभा में उठाना चाहती थी लेकिन मौका नहीं दिया, जब मौका मिलेगा तब हम लोग इसे सदन में उठायेंगे। सपा का प्रतिनिधिमंडल भी संभल जाएगा, वहां के लोगों के दु:ख दर्द और परेशानी में शामिल होगा। उन्होंने कहा कि इसी तरह से भाजपा सरकार ने कानपुर में बड़ी संख्या में लोगों के खिलाफ अज्ञात में मुकदमा लिखाया था और वसूली की थी। उन्होंने कहा बहराईच में भी भाजपा ने दंगा कराया था, वह तो भाजपा विधायक ने ही भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर कराया था। भाजपा पहले अन्याय करती है। अगर कोई अन्याय का विरोध करता है, तो सरकार के अधिकारी उसके ही खिलाफ मुकदमा करा देते हैं। समाजवादी पार्टी के संभल के सांसद श्री जियाउर्रहमान बर्क उस दिन संभल में नहीं थे, बेंगलुरु में थे, अपने कार्यक्रम में थे। उनके खिलाफ झूठा मुकदमा लिख दिया।
यादव ने कहा कि भाजपा ने चुनाव में जो लूट की है उसे छिपाने के लिए जानबूझ कर दंगा कराया है। लोग तो यह भी कह रहे हैं कि साबरमती फिल्म देखकर कुछ लोगों को लगा कि उन्हें भी बड़ा नेता बनना है, इसीलिए यह कराया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में वोट लूटा। पुलिस से ईवीएम की बटन दबवाई। प्राइवेट ड्रेस में पुलिस लगाई थी, वोटों की चोरी और चुनावी धांधली से ध्यान हटाने के लिए दंगा कराया है। जगह-जगह से वीडियों मिले है।
अखिलेश यादव ने कहा कि संभल की शाही जामा मस्जिद के सम्बंध में 19.11.2024 में सिविल जज चंदौसी में याचिका दायर की गयी, कोर्ट ने दूसरे पक्ष को सुने बिना सर्वे का आदेष दिया गया। आदेश मिलने के बाद संभल के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक बिना आर्डर पढ़े 2 घंटे में ही सर्वे के लिए पुलिस लेकर जामा मस्जिद पहुंच गये। जामा मस्जिद की कमेटी, उलमा इकराम सभी पक्षों ने सहयोग दिया। जिस समय पहली बार कोर्ट के आदेश पर सर्वे हुआ, सभी ने पूरा सहयोग किया। ढाई घंटे सर्वे के बाद जिलाधिकारी ने कहा कि सर्वे पूरा हो गया है। अब सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में जमा की जाएगी।
उन्होंने कहा 22 नवम्बर को लोग जुमे की नमाज के लिए जामा मस्जिद पहुंचे तो पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा दी, तब भी लोगों ने संयम बरता, नमाज अदा की। किसी तरह का विरोध नहीं हुआ। 29 नवम्बर 2024 को कोर्ट में तारीख थी, सभी लोग कोर्ट की तारीख के लिए तैयारी कर रहे थे। लेकिन 23 नवम्बर 2024 की रात पुलिस प्रशासन ने कहा कि 24 की सुबह दोबारा सर्वे होगा। जब एक बार सर्वे हो गया, तो दोबारा सर्वे का आदेश किसने दिया? शाही जामा मस्जिद के वकील ने भी कहा कि जब एक बार सर्वे हो गया तो दोबारा सर्वे किसके आदेश पर होगा। अगर दोबारा सर्वे कराना है तो कोर्ट से आदेश कराएं लेकिन जिलाधिकारी ने कोई सुनवाई नहीं की। तानाशाही दिखाते हुए सुबह ही सर्वे के लिए पहुंच गये। मुस्लिम समाज के लोगों ने फिर भी धैर्य रखा, डेढ़ घंटे सर्वे के बाद जब लोगों को जानकारी हुई तो एकत्र होने लगे और सर्वे का कारण जानना चाहा। इस पर सीओ ने उनके साथ गाली गलौज की। लाठी चार्ज करवा दिया। वीडियो रिकार्डिंग है पुलिस ने अपने सरकारी और प्राइवेट असलहों से गोलियां चलायी है। दर्जनों लोग घायल हो गये, अपने घर से समान खरीदने निकले पांच युवाओं की मौत हो गयी।
यादव ने कहा कि संभल घटना के लिए याचिकाकर्ता के साथ ही प्रशासन और सरकार जिम्मेदार है। घटना के जिम्मेदार अधिकारियों को निलम्बित करना चाहिए। उन पर हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए जिससे भविष्य में कोई इस प्रकार संविधान विरोधी कार्य को अंजाम न दे सके।