- अवैध कालोनियों- भ्रष्टाचार अंकुश के लिए जीडीए में समाप्त होंगे सभी आठ प्रवर्तन जोन
- कोई एक क्षेत्र निर्धारित न होने से लगेगा अवैध कालोनियों- भ्रष्टाचार पर अंकुश
- प्रमुख लोगों की ली जा रही सलाह
अशोक ओझा
गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण क्षेत्र में अवैध कालोनियों एवं भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए जल्द ही सभी प्रवर्तन खंड को समाप्त किया जायेगा। इसके साथ ही प्रवर्तन से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को एक छत के नीचे लाकर कार्य किया जायेगा। ऐसा होने से किसी के पास कोई विशेष क्षेत्र नहीं होगा। इस मामले में प्राधिकरण उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह गंभीर है। इस प्रक्रिया की भनक लगते ही जीडीए के प्रवर्तन से जुड़े अफसरों में हड़कंप शुरू हो गया है।
बता दें कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष एवं जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह प्राधिकरण में भ्रष्टाचार रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं, बावजूद इसके अवैध कालोनियों, अवैध निर्माण और भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। माना जा रहा है कि इसका प्रमुख कारण अलग- अलग प्रवर्तन जोन और उन जोन में तैनात सुपरवाइजर के साथ अभियंतागण है। जब भी जीडीए के प्रवर्तन जोन में तबादले होते हैं तब पुराने दलाल और अवैध निर्माण तथा अवैध कालोनियां बनाने वाले नये तैनात होने वाले अफसरों से संपर्क साध लेते हैं। नतीजा काम फिर पुराने ढर्रे पर चलने लगता है।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण क्षेत्र में कुल आठ जोन है। इन आठ जोन में करीब 50 से ज्यादा सुपरवाइजर, इनके ऊपर इतने ही जूनियर इंजीनियर, करीब 20 सहायक अभियंता, छह अधिशासी अभियंता और जोनल प्रभारी है। हालत यह है कि अधिकारियों की कमी के कारण कई जोन का प्रभार तहसीलदार और ओएसडी तक को दिया गया है। भ्रष्टाचार की कड़ी सुपरवाइजर से शुरू होकर ऊपर तक जाती है। प्राधिकरण उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह का मानना है कि यदि प्रवर्तन जोन ही समाप्त कर सभी को एक साथ समाहित कर दिया जाये तो निश्चित रूप से भ्रष्टाचार, अवैध निर्माण और अवैध कालोनियों के निर्माण पर अंकुश लग सकता है।
प्रवर्तन जोन समाप्त होने पर सभी सुपरवाइजर, जेई, एई और अधिशासी अभियंता एक छत के नीचे आ जायेंगे। इससे किसी एक क्षेत्र पर उनका अधिकार भी समाप्त हो जायेगा।
यह है योजना
योजना के अनुसार सभी प्रवर्तन जोन समाप्त करने के बाद सभी एक साथ प्रवर्तन खंड में समाहित होंगे। इसके साथ ही सक्षम अधिकारी और प्रवर्तन अधिकारी अलग अलग होंगे। नोटिस कोई जारी करेगा, तामील कोई करवायेगा और अवैध निर्माण पर कार्रवाई के लिए कोई अन्य अधिकारी जायेंगे। यह काम भी रेंडम किया जायेगा। इसके लिए कंप्यूटर में रेंडमाइजेशन किया जायेगा जिससे यह पता ही नहीं चलेगा कि कहां कौन अधिकारी और सुपरवाइजर कार्रवाई के लिए जा रहा है।
नोएडा प्राधिकरण में भी नहीं है अलग अलग प्रवर्तन जोन
राकेश कुुमार सिंह बताते हैं कि नोएडा प्राधिकरण में गाजियाबाद की तरह प्रवर्तन के अलग अलग जोन नहीं है, इसी कारण वहां पर अवैध निर्माण और अवैध कालोनियों की शिकायतें कम है। इसी तर्ज पर अब गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में काम किया जायेगा।
अलग अलग प्रवर्तन जोन बने होने से अवैध निर्माण और अवैध कालोनियों पर प्रभावी अंकुश नहीं लग पा रहा है। इससे भ्रष्टाचार पर भी प्रभावी रोक नहीं लग पा रही है। अब नयी व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है कि क्यों न सभी प्रवर्तन जोन को समाप्त कर उन्हें छत के नीचे लाया जाये। इसके साथ ही कार्रवाई के लिए रेंडम ड्यूटी लगाई जायेगी। इस पहलू पर प्रमुख लोगों के विचार भी लिए जा रहे हैं। जल्द ही इस पर काम शुरू किया जायेगा।
राकेश कुमार सिंह
जिलाधिकारी गाजियाबाद/ उपाध्यक्ष गाजियाबाद विकास प्राधिकरण