- जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने समीक्षा बैठक में कसे पेंच
- संपत्तियों का निस्तारण कर पांच सौ करोड़ रुपयों की व्यवस्था जल्द करें: जीडीए उपाध्यक्ष
- अवैध निर्माण के खिलाफ तेज करें कार्रवाई, इसका संदेश भी जाना चाहिये
विशेष संवाददाता
गाजियाबाद। शिकायतों के त्वरित निस्तारण व विभागों में सामंजस्य केप अभाव में अपेक्षित परिणाम सामने न आने पर अंकुश के लिए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह के नेतृत्व में आयोजित समीक्षा बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस मैराथन बैठक में जीडीए उपाध्यक्ष एवं जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने जहां संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए वहीं काम में कोताही बरतने के मामले में कइयों के पेच भी कसे। नियोजन विभाग के कामकाज में और गुणवत्ता लाने पर बल देते हुए उन्होंने उदासीन रवैया अपनाने वाले अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के संकेत भी दिए। प्राधिकरण सभागार में लगभग पांच घंटे चली इस बैठक में उपाध्यक्ष के अलावा सचिव से लेकर सहायक अभियंता स्तर के तमाम अफसर मौजूद थे।
ज्ञातव्य है कि अपने लगभग 14 माह के कार्यकाल के दौरान उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने अपने अधीनस्थों के साथ पहली बार मैराथन बैठक आहूत की है। गौरतलब है कि बीते साल 15 जून को प्राधिकरण का अतिरिक्त कार्यभार संभालने के पश्चात से ही राकेश कुमार सिंह अधिकारियों को कार्यशैली सुधारने के निर्देश देते रहे हैं। सप्ताह में मात्र दो दिन प्राधिकरण में बैठने के बावजूद लगभग सवा साल का उनका कार्यकाल सराहनीय स्तर का रहा है। प्राधिकरण का अतिरिक्त दायित्व संभालने के बाद से ही उन्होंने आर्थिक रूप से तंगी के दौर से गुजर रहे प्राधिकरण के जहाज को डूबने से बचाए रखा। जिसके लिए उनकी कई स्तरों पर सराहना भी की जा चुकी है।
अपने अल्प कार्यकाल में ही राकेश कुमार सिंह ने जीडीए में अर्से से लंबित पड़े कई गंभीर प्रकरणों के निस्तारण में रुचि लेने के साथ-साथ प्राधिकरण को वित्तीय हानि पहुंचाने वाले कई ढ़ांचों को भी ध्वस्त किया है। उन्होंने अपने कार्यकाल के पहले दिन से ही अवैध निर्माण के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। सीमित संसाधनों और सीमित श्रम शक्ति की वजह से प्रवर्तन विभाग पर सिंह वह अंकुश नहीं लगा पाए जिसके लिए वह जाने जाते हैं। गुरुवार की मैराथन बैठक में उन्हें उन्होंने सभी विभागाध्यक्ष को अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने व पत्रावलियों का निस्तारण त्वरित गति से करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि एक ही छत के नीचे संपत्ति विभाग का अभियंत्रण विभाग से, अभियंत्रण विभाग का नियोजन विभाग से, नियोजन विभाग का अर्जन विभाग से समन्वय न होने का खामियाजा पूरे प्राधिकरण के साथ-साथ आम जनता को भी भुगतना पड़ता है। आज की बैठक में भी सिंह ने सभी जोनों में धड़ल्ले से चल रहे अवैध निर्माण के खिलाफ और सख्त अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि आवास विकास परिषद की आवास योजना में एक बहुमंजिला इमारत को ध्वस्त किया जा रहा है। जीडीए उपाध्यक्ष ने इस प्रकरण का उदाहरण देते हुए प्रवर्तन विभाग के समस्त अधिकारियों को संकेत दिया है कि शिकायत मिलने पर उनके खिलाफ भी कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। विभागीय सूत्रों का कहना है कि बैठक में भाग लेने वाले सभी संबंधित अधिकारियों को पूर्व में ही सूचना दिए जाने के बावजूद प्राधिकरण के दोनों नगर नियोजक बैठक में उपस्थित नहीं हुए। उन्होंने एक एक नगर नियोजक को फोन किया और जमकर लताड़ भी लगाई।
समीक्षा बैठक की बाबत जानकारी देते हुए प्राधिकरण सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने संपत्ति विभाग से विक्रय योग्य संपत्ति चिन्हित कर नीलामी के माध्यम से निस्तारित करने की व्यवस्था की बहाली के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्देश दिये कि पांच सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था संपत्तियों को निस्तारित कर जल्द करें। अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए प्रवर्तन विभाग के अलावा प्राधिकरण में दो स्तरीय ध्वस्तीकरण दस्ता भी तैनात किया जाएगा। जो अवैध निर्माण की शिकायत मिलने पर त्वरित कार्यवाही करेगा। इसमें तैनात अधिकारियों की तैनाती में जल्दी-जल्दी बदलाव भी किया जाता रहेगा। श्री सिंह ने बताया कि राजनगर एक्सटेंशन के दो मुख्य मार्गों में अवरोध की वजह से इलाके के मानचित्र स्वीकृति में अड़चन आ रही हैं। श्री सिंह ने बताया कि उपाध्यक्ष महोदय ने इस अड़चन को दूर कर इस क्षेत्र के मानचित्रों के भी त्वरित गति से निस्तारण के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा मास्टर प्लान इन्वेस्टर्स फ्रेंडली हो जिससे उस क्षेत्र में इन्वेस्ट करने वालों को लाभ हो। बैठक में उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह, सचिव राजेश कुमार सिंह, अपर सचिव सीके त्रिपाठी, विशेषाधिकारी सुशील कुमार चौबे व गुंजा सिंह के अलावा वित्त नियंत्रक अशोक बाजपेई, मुख्य अभियंता मानवेंद्र कुमार सिंह, अधीक्षण अभियंता आलोक रंजन, प्रशांत गौतम, आरके सिंह व विपिन कुमार सहित बड़ी संख्या में अभियंता उपस्थित थे।
इन रिंग रोड के शेष बचे कार्य को जल्द पूर्ण किया जाये
राकेश कुमार सिंह ने बैठक में इनर रिंग रोड की समीक्षा भी की। बताया गया कि करीब 1.1 किमी सड़क बननी शेष है। इस पर उन्होंने निमार्ण कार्य जल्द पूरा करने के निर्देश दिये। इसका निरीक्षण वे जल्द करेंगे। इनर रिंग रोड बनने से करहैड़ा से मनन धाम (मेरठ रोड) पहुंचना आसान हो जायेगा।