अथाह ब्यूरो
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री की लाख घोषणाओं और स्वास्थ्य मंत्री की तथाकथित तमाम छापामारी के बावजूद उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर नहीं आ रही हैं। जैसे भाजपा सरकार विकास के हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है, वैसे ही मरीजों को दवा और इलाज मुहैया कराने में भी नाकारा साबित हुई है। भाजपा सरकार ने केन्द्र में 9 साल और प्रदेश में भी 6 साल के शासन काल में जनता को महंगाई, भ्रष्टाचार और सिर्फ परेशानिया ही दी है।
यादव ने कहा कि कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब अस्पतालों में मरीज भाजपा सरकार के ध्वस्त स्वास्थ्य सिस्टम की खामियों के शिकार न बनते हों। खुद राजधानी लखनऊ के अस्पतालों की हालत भी शोचनीय है। लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में, लारी और मेडिकल कॉलेज में, लोहिया अस्पताल में गरीब और गंभीर मरीजों की समय से इलाज न मिलने से सांसे थम जाने की शिकायतों से अखबारों की आए दिन सुर्खियां बनी रहती हैं। डाक्टरों की संवेदनहीनता से मरीज तड़प-तड़प कर जान दे रहे हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि ऐसा नहीं है कि शासन-प्रशासन के शीर्ष पर बैठे लोगों को हालात की जानकारी न हो। किन्तु अपनी नामामियां छुपाने के लिए ज्यादातर जांच रिपोर्टें ही मंगाकर अपने कर्तव्य की इतिश्री मान लेते है। डाक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर, बिना वैध प्रमाण पत्र के चल रहे अस्पतालों पर, मरीजों की शिकायतों पर बमुश्किल कार्रवाई होती है। खुद मुख्यमंत्री जी के गृहजनपद में ही मरीजों को कुछ कम दिक्कतें नहीं उठानी पड़ती। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में स्वास्थ्य सेवाओं में अव्यवस्था इसलिए भी है कि सत्तादल भाजपा समाजवादी पार्टी की सरकार के अच्छे कामों को भी बिगाड़ने से बाज नहीं आ रहा है। सड़क दुर्घटना में घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 और प्रसूताओं को अस्पताल लाने और घर जाने के लिए 102 उत्तम एम्बूलेंस सेवा को भी भाजपा सरकार ने चौपट कर दिया है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भ्रष्टाचार और सरकारी खजाना की लूट के चलते ही प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में घोर अव्यवस्था और अराजकता है। सीएचसी, पीएचसी और मेडिकल कॉलेजों में डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी के चलते स्वास्थ्य सेवा कैसे बहाल हो सकती है? भाजपा राज से छुटकारा मिलने पर ही जनता को पुन: इन सभी सुविधाओं का लाभ मिलेगा।