- प्रदेश के 44 जिलों में 199 निवेशकों को यूपीसीडा ने उपलब्ध कराई भूमि व अन्य सुविधाएं
- ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में 42,000 करोड़ के अन्य विभिन्न एमओयू की ग्राउंडिंग के प्रस्ताव पाइपलाइन में
- यूपीसीडा को दिया गया जीबीसी में 1.6 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव की ग्राउंडिंग का लक्ष्य
- सीएम योगी ने जीबीसी में 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश को धरातल पर उतारने का रखा है लक्ष्य
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को निवेश के लिहाज से उत्तम प्रदेश बनाने की मुहिम में जुटे सीएम योगी की मंशा को उनके विभाग मूर्त रूप देने में तत्परता से लगे हुए हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने 40 हजार करोड़ से अधिक के निवेश वाले उद्योगों को भूमि उपलब्ध करा दी है। वहीं ग्राउंड ब्रेकिंस सेरेमनी (जीबीसी) में 42,000 करोड़ रुपए के अन्य एमओयू को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया चल रही है। इन निवेशकों द्वारा भूमि चिन्हित कर ली गयी है, जल्द ही इन्हें भी भूमि उपलब्ध करा दी जाएगी। मालूम हो कि यूपीसीडा को जीबीसी के लिए 1.6 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव की ग्राउंडिंग का लक्ष्य दिया गया है। यूपीसीडा की ओर से सबसे अधिक82 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों को शॉर्टलिस्ट किया जा चुका है।
अब तक 199 निवेशकों को उपलब्ध करायी गयी जमीन
यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने बताया कि यूपीजीआईएस-2023 में 600 निवेशकों से कुल 3.18 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। ऐसे में इन निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए इन्हे पांच कैटेगरी में बांटा गया, जिसमें एमएसएमई (50 करोड़ रुपये तक), बड़े (50-200 करोड़ रुपये), मेगा (200-500 करोड़ रुपये), सुपर मेगा (500-5,000 करोड़ रुपये) और अल्ट्रा मेगा (5,000 करोड़ रुपये से अधिक) के रूप में बांटा गया। इन एमओयू की समीक्षा के लिए तीन चरणों में अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है। बुनियादी ढांचे को समय से बेहतर बनाने के लिए हर सेक्टर में काम किया जा रहा है। साथ ही निवेशकों की आवश्यकता के अनुसार मैप के जरिये भूमि उपलब्ध करायी जा रही है। यूपीसीडा सीईओ ने बताया कि अब तक प्रदेश के 44 जिलों में 199 निवेशकों को भूमि के साथ अन्य सुविधाएं दी जा चुकी हैं।
निवेशकों की पहली पसंद बना चंदौली
पूरे प्रदेश में चार निवेशकों द्वारा सबसे अधिक चंदौली में 7,020 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है जबकि अमेठी में 4,761 करोड़ रुपये के निवेश वाली 30 इकाइयां हैं। इनमें 41 निवेशक लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग के क्षेत्र में निवेश करेंगे जबकि 32 निवेशक निजी औद्योगिक पार्क स्थापित करेंगे। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 28 अन्य निवेशक काम करेंगे। यह सभी निवेशक पूर्वांचल में सबसे ज्यादा निवेश कर रहे हैं, जहां 20,189 करोड़ रुपये के निवेश वाली 65 इकाइयां ग्राउंडिंग के लिए तैयार हैं। इन निवेशों का एक और बड़ा हिस्सा पश्चिमांचल में किया जा रहा है, जिसमें 12,051 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 70 इकाइयां स्थापित की जाएंगी। मध्यांचल ने 5200 करोड़ रुपये के निवेश वाली 60 इकाइयों को आकर्षित किया है जबकि बुंदेलखंड 2872 करोड़ रुपये के निवेश के साथ चार इकाइयां उद्योग स्थापित के लिए तैयार हैं। इन इकाइयों से प्रदेश में 1,33,477 रोजगार के अवसर पैदा होंगे। वहीं पश्चिमांचल में स्थापित इकाइयों से रोजगार के अधिकतम अवसर पैदा होंगे। यहां सृजित होने वाली नौकरियों की संख्या 72,740 होगी जबकि पूर्वांचल क्षेत्र में निवेश करने वाली इकाईयों से 36135 रोजगार के अवसर पैदा होंगे। मध्यांचल में रहने वाले लोगों के लिए 22,702 नौकरियां पैदा होंगे जबकि बुंदेलखंड क्षेत्र की इकाइयों में 1,900 नौकरियां पैदा होने की संभावना है।