- रोजगार, ग्रामीण विकास और किसानों के हित में दागे सवाल
- गौतम बुद्ध नगर वासियों की तरफ से कर्मवीर नागर प्रमुख ने जताया आभार
अथाह संवाददाता
ग्रेटर नोएडा। 7 से 11 अगस्त तक चले उत्तर प्रदेश विधानसभा के द्वितीय सत्र में खतौली से रालोद विधायक मदन भैया अपने विधानसभा क्षेत्र खतौली और अपने पुराने विधानसभा क्षेत्र लोनी के साथ-साथ जनपद गौतम बुद्ध नगर के किसानों और ग्रामीणों पर भी खासे मेहरबान नजर आए।
विधानसभा सत्र के दौरान मदन भैया विधायक ने किसानों की लीजबैक करने में हो रही देरी, अर्जित भूमि के परिवार को रोजगार देने की पॉलिसी, ग्रामीण विकास, नए भू- अर्जन अधिनियम 2013 को प्रदेश में प्रभावी होने, प्राधिकरण द्वारा निजी तौर पर गढ़ी गई पुश्तैनी और गैर पुस्तैनी की परिभाषा के स्पष्टीकरण, आबादी के लीज बैक प्रकरणों की जांच हेतु गठित एसआईटी जांच रिपोर्ट पब्लिकली उजागर करने, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र के नोटिफाइड गांवों में शिक्षण संस्थाओं को एनओसी देने की पॉलिसी और यमुना, ग्रेटर नोएडा और नोएडा तीनों औद्योगिक प्राधिकरणों द्वारा गौतम बुद्ध नगर के उन तमाम 288 गांवों के विकास हेतु स्वीकृत धनराशि और उसमें से विकास कार्यों पर खर्च की गई धनराशि के संबंध में प्रश्न पूछ कर ग्रामीण क्षेत्र के प्रति प्राधिकरणों की असलियत उजागर करने का काम किया है।
मदन भैया द्वारा ग्रामीण विकास हेतु स्वीकृत धनराशि और गांव के विकास पर किए गए खर्च की धनराशि के के संबंध में पूछे गए प्रश्न के जवाब से प्राधिकरण कि गांवों के प्रति दुर्भावनापूर्ण मानसिकता स्वत स्पष्ट नजर आ रही है। क्योंकि तीनों ही प्राधिकरणों ने वह बैठक में अनुमोदित धनराशि का बहुत कम हिस्सा ग्रामीण विकास पर खर्च किया है। ऐसा केवल विगत वित्तीय वर्ष में ही नहीं हुआ बल्कि पिछले कई वर्षों की रिपोर्ट भी यही दर्शा रही है। पुश्तैनी और गैर पुश्तैनी काश्तकार के नाम पर किसानों को गुमराह करने वाले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को इन आर्टिफिशियल शब्दों का जवाब देते नहीं बना जिसके आधार पर भ्रष्टाचार का बड़ा खेल खेला जाता रहा है। जिन गैरपुश्तैनी कास्तकार की आबादी भूमि की लीजबैक जांच हेतु जनवरी 2019 को उत्तर प्रदेश शासन द्वारा गठित एसआईटी की जांच रिपोर्ट में देरी के बहाने पुश्तैनी किसानों की बैकलीज प्रक्रिया भी पिछले 4 साल से रुकी रही उस एसआईटी द्वारा जांच रिपोर्ट काफी समय पूर्व सबमिट कर देने के बावजूद पब्लिकली उजागर न किया जाना भी किसी घोटाले होने की तरफ इशारा कर रहा है। नोटिफाईड गांवों में स्कूल संचालित करने की मान्यता हेतु ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एनओसी के नाम पर शिक्षण संस्थाओं का बिना वजह किए जा रहे उत्पीड़न का तब खुलासा हुआ जब सरकार ने मदन भैया द्वारा उठाए गए प्रश्न के जवाब में बताया ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा ऐसी कोई पॉलिसी नहीं बनाई गई है। इसमें कोई दो राय नहीं कि मदन भैया विधायक द्वारा उठाए गए अनसुलझे और अनछुए प्रश्नों के जवाब से गौतम बुद्ध नगरवासी निश्चित रूप से लाभान्वित होंगें। ऐसे मामलों में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी लोगों को अब गुमराह नहीं कर सकेंगे और किसानों की बैकलीज प्रक्रिया एवं अन्य मामलों में भी प्राधिकरण की तीव्रता नजर आएगी।
यहां तक की विधानसभा में उठाए गए प्रश्नों के द्वारा रालोद विधायक मदन भैया ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा स्मार्ट विलेज की सूची में चयनित गांव मिलक लच्छी में कम्युनिटी हॉल, पुस्तकालय और खेल का मैदान बनाने के संबंध में भी विशेष तौर पर आवाज उठाई। अगर मदन भैया विधायक द्वारा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से संबंधित विधानसभा में उठाए गए प्रश्नों की बौछार की वजह के विषय में बात करें तो पिछले दिनों राष्ट्रीय लोक दल का एक प्रतिनि गया। बताया जा रहा है कि गौतम बुद्ध नगर के किसानों, बेरोजगारों और ग्रामीण विकास के संबंध में मदन भैया विधायक द्वारा उठाए गए प्रश्नों के पीछे ग्राम मिलक लच्छी निवासी कर्मवीर नागर प्रमुख की भी विशेष भूमिका रही है। कर्मवीर नागर प्रमुख ने गौतम बुद्ध नगर के किसानों और पंचायत चुनाव से वंचित और औद्योगिक नगरी क्षेत्र घोषित 288 गांवों के विकास के संबंध में खतौली विधायक मदन भैया द्वारा विधानसभा में उठाए गए प्रश्नों पर हार्दिक आभार जताया है। जैसा की सर्वविदित है कि कर्मवीर नागर प्रमुख समय- समय किसानों और ग्रामीण विकास से जुड़े अहम मुद्दों पर आवाज उठाते रह रहे हैं। गौतम बुद्ध नगर में पंचायत चुनाव बहाली के लिए भी कर्मवीर नागर प्रमुख ने माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिका दायर की हुई है प्राप्त जानकारी के अनुसार अगस्त माह के मध्य में याचिका पर सुनवाई का समय भी नियत किया गया है।