- एक्सप्रेस-वे, हाई-वे, एयरपोर्ट के निर्माण से बेहतर हुई प्रदेश की कनेक्टिविटी
- गड्ढामुक्त हुईं प्रदेश की सड़कें, बाधारहित आवागमन के लिए बने 125 से अधिक फ्लाई ओवर
- 3000 किमी नए मार्ग और 80 अंतर्राज्यीय प्रवेश द्वार के निर्माण बढ़ा रहे प्रदेश की शोभा
- बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर से उद्योगों और उद्यमियों को भी मिल रहा समर्थन
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। गड्ढामुक्त सड़कें, एक्सप्रेस-वे का जाल, हाईवेज का निर्माण, बड़े शहरों से बेहतर कनेक्टिविटी, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, डिफेंस कॉरिडोर, इंटरनेशनल और डॉमेस्टिक एयरपोर्ट, ये सभी चीजें आज के नए यूपी की पहचान बन गई हैं। विधानसभा सत्र में विपक्ष के नेता जब सरकार से प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर सवाल पूछ रहे हैं तो योगी सरकार के 6 वर्षों की यह उपलब्धि उनके लिए चौंका देने वाली है, क्योंकि जब उनके पास प्रदेश की सत्ता थी तो न उनके पास नीति थी और न ही नीयत। सीएम योगी ने यूपी को माफियाराज और गुंडाराज से मुक्ति दिलाकर 6 वर्षों में प्रदेश को इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों के साथ लाकर खड़ा कर दिया है।
खासतौर पर कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने मिशन के रूप में जो मुहिम चलाई है, उसी का नतीजा है कि लखनऊ में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से उत्तर प्रदेश को 36 लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। बहुत जल्द इन प्रस्तावों का एक बड़ा हिस्सा ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से धरातल पर उतरता हुआ भी नजर आने वाला है।
बेहतर कनेक्टिवटी के चलते पूर्वांचल और बुंदेलखंड को भी मिला निवेश
उत्तर प्रदेश का इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्धियों की नई इबारत लिख रहा है। गड्ढामुक्त सड़कें हों, या एक्सप्रेसवे और हाईवे का निर्माण, फ्लाई ओवर हों या फिर मेट्रो और एयरपोर्ट का विकास, सभी क्षेत्रों में सरकार ने विजन के साथ कदम आगे बढ़ाए हैं। जीआईएस के दौरान तमाम निवेशकों से जब यूपी में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की गई तो सभी ने एक बात पर खासतौर पर फोकस किया और वो यूपी का इंफ्रास्ट्रक्चर ही था। उद्यमियों का मानना है कि जिस तेजी के साथ प्रदेश में एक्सप्रेसवे, हाईवे, एयरपोर्ट और फ्लाईओवर का निर्माण हो रहा है, उससे बड़े शहरों और राज्यों के बीच कनेक्टिविटी आसान हुई है। यही वजह है कि देश की राजधानी दिल्ली से सटे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा पूर्वांचल और बुंदेलखंड में भी निवेश के बड़े उद्यमी आगे आए हैं। पूर्वांचल में 10 लाख करोड़ तो बुंदेलखंड में करीब 5 लाख करोड़ के निवेश के लिए प्रदेश सरकार ने एमओयू किए हैं। इससे इन क्षेत्रों में लाखों नौकरियों का सृजन होना सुनिश्चित है।
सीएम योगी ने बिछाया एक्सप्रेसवे का जाल
अगर एक्सप्रेसवे की बात करें तो उत्तर प्रदेश जल्द ही 13 एक्सप्रेसवे वाला देश का पहला राज्य बनने की ओर अग्रसर है। फिलहाल यहां 6 एक्सप्रेसवे संचालित हो रहे हैं, जिनकी कुल लंबाई 1225 किमी है। वहीं 7 अन्य एक्सप्रेसवे पर कार्य चल रहा है जिसकी कुल लंबाई 1974 किमी है। 341 किमी. लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और 296 किमी. लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे इसी सरकार में बनकर शुरू भी हो चुका है। झांसी लिंक एक्सप्रेसवे व चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे का कार्य प्रगति पर है। वहीं बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे डिफेंस कॉरिडोर परियोजना भी शुरू हो चुकी है। गोरखपुर पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण भी प्रगति कर रहा है तो गोरखपुर से बलिया होते हुए माझी घाट तक बलिया लिंक एक्सप्रेसवे बनाए जाने का भी निर्णय लिया गया है।
गड्ढामुक्त हुईं प्रदेश की सड़कें
एक्सप्रेसवे ही नहीं, योगी सरकार ने तमाम हाईवेज और सड़कों को भी नया रूप दिया है। 60 हजार किमी. से ज्यादा की सड़कों को गड्ढामुक्त किया गया है तो 17 हजार किमी. से ज्यादा के मार्ग की विशेष मरम्मत हुई है। प्रदेश में 125 फ्लाईओवर और 80 अंतर्राज्यीय स्वागत द्वारों का निर्माण हो रहा है। 2941 किमी. लंबे मार्गों का नव निर्माण एवं 2242 किमी मार्गों का चौड़ीकरण किया गया है। इसी क्रम में 70 नए राज्य मार्ग जिनकी लंबाई 5604 किमी है, जबकि 57 नए प्रमुख जिला मार्ग जिनकी लंबाई 2831 किमी है घोषित किए गए हैं। 26 तहसील मुख्यालयों और 151 ब्लॉक मुख्यालयों को 2 लेन मार्ग से जोड़ा जा रहा है तो राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों एवं शहीदों के गांव तक मार्गों का निर्माण किया जा रहा है।
उड़ान को लगे नए पंख
उत्तर प्रदेश 5 अंतर्राष्ट्रीय और 16 घरेलू हवाई अड्डों के साथ 21 एयरपोर्ट वाला इकलौता राज्य बनने की ओर से अग्रसर है। जेवर में देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट विकसित किया जा रहा है तो अयोध्या में भी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है। कुशीनगर, वाराणसी और लखनऊ में पहले से ही अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा अलीगढ़, आजमगढ़, चित्रकूट, सोनभद्र तथा श्रावस्ती में एयरपोर्ट के संचालन व प्रबंधन के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी आॅफ इंडिया से समझौता हो चुका है। कनेक्टिविटी की बात करें तो प्रदेश के 80 गंतव्यों के लिए वायु सेवा की सुविधा उपलब्ध है। गोरखपुर से विभिन्न स्थानों के लिए 14 फ्लाइट्स तो प्रयागराज से 12 फ्लाइट्स संचालित की जा रही हैं।
मेट्रो, इंडस्ट्रियल पार्क, स्मार्ट सिटी परियोजनाएं भी कर रहीं प्रगति
इसके अतिरिक्त बरेली के बहेड़ी में मेगा फूड पार्क, नोएडा में 1000 एकड़ एकड़ भूमि पर अंतर्राष्ट्रीय फिल्म सिटी की स्थापना, अटल इंडस्ट्रियल मिशन की शुरूआत, यमुना एक्सप्रेसवे पर मेडिकल डिवाइस पार्क प्रगति पर है। 4 शहरों (नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ और कानपुर) में मेट्रो रेल सेवा प्रारंभ की जा चुकी है, जबकि आगरा में भी ट्रायल रन हो चुका है और गोरखपुर के लिए भी डीपीआर तैयार है। अयोध्या, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गाजियाबाद, मथुरा-वृंदावन, मेरठ व शाहजहांपुर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए 547 करोड़ की परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 4007 किमी. सड़कों का निर्माण किया जा चुका है।