Dainik Athah

सरकार के पास जरूरतमंद के इलाज के लिए पैसे की कमी नहीं: सीएम

  • सीएम योगी ने मेदांता हॉस्पिटल की कैंसर यूनिट का किया उद्धाटन
  • अब प्रदेश के मरीजों को कैंसर के इलाज के लिए नहीं लगानी पड़ेगी मुंबई और दिल्ली की दौड़

अथाह ब्यूरो
लखनऊ
। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि आसपास के देशों और अन्य राज्यों से मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं। ऐसे में उन्हे अच्छे इलाज की सुविधा प्राप्त हो सके। इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए मेदांता हॉस्पिटल ने अपने स्थापना काल से ही इलाज के 8 स्टैंडर्ड बनाए, जिसे लेकर वह निरंतर आगे बढ़ रहा है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को मेदांता अस्पताल में कैंसर यूनिट के उद्धाटन पर कही। इस दौरान उन्होंने कीमोथेरेपी यूनिट, वार्ड और वर्चुअल आईसीयू का निरीक्षण किया।

हर जरूरतमंद के साथ खड़ी है सरकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मेदांता लेटेस्ट टेक्नोलॉजी को अपनाते हुए अब उन कैंसर पेशेंट का इलाज करेगा जो लंबे समय से इसकी डिमांड कर रहे थे। इसमें खासतौर पर वेरियन एज रेडियोथेरेपी मशीन है, जो रेडिएशन के साइड इफेक्ट को कम करने में मदद करती है। इसकी स्थापना से कैंसर के पेशेंट को मुंबई या दिल्ली जाने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा। कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने प्रधानमंत्री मोदी का वाराणसी में टाटा कैंसर इंस्टिट्यूट की यूनिट स्थापित करने पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पिछले 3 वर्षों में इस यूनिट का 21000 से अधिक पेशेंट लाभ उठा चुके हैं। प्रदेश सरकार ने अपने स्तर पर लखनऊ में कैंसर इंस्टिट्यूट की स्थापना की है, लेकिन कॉरपोरेट क्षेत्र में भी इस प्रकार की सुविधा उपलब्ध हो, इसके लिए उन्हे आगे आना चाहिये। डबल इंजन की सरकार कैंसर पीड़ित पेशेंट हो या कोई अन्य जरूरतमंद के इलाज के लिए विभिन्न स्कीम चला रही है। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत या फिर मुख्यमंत्री रिलीफ फंड से इलाज के लिए पैसे दिये जा रहे हैं। डबल इंजन की सरकार बिना भेदभाव के जरूरतमंद को इलाज के लिए धनराशि उपलब्ध करा रही है ताकि उपचार के अभाव में किसी की मौत न हो। वहीं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत हर वर्ष पांच लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा का कवर दिया जा रहा है।

दूरदराज इलाके में बेहतर इलाज का माध्यम है टेली मेडिसिन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे जनप्रतिनिधि और विधायक भी अपनी निधि से पेशेंट के इलाज के लिए 20 से 25 लाख रुपए सालाना सहायता दे सकते हैं। आज इलाज के लिए पैसे की कमी नहीं है, लेकिन क्वालिटी हेल्थ सर्विसेज जरूरी है। सीएम योगी ने कहा कि हाईली क्वालिफाइड डिग्री लेने के बाद कोई भी डॉक्टर बहुत ग्रामीण इलाके में जाने से कतराता है। ऐसे में उन एरिया में भी स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सके, उसका एक बेहतर माध्यम है टेली मेडिसिन। इसके माध्यम से हम ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में वहां के चिकित्सकों और टेक्नीशियन को थोड़ी ट्रेनिंग देकर बेहतर इलाज दे सकते हैं। इसी कड़ी में आज मेदांता ने 3 जनपदों प्रयागराज, अयोध्या और महराजगंज को टेलीकंसल्टेशन और वर्चुअल आईसीयू की सुविधा दी है। इससे बड़ी संख्या में मरीजों को लाभ मिलेगा और लखनऊ का लोड कम होगा। इससे पहले कोविड-19 महामारी के दौरान प्रदेश के सभी जिलों में केजीएमयू और एसजीपीजीआई ने वर्चुअल आईसीयू को शुरू किया था। कार्यक्रम में वर्चुअली मेदांता समूह के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. नरेश त्रेहन जुड़े। वहीं कार्यक्रम में मेदांता ग्रुप के सीईओ पंकज साहनी, मेदांता लखनऊ के एमडी डॉ. राकेश कपूर आदि मौजूद रहे।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *