Dainik Athah

रेरा ने बीसीसी इंफ्रास्ट्रक्चर की भारत सिटी परियोजना के आवंटी को बिल्डर से दिलवाया ब्याज

  • उप्र रेरा ने आवंटी को इकाई का कब्जा एवं विलम्ब अवधि का दिलवाया ब्याज
  • रेरा की कार्यवाही से आवंटी की लौटी मुस्कान, आवंटी ने जताया आभार

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
उप्र रेरा कंसिलिएशन फोरम ने प्रोमोटर मेसर्स बीसीसी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रालि की गाजियाबाद स्थित ‘भारत सिटी 2’ परियोजना के एक आवंटी मनोज कुमार सहगल को उनकी इकाई का कब्जा तथा कब्जा मिलने में हुई देरी के लिए ब्याज दिलवाया और विवाद का समाधान करा दिया।
दोनों पक्षों के मध्य आपसी सहमति से हुए समझौते के अनुसार आवंटी को तय समय से लगभग छह वर्ष बाद इकाई का कब्जा मिला, कब्जे में विलंब के कारण प्राप्त होने वाली ब्याज की राशि का समायोजन एक वर्ष के अग्रिम रख-रखाव शुल्क तथा इकाई का प्रथम हस्तांतरण नि:शुल्क करना निश्चित हुआ और इसके उपरान्त शेष राशि रुपये 75 हजार प्राप्त हुए। इकाई का कब्जा प्राप्त होने तथा विवाद का समाधान होने से सन्तुष्ट आवंटी ने उप्र रेरा के प्रयासों की सराहना की।
एग्रीमेन्ट फॉर सेल के अनुसार आवंटी ने प्रोमोटर की परियोजना में अप्रैल 2014 में एक इकाई बुक की थी। लगभग 27 लाख 65 हजार की लागत वाले इकाई के लिए आवंटी ने लगभग 26 लाख 66 हजार का भुगतान कर दिया था जिसका कब्जा अप्रैल 2017 में प्राप्त होना था। लेकिन तय समय तक इकाई का कब्जा न मिलने, अंतिम मांग राशि तथा विलंबित अवधि के ब्याज का समाधान न प्राप्त होने पर आवंटी ने 2021 में उप्र रेरा में शिकायत (145/12/86483/2021) दर्ज की थी। सुनवाई में पारित आदेश आवंटी के पक्ष में आया था जिसका अनुपलान प्रोमोटर द्वारा किया जाना था।
आवंटी ने पारित आदेश का कार्यान्वन सुनिश्चित करवाने हेतु पोर्टल पर आॅनलाइन आदेश का अनुपालन कराने का अनुरोध दर्ज किया था। मामले में अग्रिम सुनवाई करते हुए प्राधिकरण को अवगत हुआ कि प्रोमोटर ने आवंटी को कब्जा देने का प्रस्ताव दिया था लेकिन शुल्कों का समायोजन नहीं किया था जिससे लिए आवंटी ने शुल्कों की गणना कराने तथा समझौते से समाधान कराने का अनुरोध किया था और इस प्रकार मामला कंसिलिएशन फोरम में आपसी सहमति से समझौते हेतु हस्तांतरित किया गया था।


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