Dainik Athah

पश्चिमी उप्र के परिणामों से भाजपा गदगद

  • नगर निकाय चुनाव: पहले से ज्यादा जीते महापौर- निकाय चेयरमैन
  • पश्चिम के चारों नगर निगमों पर हुआ भाजपा का कब्जा
  • नगर पालिका- नगर पंचायतों में भी पहले से बेहतर रहा परिणाम

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद जिले में दो नगर पालिकाओं में चाहे भाजपा को हार का सामना करना पड़ा हो, बावजूद इसके जो परिणाम आये हैं वह पहले से बेहतर है। इन परिणामों को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश भाजपा गदगद है।
ऐसा हो भी क्यों न जब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चारों नगर निगमों में भाजपा को बहुमत हासिल हुआ हो। इससे पहले 2017 में हुए निकाय चुनाव में भाजपा चार में से मात्र तीन नगर निगमों में अपने महापौर बनवाने में सफल हो पाई थी। इस बार गाजियाबाद नगर निगम महापौर सीट पर भी भाजपा ने पिछली बार के मुकाबले करीब एक लाख से अधिक मतों का अंतर ज्यादा किया है। इतना ही नहीं चारों नगर निगमों में भाजपा के पार्षदों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। चारों निगमों में जहां भाजपा ने जीत हासिल की है, वहीं 2017 के मुकाबले इस बार चारों निगमों में उसके पार्षदों की संख्या भी बढ़ी है। यदि पार्षदों की स्थिति देखी जाये तो गाजियाबाद नगर निगम के 100 में से उसके पार्षद इस बार 67 जीते हैं, पिछली बार भाजपा के 56 पार्षद थे। इसी प्रकार मेरठ नगर निगम में 90 में से 42 पार्षद विजयी हुए हैं, पिछली बार इनकी संख्या मात्र 29 थी। मुरादाबाद में 29 के मुकाबले इस बार पार्षद 35 जीते हैं। सहारनपुर में 28 के स्थान पर 38 पार्षद विजयी हुए हैं। इस प्रकार चारों निगमों में भाजपा पार्षदों की संख्या 142 से बढ़कर 182 हो गई।
यदि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नगर पालिकाओं को देखें तो भाजपा गाजियाबाद जिले की लोनी, खोड़ा, हापुड़ नगर पालिकाएं हार गई। लेकिन पश्चिम के प्रदर्शन को देखें तो 2017 में भाजपा के हिस्से में 58 में से 18 नगर पालिकाएं आई थी। लेकिन इस बार भाजपा ने 57 नगर पालिका चेयरमैन पद पर अपने प्रत्याशी खड़े किये और 25 में उसे जीत हासिल हुई।
नगर पंचायतों के परिणाम भी पिछली बार के मुकाबले सुखद रहे। 88 में से पिछली बार 11 नगर पंचायतों पर भाजपा का कब्जा था जो इस बार बढ़कर 18 हो गया। हालांकि विरोधी चाहे जो भी कहें, लेकिन निकाय चुनाव परिणाम इस बार बेहतर रहे।

निकाय चुनाव से ठीक पहले बदले थे क्षेत्रीय अध्यक्ष

भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी कहते हैं कि भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष निकाय चुनाव से ठीक पहले बदले गये थे। इस कारण उन्होंने जिस प्रकार मेहनत की उसके परिणाम सामने है। यदि उन्हें थोड़ा और समय मिलता तो परिणाम इससे भी बेहतर होते।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भाजपा के देवतुल्य कार्यकर्ताओं और मतदाताओं का आभार जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों पर मुहर लगाई है। उनके सुशासन को भी यह परिणाम समर्पित है। भाजपा ट्रिपल इंजन सरकार के माध्यम से निकायों में बेहतर काम करेगी।
सत्येंद्र सिसौदिया, अध्ध्यक्ष पश्चिमी उत्तर प्रदेश भाजपा


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *