- गरीब युवाओं को हवाई यात्रा के साथ सिविल एविएशन के क्षेत्र में रोजगार भी दे रही सरकार
- 2017 के बाद से योगीराज में नागरिक उड्डयन क्षेत्र निरंतर प्रगति के पथ पर है अग्रसर
- 2021 में 70 तो 2022 में 80 फीसदी युवाओं को विभिन्न एयरलाइंस में मिली नौकरी
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। पीएम मोदी के मार्गदर्शन में एक तरफ योगी सरकार जहां यूपी के आम नागरिकों के हवाई सफर के सपनों को पूरा कर रही है तो वहीं नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में युवाओं को रोजगार से जोड़कर उनकी ख्वाहिशों को उड़ान भी प्रदान की जा रही है। 2017 के बाद से ही योगीराज में नागरिक उड्डयन क्षेत्र प्रगति के साथ आगे बढ़ रहा है। 3 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला यूपी बहुत जल्द 5 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला राज्य हो जाएगा। लिहाजा यहां के युवाओं को रोजगार भी काफी तेजी से मिल रहा है। योगीराज में इस क्षेत्र में रोजगार की तैयारियों में जुटे युवाओं को विभिन्न एयरलाइंस में नौकरी मिल चुकी है। बीते दो वर्षों पर ही नजर डालें तो 2021 में 70 फीसदी तो 2022 में 80 फीसदी युवा नौकरी पाने में सफल रहे हैं।
एयरोनॉटिकल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट कई स्ट्रीम में दे रहा त्रिवर्षीय डिप्लोमा प्रशिक्षण
नागरिक उड्ड्यन विभाग के अधीन क्रियाशील एयरोनॉटिकल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट भारत सरकार के अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, यूपी की प्राविधिक शिक्षा परिषद, भारत सरकार के महानिदेशक नागर विमानन व नेशनल बोर्ड आॅफ एक्रीडिटेशन संस्था से मान्यता प्राप्त है। इंस्टीट्यूट की ओर से एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस इंजीनियरिंग (एएमई) का त्रिवर्षीय डिप्लोमा प्रशिक्षण मैकेनिकल, एवियानिक्स व हेलीकॉप्टर स्ट्रीम में दिया जा रहा है। प्रत्येक पाठ्यक्रम में प्रतिवर्ष 30-30 छात्र- छात्राओं को एयरलाइंस में रोजगार के लिए तैयार किया जाता है। वर्तमान में यहां 191 विद्यार्थी यहां तैयारी कर रहे हैं। संस्थान में 12 प्रवक्ताओं की टीम है। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद, उप्र द्वारा आयोजित संयुक्त प्रवेश परीक्षा के जरिए यहां युवाओं का प्रवेश होता है।
तीनों स्ट्रीम में यूपी के युवाओं को मिली ऊंची उड़ान
संस्थान के छात्रों को एयर इंडिया, इंडिगो, विस्तारा समेत विभिन्न एयरलाइंस में प्लेसमेंट का अवसर मिलता है। योगी सरकार में इस क्षेत्र में युवाओं के सपनों को काफी तेजी से मंजिल मिली। एएमई (मैकेनिकल) में 2018 में 18 छात्र उत्तीर्ण हुए, इसमें से 17 को प्लेसमेंट मिला। 2019 में यह आंकड़ा 21 और 18 का रहा। 2020 में 15 छात्र उत्तीर्ण हुए और 10 को प्लेसमेंट मिला। 2021 में उत्तीर्ण 19 में से 14 को प्लेसमेंट मिला। वहीं सत्र 2022 में एएमई (मैकेनिकल) में 24 छात्र उत्तीर्ण हुए और 19 को प्लेसमेंट मिला। वहीं एएमई ( एवियानिक्स) में 2018 में 12 छात्र उत्तीर्ण हुए और 10 को प्लेसमेंट मिला। 2019 में यह आंकड़ा 16-13 का रहा। 2020 में 17 युवा इस स्ट्रीम में उत्तीर्ण हुए और 12 को रोजगार मिला। 2021 में 23 उत्तीर्ण में से 19 को प्लेसमेंट और 2022 में 24 छात्रों में से 20 को प्लेसमेंट मिला।
प्लेसमेंट के आंकड़े कह रहे सफलता की कहानी
एएमई (हेलीकॉप्टर स्ट्रीम) में 2020 में 21 युवा उत्तीर्ण हुए, 18 को प्लेसमेंट मिला। 2021 में यह आंकड़ा 23-13 का रहा और 2022 में इस स्ट्रीम में 17 युवा उत्तीर्ण हुए, इसमें से 17 छात्र प्लेसमेंट पाने में सफल रहे। वहीं नागरिक उड्डयन क्षेत्र में कुल छात्रों का प्लेसमेंट प्रतिशत भी काफी शानदार रहा। 2018 में 90, 2019 में 83, 2020 में 75, 2021 में 70 व 2022 में 80 फीसदी युवाओं को प्लेसमेंट का अवसर प्राप्त हुआ।