- गाजियाबाद महानगर की समीक्षा बैठक में गरजे प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी
- पूछा कार्यकर्ताओं की क्यों हुई उपेक्षा, कोर कमेटी के सभी लोग जिम्मेदार
- सभी मिलकर अब प्रत्याशियों को विजयी बनायें
- जिन नामों की जिस किसी ने सिफारिश की उसे बैठाने का काम भी उनका ही: सत्येंद्र सिसौदिया
अशोक ओझा
गाजियाबाद। भारतीय जनता पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर चल रही रार और आरोप- प्रत्यारोप की स्थिति से खफा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने टिकट वितरण में गड़बड़ी को लेकर जिम्मेदार पदाधिकारियों के साथ ही पूरी कोर कमेटी को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि यदि उन्होंने सूची देखी होती तो 70 फीसद लोगों को टिकट नहीं देते।
गाजियाबाद में महापौर के चुनाव कार्यालय का उद्घाटन करने एवं मेरठ मंडल की बैठक करने के बाद उन्होंने महानगर गाजियाबाद की चुनाव संचालन समिति की बैठक की। बैठक में विधायकों के साथ ही कोर कमेटी के सदस्य भी मौजूद रहे। इस बैठक में माइक संभालने के बाद भूपेंद्र सिंह चौधरी ने सभी को खास कर कोर कमेटी के सदस्यों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा क्यों हुई, मीना भंडारी को टिकट दिया क्या, नहीं तो क्यों नहीं। इसके साथ ही उन्होंने गाजियाबाद में चल रहे बवाल को देखते हुए कहा कि यदि उन्होंने प्रत्याशियों की सूची देखी होती तो 70 फीसद टिकट काट देता। उन्होंने उसी सूची को मंजूरी दी जो नीचे से गई थी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पैनल एवं सूची तैयार करने वाले कोर कमेटी के साथ ही क्षेत्रीय अध्यक्ष भी है। क्षेत्रीय अध्यक्ष अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। उन्होंने गाजियाबाद में घट रहे घटनाक्रम को लेकर गहरी नाराजगी जताई। इसके साथ ही निर्देश दिये कि अब जिन लोगों को टिकट दिये गये हैं उन्हें विजयी बनाने की जिम्मेदारी भी उनकी है। कार्यकर्ता भाजपा की धरोहर है। यदि कार्यकर्ता नाराज हो गये तो तुम किसके नेता बनोगे। उन्होंने यह भी पूछा कि यह स्थिति क्यों आई। यदि इसके लिए कोई जिम्मेदार है पैनल तैयार करने वाले।
प्रदेश अध्यक्ष के तेवर देखने के बाद क्षेत्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिसौदिया भी तेवरों में नजर आये। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जिन लोगों ने टिकट के लिए जिन कार्यकर्ताओं की सिफारिश की थी अब उनकी जिम्मेदारी है कि पार्टी प्रत्याशी के विरोध में चुनाव लड़ रहे कार्यकर्ताओं को बैठायें। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि यदि पार्टी प्रत्याशी का विरोध करने वाले कार्यकर्ता चुनाव से नहीं हटते तो वे सपा, बसपा और कांग्रेस में जाने के लिए स्वतंत्र है। उनके मैदान से न हटने पर उनके खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्यवाही की जायेगी।
भूपेंद चौधरी के भाषण के दौरान पसरा सन्नाटा
जिस समय भूपेंद्र सिंह चौधरी ने भाषण करना शुरू किया उस समय उनके तेवर देखकर वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को भी पसीना छूटने लगा। दीन दयाल उपाध्याय सभागार में यह स्थिति हो गई कि पूरी तरह से सन्नाटा पसर गया। इसके बाद सत्येंद्र सिंह सिसौदिया ने भी वे ही तेवर दिखाये।