1090 चौराहे से गोमती नगर रिवर फ्रन्ट के मार्ग पर मानव श्रृंखला का निर्माण एवं प्रदेश मुख्यालय से बाँदा तक जल मैराथन यात्रा का शुभारम्भ कार्यक्रम
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश देश का एक मात्र राज्य है जहां भूगर्भ जल संरक्षण एवं संवर्धन पर जागरूकता के लिए प्रत्येक वर्ष भूजल सप्ताह 16 से 22 जुलाई के मध्य उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में विभिन्न जल-जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है। इस बार अभिनव प्रयास करने हेतु भूगर्भ विभाग, उ0प्र0 द्वारा भूजल सप्ताह के शुभारम्भ के अवसर पर भूजल के प्रति व्यापक स्तर पर जन संदेश प्रसारित करने के उद्देश्य से एवम् भूजल संचयन एवं संवर्धन के संदेश को अधिक प्रभावी बनाने हेतु प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ’’1090 चौराहे से गोमती नगर रिवर फ्रन्ट के मार्ग पर मानव श्रृंखला’’ का निमार्ण किया गया। इस कार्यक्रम में राजधानी के विभिन्न स्कूलो के छात्र-छात्राओं, अध्यापकों एन0सी0सी0 कैडेट्स एवं उनके अभिभावकों तथा नागरिको ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। जल संचयन के संदेश के प्रसारण को नया आयाम देने के उद्देश्य से जल शक्ति मंत्री द्वारा जल मैराथन जो कि ‘‘लखनऊ से प्रारम्भ होकर रायबरेली, फतेहपुर होते हुए बॉदा जनपद तक’’ का झण्डी दिखाकर शुभारम्भ किया गया। मैराथन की अवधि में विभिन्न स्थलों पर जल-चौपाल, नुक्कड नाटक एवम् अन्य जन-जागरूकता का आयोजन किया जाएगा।
मंत्री जी स्वयं छात्र-छात्राओं एवं नागरिकों द्वारा 1090 चौराहे पर बनाये गये मानव श्रंृखला का हिस्सा बने तथा उनका उत्साह वर्धन किया एवं बच्चों एवं नागरिकों से संवाद में कहा कि प्रदेश के महापर्व भूजल सप्ताह पर भूजल सरंक्षण की आवश्यकता एवं महत्व को जन मानस तक प्रभावी ढ़ंग से पहुचाया जाए, जिसमें हमारा प्रयास यह होना चाहिए कि आम जनता भूजल के महत्व को समझे और आगे आकर इसके भूजल संचयन एवं इसके संरक्षण में अपना भरपूर योगदान दे, जल संचयन एवं संरक्षण के कार्यो में वृहद स्तर पर भूजल जन जागरूकता सृजित करने के लिए सामाजिक सहभागिता के सिद्धान्त को प्रदेश में अपनाये जाने की आवश्यकता है। मंत्री जी द्वारा यह भी कहा गया कि आइये, हम सब मिलकर यह संकल्प ले कि प्रदेश के हर गाँव, हर शहर हर जनपद में भूजल के स्रोतों के सुरक्षा, संरक्षण एवं इसका दुरूपयोग रोकने तथा बारिश की हर बूँद को बचाने एवं संरक्षित करने का प्रयास करेगें एवं मंत्री जी द्वारा ’’यह संकल्प निभाना है, हर एक बूँद बचाना है’’ का संदेश आम जनमानस को दिया तथा स्कूली बच्चो के साथ स्वयं भी उद्घोष किया।
इस उपलक्ष्य में माननीय मंत्री जी ने सभी प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि भूजल संरक्षण संवर्धन एवं प्रबंधन को जन आन्दोलन से जल आन्दोलन का स्वरूप दे। इसके तहत हम सभी छोटे-छोट प्रयास जैसे वर्षा जल संचयन, जल की बर्बादी को बचाना, तालाबों को साफ रखना, कम जल वाली फसलें उगाना, टपक व फव्वारा सिंचाई इत्यादि से भूगर्भ जल को संरक्षित कर सकते हैं।
जल शक्ति मंत्री, स्वंत्रत देव सिंह ने कहा भूजल सप्ताह जैसे कार्यक्रमों से भूजल संरक्षण के प्रति लोगों में वृहद स्तर पर जागरूकता भी होती है।
इस अवसर पर स्थानीय नुक्कड़ नाटक की टीम द्वारा जल संचायन एवं जल संर्वधन के विषय पर आम जन मानस को जागरूक करने के लिए प्रस्तुतिकरण दिया गया। उक्त कार्यक्रम में भूगर्भ विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारियों/कर्मचारियों एवं ‘‘स्वप्न फाउन्डेशन‘‘ तथा ‘‘वाटर ऐड‘‘ संस्था के सदस्यांे ने उत्साह पूर्वक सहभाग किया।
कार्यक्रम के अन्त में वी0के0 उपाध्याय, निदेशक, भूगर्भ जल विभाग ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए विश्वास दिलाया कि आम जनमानस को जागरुक करने के लिए भूजल सप्ताह जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहेंगे इन गतिविधियों द्वारा न सिर्फ जन-जन तक जल संरक्षण, संवर्धन के महत्व का संदेश प्रसारित होगा अपितु आम जन मानस को इसमें सहभागिता का अवसर मिलेगा।