- गोवंश पोषण मिशन के तहत निराश्रित गोवंश संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा की गई महत्वपूर्ण पहल का सकारात्मक प्रभाव
- प्रदेश में गोवंश संवर्धन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर खर्च हुए 1681 करोड़ रुपए
- गोवंश के भरण-पोषण के लिए भूसा संग्रहण व गो आश्रय पोर्टल को और प्रभावी बनाने की दिशा में भी प्रयासरत है योगी सरकार
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को ‘उत्तम प्रदेश’ बनाने की दिशा में काम कर रही योगी सरकार की एक और महत्वपूर्ण पहल का बेहद सकारात्मक प्रभाव प्रदेश में देखने को मिल रहा है। योगी सरकार का विजन राज्य की जनता के साथ ही पशुधन को भी सुशासन की नीतियों के जरिए समुचित लाभ पहुंचाने का है। इस दिशा में प्रदेश सरकार पशुधन नीति के अंतर्गत गोवंश संरक्षण में भी मिसाल कायम करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। निराश्रित गोवंश का संरक्षण और संवर्धन हमेशा से प्रदेश सरकार की मुख्य प्राथमिकताओं में शामिल रहा है और इस दिशा में प्रदेश सरकार ने अब तक के कार्यकाल में काफी हद तक सकारात्मक रूप से कार्य भी किया है। मुख्य सचिव के समक्ष प्रस्तुत किए गए आंकड़ों से यह बात सामने आई है कि प्रदेश में योजना की शुरूआत से लेकर 31 मार्च 2023 तक कुल 1681.61 करोड़ रुपए खर्च करके 11 लाख 57 हजार 204 निराश्रित गोवंश को संरक्षण प्रदान किया गया है। योगी सरकार द्वारा मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के तहत गो-आश्रय पोर्टल पर संबंधित आंकड़ों की अपलोडिंग के लिए एक सप्ताह की समयसीमा निर्धारित की गई है जिससे जून माह 2023 का भुगतान जुलाई के पहले हफ्ते में होना सुनिश्चित हो सके।
6889 गो आश्रय स्थलों पर गोवंश का संवर्धन
प्रदेश में 31 मार्च 2023 तक 6066 अस्थाई गो आश्रय स्थलों में 9 लाख 15 हजार 125 गोवंश को संरक्षण प्राप्त हुआ। वहीं, 280 वृहद गो संरक्षण केंद्रों में 1 लाख 39 हजार 60 गोवंश, कान्हा गोशाला में 85 हजार 867 गोवंश व 328 कांजी हाउस में 17 हजार 156 गोवंश का संवर्धन हो रहा है। इस प्रकार, मुख्यमंत्री सहभागी योजना में सुपुर्द गोवंश पोषण मिशन के अंतर्गत (1 लाख 81 हजार 815 व 3600) कुल 11 लाख 57 हजार 204 गोवंश को प्रदेश में उचित संरक्षण प्राप्त है।
भूसे की समुचित व्यवस्था पर फोकस
प्रदेश में गोवंश संरक्षण के लिए वर्ष 2023-24 में कुल 80 लाख कुंतल का लक्ष्य सुनिश्चित किया गया है। ऐसे में, दान के रूप में 24 लाख कुंतल और क्रय के जरिए 56 लाख कुंतल भूसा जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 3 मार्च 2023 तक दान के रूप में 3.077 लाख कुंतल और क्रय के जरिए 19.35 लाख कुंतल भूसा संचय किया जा चुका है जो कि वार्षिक निर्धारित लक्ष्य का क्रमश: 12.79 व 34.55 प्रतिशत है। इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए प्रदेश सरकार ने पशुधन विभाग को आवश्यक निर्देश दिए हैं। प्रदेश के जिन जनपदों में लक्ष्य प्रतिपूर्ति 10 प्रतिशत से कम है, ऐसे जनपदों को विशेष तौर पर लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए शासन की ओर से जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
गो आश्रय पोर्टल पर अपलोडिंग हो सुनिश्चित
प्रदेश में डीबीटी का भुगतान गो आश्रय पोर्टल के माध्यम से किया जाना है। इस क्रम में, एमआईएस दर्पण पोर्टल पर 98147 सहभागियों की संख्या पंजीकृत हुई है। इनमें से 65507 सहभागियों का आधार और 61978 सदस्यों के बैंक खातों व आईएफएससी कोड सम्बंधी जानकारियां गो आश्रय पोर्टल पर लोड हो चुकी हैं। शासन द्वारा सम्बंधित विभाग को अपलोडिंग अद्यतन कार्यों को अगले एक हफ्ते के अंदर पूरा करने का निर्देश दिया गया है जिससे जून माह 2023 का भुगतान जुलाई 2023 के प्रथम सप्ताह में हो सके। इसके अलावा, 60 प्रतिशत से कम उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी करने वाले जिलों को इस कार्य में तेजी लाने का निर्औदेश दिया गया है। गोवंश के भरण-पोषण के लिए आवश्यक धनराशि की सूचना जिन 31 जनपदों से अप्राप्त है, उन्हें भी समुचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।