- कर्नाटक की हार पर यूपी निकाय चुनाव ने लगाई मल्हम
- पूरब से पश्चिम तक हुआ भगवामय
- निकाय चुनाव ने लगाई योगी सरकार के सुशासन पर मुहर
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश निकाय चुनावों के नतीजे लगभग साफ हो चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है। भाजपा के लिए ये जीत जरूरी हो जाती है। खासतौर पर ऐसे वक्त जब भाजपा को कर्नाटक जैसे दक्षिण भारत के बड़े राज्य में आज हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा ने प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों पर जहां कब्जा किया है, वहीं प्रदेश की आधी से अधिक नगर पालिका परिषदों पर भी भगवा फहराने में सफलता प्राप्त की है। नगर पंचायत अध्यक्ष पदों पर भाजपा ने दोहरा शतक लगाया है।
उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव ने एक बार फिर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सुशासन पर मुहर लगा दी है। योगी सरकार के कामों ने भाजपा को फ्रंटफुट पर रखा। यह योगी आदित्यनाथ के करिश्में का ही कमाल था कि वे जहां भी गये भाजपा की जीत सुनिश्चित कर आये। यदि परिणामों को देखें तो यूपी में नगर निगम की 17 सीटें हैं। सभी 17 नगर निगमों में भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई है। इसके साथ ही प्रदेश में नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पदों में 199 में से भाजपा 95 चेयरमैन पदों पर कब्जा कर चुकी है। नगर पंचायत अध्यक्ष के 544 पदों में से भाजपा दो सौ से अधिक अध्यक्ष पद जीत कर दोहरा शतक लगा चुकी है। यह पहली बार है कि भाजपा ने इतने नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष पदों पर कब्जा किया।
यदि देखा जाये तो प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक तरह से कर्नाटक की हार पर मल्हम लगाने का काम किया है। दोनों के ही नतीजे एक ही दिन आये हैं। ऐसे में 2024 के चुनाव के मद्देनजर यह नतीजे भाजपा में नयी ऊर्जा का संचार तो करते ही हैं, साथ ही योगी सरकार के काम पर मुहर भी लगाते हैं।
निकाय चुनाव के नतीजों का विश्लेषण किया जाए तो भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की है। 2017 के मुकाबले भाजपा का प्रदर्शन काफी बेहतर हुआ है। 2017 में नगर निगम की 16 सीटें थीं। इनमें से 14 पर भाजपा को जीत मिली थी, जबकि दो पर बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी ने सफलता हासिल की थी। इस बार नगर निगम महापौर की एक सीट बढ़ गई है, मतलब 17 सीटों पर चुनाव हुए थे और सभी पर भाजपा को जीत मिली है।