- मासूम बच्ची सहित तीन अन्य घायल
- सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना को गम्भीरता से लेते हुए की जांच के लिए एस आई टी गठित की
- तीन सदस्यीय SIT में मोहित अग्रवाल ADG टेक्निकल, नीलब्ज़ा चौधरी, प्रवीण कुमार आईजी अयोध्या एक सप्ताह में जाँच पूरी करने के निर्देश
- वकील की ड्रेस में आया हमलावर गिरफ्तार
- मौके से भाग रहे हमलावर को वकीलों ने पकड़ लिया और उसकी जमकर पिटाई की
अथाह संवाददाता
लखनऊ। बुधवार दोपहर केसरबाग स्थित कोर्ट में पेशी पर आए बदमाश संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हमलावर वकील की ड्रेस में आया था। उसने दोपहर 3.50 बजे कोर्ट के अंदर 9 एम एम की पिस्टल से 5-6 राउंड फायरिंग की। हमले में जीवा की मौके पर मौत हो गई। जबकि एक बच्ची और दो अन्य को भी गोली लगी है। अचानक हुई गोलीबारी से कचहरी में अफरा तफरी मच गई।
मौके से भाग रहे हमलावर को वकीलों ने पकड़ लिया और उसकी जमकर पिटाई की। पुलिस ने किसी तरह उसे वकीलों से छुड़ाया। हमलावर का नाम विजय यादव है। वह जौनपुर का रहने वाला है। उसने जीवा की हत्या क्यों की? इस बारे में अभी कुछ पता नहीं चल पाया है। कोर्ट को छावनी में तब्दील कर लिया है। वारदात के बाद वकील आक्रोशित हो गए। पुलिस से धक्का-मुक्की की। कई पुलिसकर्मी को गेट से बाहर निकालकर गेट बंद कर दिया।
सीएम ने गठित की एसआई टी सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना को गम्भीरता से लेते हुए की जांच के लिए एस आई टी बनाई है। ए डीजी टेक्निकल मोहित अग्रवाल, नीलब्जा चौधरी और अयोध्या आईजी प्रवीण कुमार को जांच की जिम्मेदारी दी है। तीनों अधिकारियों से 7 दिन में जांच पूरी कर रिपोर्ट देने को कहा गया है
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पूरी वारदात 3.50 बजे से 3.55 बजे के बीच हुई है। संजीव जीवा को पुलिस कस्टडी में लेकर एससी/एसटी कोर्ट पहुंची थी। तभी वहां पहले से मौजूद हमलावर ने जीवा को टारगेट करते हुए फायरिंग शुरू कर दी। इससे वहां भगदड़ मच गई। जीवा कोर्ट में जमीन पर गिर गया। पूरी वारदात पांच मिनट में हो गई। घटना के बाद आरोपी भागने लगा जिसे वकीलों ने पकड़ लिया और पिटाई की।
18 महीने की बच्ची समेत 3 लोग हुए घायल
कुछ देर बाद मौके पर पहुंची पुलिस जीवा और तीन अन्य घायलों को बलरामपुर अस्पताल ले गई। सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि जीवा को जब हॉस्पिटल लाया गया था, तब उसकी मौत हो चुकी थी। वहीं, 18 महीने की बच्ची लक्ष्मी को पीठ में गोली लगी है। उसकी हालत गंभीर है। उसे हायर सेंटर के लिए रेफर किया गया है। वहीं, एक पुलिसकर्मी के पैर में गोली लगी है। जबकि दूसरा भगदड़ में जख्मी हुआ है।
हत्याकांड से नाराज वकीलों ने कचहरी का गेट बंदकर पुलिसकर्मियों को बाहर कर दिया।
मां बोली- खून निकला तो पता चला कि गोली लगी है
गाजीपुर की रहने वाली नीलम ने बताया, मैं बच्ची के साथ ससुर की पैरोकारी के लिए कोर्ट में आई थी। इस दौरान ही घटना हुई। बच्ची सो गई थी इसलिए मैंने उसे जमीन पर लिटाया था तभी अचानक से फायरिंग शुरू हुई। मैंने बच्ची को तुरंत गोद मे उठाया और बाहर की ओर भागी।
थोड़ी देर में ही उसके शरीर से खून निकलने का अहसास हुआ। तब पता चला कि उसे गोली लगी है। एडवोकेट सुनील कुमार ने बताया कि करीब डेढ़ घंटे बलरामपुर अस्पताल में बर्बाद किए बाद में उसे ट्रॉमा सेंटर रिफर किया गया। फिलहाल बच्ची की हालत नाजुक है।
गोलीकांड की सूचना पर कोर्ट के बाहर अफरा-तफरी का माहौल रहा।
मुख्तार अंसारी का करीबी था जीवा
जीवा मुख्तार अंसारी का करीबी था। वह लखनऊ जेल में बंद था। हाल ही में प्रशासन ने उसकी संपत्ति भी कुर्क की थी। जीवा मुजफ्फरनगर का रहने वाला था। शुरुआती दिनों में वह एक दवाखाने में कंपाउंडर की नौकरी करता था। बाद में उसी दवाखाने के मालिक को ही अगवा कर लिया था।
इस घटना के बाद जीवा ने 90 के दशक में कोलकाता के एक कारोबारी के बेटे का भी अपहरण किया और फिरौती में दो करोड़ रुपए की मांग की। इसके बाद जीवा हरिद्वार की नाजिम गैंग से जुड़ा, फिर सतेंद्र बरनाला के साथ भी जुड़ा। वह खुद अपना भी एक गैंग बनाना चाहता था।
वारादात के बाद वकीलों ने हंगामा किया। पुलिस से नोकझोंक और धक्का-मुक्की भी हुई है।