- ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली देने का किया जा रहा प्रयास
- किसानों को 10 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही
- निर्धारित शिड्यूल के अनुरूप सभी क्षेत्रों को बिजली आपूर्ति की जा रही
- पूरे प्रदेश में बिजली दी जा रही, इसलिए बिल मांग रहे
- कृषि फीडरों के अनुरक्षण कार्यों को प्राथमिकता से कराने के निर्देश
- किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि पम्पों का किया जा रहा सोलराइजेशन
- सूखे से निपटने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा पूरा प्रयास: एके शर्मा
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने गुरुवार को विधान सभा में सूखे एवं बाढ़ की स्थिति पर चर्चा के दौरान सदन में विपक्ष द्वारा लगाये गये आरोपों का करारा जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश की योगी सरकार किसानों के हित में कार्य कर रही है। किसान, गांव व खेतों के लिए आक्रामक ढंग से कार्य किया जा रहा है। फसलों की सिंचाई में व्यवधान न आये, इसके लिए 11 केवी के कृषि फीडरों से दिन में 10 घंटे (सुबह 07:00 बजे से शाम 05:00 बजे तक) विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। आज यूपीपीसीएल ने यह भी निर्णय लिया है कि स्थानीय कारणों व फाल्ट से किसानों के लिए निर्धारित 10 घंटे की विद्युत आपूर्ति में बाधा आती है तो उसकी पूर्ति निर्धारित रोस्टर के पश्चात हर-हाल में की जायेगी।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे विद्युत आपूर्ति न होेने के आरोपों पर यह भी कहा कि वैसे तो सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के लिए निर्धारित 18 घंटे की विद्युत आपूर्ति को देने का पूरा प्रयास कर रही है। फिर भी भीषण गर्मी, आंधी, तूफान या अन्य स्थानीय व्यवधानों व फाल्टों के कारण 18 घंटे के रोस्टर के अनुरूप ग्रामीण क्षेत्रों को विद्युत आपूर्ति न होने पर 17 जून, 2023 को यूपीपीसीएल ने इस सम्बंध में एक आदेश जारी किया है कि विद्युत आपूर्ति की उस कमी को शिड्यूल के बाद पूरा किया जाय। उन्होंने खासतौर से आजमगढ़, गाजीपुर के विपक्ष के विधायकों द्वारा विद्युत आपूर्ति में गड़बड़ी एवं ट्रांसफार्मर बदलने में देरी के आरोपों पर कहा कि वर्ष 2012 से 2017 तक प्रदेश में 13 हजार मेगावाट विद्युत की उच्चतम मांग थी और 2016-17 में पीक डिमांड 16110 मेगावाट रही, जबकि वर्तमान में 25 हजार से 28 हजार मेगावाट डिमांड चल रही है। इस वर्ष की अधिकतम मांग 28284 मेगावाट रही। अभी 09 अगस्त को 16494 मेगावाट प्रदेश की सबसे कम डिमांड थी। इसी प्रकार वर्ष 2022-23 में पूरे देश में 15.11 लाख मिलियन यूनिट बिजली की खपत हुई, जिसमें महाराष्ट्र की 12 प्रतिशत सर्वाधिक खपत रही, इसके बाद उत्तर प्रदेश की 9.5 प्रतिशत खपत रही। वर्ष 2022-23 में महाराष्ट्र की पीक डिमांड 28846 मेगावाट थी और उत्तर प्रदेश की पीक डिमांड 28284 मेगावाट रही। जो साबित कर रहा है कि हम देश में सर्वाधिक विद्युत उपभोगकर्ता बनने जा रहे हैं।
एके शर्मा ने कहा कि विगत 70 सालों में कुल 10.65 लाख नलकूप कनेक्शन दिये गये। योगी जी के 06 वर्षों के शासन में 04 लाख अतिरिक्त कनेक्शन देने से अब 14.65 लाख नलकूप कनेक्शन हो गये हैं। इसी प्रकार आजादी के 70 सालों में 12 लाख ट्रांसफार्मर लगाये गये लेकिन वर्ष 2017 से अब तक में 2.50 लाख अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाने से अब 14.36 लाख ट्रांसफार्मर हो गये। प्रदेश सरकार द्वारा 6-10 गुना ज्यादा स्पीड के साथ कार्य किया जा रहा है और विगत एक वर्ष में 01 लाख ट्रांसफार्मर लगाये गये। उन्होंने कहा कि गाजीपुर, आजमगढ़ क्षेत्र के विधायकों ने बिजली की व्यवस्था को लेकर पीड़ा व्यक्त की है, तो बता दूं कि गाजीपुर में 854 एवं आजमगढ़ में 850 ट्रांसफार्मर जुलाई माह में बदले गये और अभी अगस्त माह में गाजीपुर में 236 और आजमगढ़ में 200 ट्रांसफार्मर बदले गये।
एके शर्मा ने कहा कि विद्युत व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण हेतु बिजनेस प्लान के तहत 1268 करोड़ रुपए तथा आरडीएसएस योजना के तहत 13 हजार करोड़ रुपए के कार्य कराये जा रहे हैं। जुलाई माह में 3692 ट्रांसफार्मर का लोड बढ़ाया गया तथा 33872 ट्रांसफार्मर बदले गये। विगत 04 माह में लगभग एक लाख ट्रांसफार्मर को बदला गया तथा 5300 ट्रांसफार्मर का लोड बढ़ाया गया। इसी प्रकार इस दौरान 85000 जर्जर पोल को बदला गया। 20 हजार गांवों में 25 हजार किमी0 जर्जर लाइन को बदला गया।
उन्होंने कहा कि किसान, गांव एवं खेतों के लिए आक्रामक ढंग से कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में 21 हजार विद्युत फीडर हैं जिसमें से 5100 फीडरों में कृषि कार्य के कारण भार ज्यादा है। इन्हें सामान्य फीडर से अलग किया जा रहा है। अब तक 2700 फीडरों को अलग किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि पम्पों का सोलराइजेशन भी किया जा रहा है। इसके लिए एससी/एसटी, वनटांगिया, मुसहर जातियों के लिए 100 प्रतिशत तथा अन्य जातियों के लिए 90 प्रतिशत सब्सिडी का प्राविधान है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार सभी क्षेत्रों को निर्धारित शिड्यूल के अनुरूप शहरों को 24 घंटे, तहसील मुख्यालयों को 22 घंटे, ग्रामीण क्षेत्रों को 18 घंटे बिजली दे रही है। इसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं है। चाहे मऊ, गोरखपुर व वाराणसी हो या अन्य कोई जिला हो। जैसे कि पिछली सरकारों में सैफई, इटावा को ही बिजली मिलती थी और इटावा के किसी गांव से तो कभी बिल वसूला ही नहीं गया। लेकिन हम पूरे प्रदेश को बिजली दे रहे हैं, इसीलिए तो बिजली बिल भी मांग रहे हैं। उन्होंने बलरामपुर, गोण्डा, सिद्धार्थनगर जनपद के तराई क्षेत्रों में बाढ़ के कारण सब स्टेशनों के डूब जाने पर कहा कि ऐसे सब स्टेशनों को डूबने से बचाने के लिए ऊंचे स्थानों पर स्थापित करने के प्रयास किये जाएंगे।