दुनिया के बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Micfosoft) ने अपने पॉपुलर ब्राउजर, इंटरनेट एक्सप्लोरर 11 (IE11) और एज ब्राउजर (Edge Browser) को बंद करने का फैसला कर लिया है. कंपनी बहुत जल्द इन दोनों ब्राउजर्स के लिए टेक्नीकल सपोर्ट भी बंद कर देगी.
नई दिल्ली: इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों के लिए एक चौंकाने वाली खबर आ रही है. दुनिया के बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट (Micfosoft) ने अपने पॉपुलर ब्राउजर, इंटरनेट एक्सप्लोरर 11 (IE11) और एज ब्राउजर (Edge Browser) को बंद करने का फैसला कर लिया है. कंपनी बहुत जल्द इन दोनों ब्राउजर्स के लिए टेक्नीकल सपोर्ट भी बंद कर देगी.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक Microsoft ने घोषणा की है कि साल 2021 की शुरुआत से वह Internet Explorer 11 और Edge Browser को बंद करने जा रही है. यानि 2021 में Microsoft इन दोनों सर्विसेज को सपोर्ट नहीं करेगी. इंटरनेट एक्सप्लोरर 11 को बंद करने की प्रक्रिया इसी साल 30 नवंबर से शुरू हो जाएगी.
यह भी पढ़े:- Asus Zenfone 7 जल्द होगा लॉन्च ट्रेलर पोस्ट कर दी जानकारी
इसके बाद माइक्रोसॉफ्ट 365 (Microsoft 365 ) ऐप्स और सर्विसेस 17 अगस्त 2021 से शुरू होने वाले ब्राउजर को सपोर्ट नहीं करेंगी. साधारण शब्दों में कहें तो यूजर्स Internet Explorer 11 पर Microsoft की सर्विसेज जैसे कि Outlook, OneDrive और Office 365 का उपयोग नहीं कर पाएंगे. यूजर्स तकनीकी रूप से माइक्रोसॉफ्ट डिवाइस से ब्राउजर को अन-इंस्टॉल नहीं कर पाएंगे, लेकिन कंपनी की तरफ से इसके लिए किसी भी तरह का अपडेट जारी नहीं किया जाएगा.
क्रोमियम-बेस्ड एज ब्राउजर आएगा बाजार में
7 महीने बाद माइक्रोसॉफ्ट क्रोमियम बेस्ड एज ब्राउजर (Chromium Based Edge Browser) पेश करेगी, जो विंडोज (Windows) और मैक (Mac) ऑपरेटिंग सिस्टम के सभी स्पोर्टेड वर्जन में मिलेगा. नए एज ब्राउजर में एक डेडिकेटेड इंटरनेट एक्सप्लोरर मोड शामिल किया गया है. साथ ही नया ब्राउजर माइक्रोसॉफ्ट 365 सब्सक्राइबर्स को तेज वेब एक्सेस उपलब्ध कराएगा.
हाल में आईं कुछ खबरों के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट एज ने मोजिला फायरफॉक्स को पीछे छोड़ते हुए और गूगल क्रोम के नजदीक आने के बाद सबसे लोकप्रिय डेस्कटॉप वेब ब्राउजर की दौड़ में दूसरा स्थान बरकरार रखा है.
बताते चलें कि दुनियाभर में लैपटॉप और डेस्कटॉप इस्तेमाल करने वाले 5 फीसदी से भी कम लोग इंटरनेट ब्राउजिंग के लिए इंटरनेट एक्सप्लोरर का इस्तेमाल करते हैं. कुल मिलाकर 4.23 फीसदी यूजर्स ही इससे प्रभावित होंगे.