Dainik Athah

निजी मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों को मिलेगी मान्यता

  • योगी सरकार ने निजी मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों के संचालन के लिए जारी की एसओपी
  • एसओपी के अनुरूप निजी मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों को 6 माह में विकसित करनी होगी व्यवस्था
  • सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और सेफ ड्राइविंग के प्रति सजग रहने के लिए उठाया गया कदम

अथाह ब्यूरो
लखनऊ
। सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ने लोगों को सेफ ड्राइविंग के प्रति आगाह करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। योगी सरकार अब निजी क्षेत्र में स्थापित मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों को मान्यता देने जा रही है। सरकार की ओर से इनके संचालन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई है। परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव एल वेंकटेश्वर लू द्वारा जारी आदेश में निर्देशित किया गया है कि संचालन की मान्यता के लिए सभी निजी क्षेत्रों के स्थापित मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों को एसओपी का अनुपालन करना अनिवार्य होगा। इसी एसओपी के अनुरूप उन्हें आवश्यक व्यवस्थाएं 6 माह में विकसित करनी होंगी।

पार्किंग की होनी चाहिए व्यवस्था
मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल के द्वारा वाहन पार्किंग के लिए वाहनों की श्रेणी (हल्के, मध्यम, भारी वाहन) के अनुसार सुरक्षित एवं उपयुक्त पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी, जो स्कूल परिसर में या स्कूल से अधिकतम दो किलोमीटर की दूरी के भीतर होगी। पार्किंग किसी सार्वजनिक स्थान पर नहीं होगी। यदि दोनों प्रकार के वाहन (एचएमवी, एलएमवी) के लिए आवेदन किया जाता है तो सिमुलेटर कक्ष 350 वर्ग फीट का होगा। मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल आवेदन पत्र में दिए गए कार्यस्थल पर ही संचालित किया जाएगा।

केंद्रीय मोटरवाहन नियमों का करना होगा अनुसरण
वाहन चालन के प्रशिक्षण के लिए केंद्रीय मोटरवाहन नियमों का अनुसरण करना होगा। इसमें अलग-अलग श्रेणी के लिए निर्धारित प्रशिक्षण अवधि के अनुसार आवेदकों को निश्चित अवधि का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए प्रयुक्त वाहन का प्रयोग केवल प्रशिक्षु को प्रशिक्षण के लिए किया जाएगा तथा प्रशिक्षण के समय एक प्रशिक्षक तथा एक प्रशिक्षु वाहन में बैठे। स्कूल में दो पहिया व्हीकल के लिए मोटर साइकिल गेयर सहित या गेयर रहित प्रयुक्त की जाएगी, जबकि ई रिक्शा/कार्ट के लिए ई रिक्शा/कार्ट, हल्के मोटरयान के लिए कार, मध्यम/भारी वाहन के लिए भारी यात्री/माल वाहन का इस्तेमाल किया जाएगा।

देनी होगी एक लाख की बैंक गारंटी
स्कूल के मेंटीनेंस के लिए आवेदक/संचालक को एक लाख रुपए की बैंक गारंटी या बैंक एफडीआर संबंधित उप परिवहन आयुक्त (परिक्षेत्र) के कार्यालय में लाइसेंसिंग प्राधिकारी के पास जमा करना होगा। बैंक गारंटी/बैंक एफडीआर अवधि 5 वर्ष 6 माह की होगी। केंद्रीय मोटर यान नियम 1989 में उल्लिखित आवश्यक शर्तों का उल्लंघन करने पर बैंक गारंटी/बैंक एफडीआर जब्त करने का अधिकार लाइसेंसिंग प्राधिकारी में निहित होगा। हालांकि, मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल के संचालक को सुनवाई का अवसर प्रदान किया जाएगा।

न्यूनतम शैक्षिक, तकनीकी योग्यता अनिवार्य
नियमानुसार आवेदक या अनुदेश देने के लिए तैनात किए जाने वाले कार्मिकों की न्यूनतम शैक्षिक/तकनीकी अर्हता धारित करना आवश्यक है। आवेदक स्वयं भी प्रशिक्षक हो सकता है। कार्मिकों की अर्हता का प्रमाणपत्र भी आवेदक द्वारा प्रस्तुत करना होगा। ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में संचालित प्रत्येक वाहन के लिए न्यूनतम एक प्रशिक्षक होना चाहिए।

एसओपी की नियम व शर्तें

मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल के लिए आवेदन स्वयं/संस्था/एनजीओ/सोसाइटी/पार्टनरशिप/फर्म/निजी फर्म/पब्लिक फर्म के रूप में किया जा सकेगा। स्वयं के अतिरिक्त अन्य की स्थिति में आवेदन करने पर संबंधित संस्था का दस्तावेज नियमानुसार प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।

मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में प्रयुक्त वाहन के दोनों तरफ व आगे-पीछे (मोटरसाइकिल को छोड़कर) मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल का नाम, पता (थाना सहित), फोन नंबर, ईमेल आईडी अंकित होना चाहिए। वाहन पर रिफ्लेक्टिव टेप लगा होगा। इसके अतिरिक्त वाहन में पंजीयन प्रमाण पत्र, वैध प्रदूषण प्रमाण पत्र, इंश्योरेंस प्रमाण पत्र, फिटनेस प्रमाण पत्र, मार्ग कर की देयता का प्रमाण पत्र और प्रशिक्षक का ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य रूप से रखने होंगे।

यही नहीं, मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में संचालित वाहन (मोटरसाइकिल, ई रिक्शा/कार्ट को छोड़कर)दोहरी नियंत्रण सुविधा से लैस होनी चाहिए तथा वाहन संस्थान के नाम से पंजीकृत होना चाहिए।

नए मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में पहली बार प्रशिक्षण के लिए प्रस्तुत होने वाले वाहन की आयु 12 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए तथा संचालित रहने की अधिकतम आयु 20 वर्ष होगी।

ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड टेस्टिंग इंस्टीट्यूट (डीटीटीआई)/इंस्टीट्यूट आॅफ ड्राइविंग ट्रेनिंग रिसर्च (आईडीटीआर) तथा एक्रेडिटेड ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर (एडीटीसी) स्थापित होने वाले जनपदों में इन संस्थानों के संचालन की तिथि से 6 माह की अवधि में पूर्व से संचालित मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में मध्यम/भारी वर्ग के वाहनों का प्रशिक्षण प्रतिबंधित होगा। केवल दो पहिया/ई रिक्शा/कार्ट तथा एलएमवी वाहनों का प्रशिक्षण अनुमन्य होगा।

स्कूल का संचालक संस्थान में नियुक्त किए गए प्रशिक्षक का नियुक्ति प्रमाण पत्र व प्रशिक्षक के योगदान रिपोर्ट की प्रति लाइसेंसिंग अथॉरिटी (उप परिवहन आयुक्त, परिक्षेत्र) को प्रस्तुत करेगा तथा प्रत्येक एक वर्ष के अंतराल में प्रशिक्षक की सेवा का नवीनीकरण करेगा। किसी प्रशिक्षक द्वारा नौकरी से त्याग पत्र देने की स्थिति में भी दूसरे प्रशिक्षक की नियुक्ति पर भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

संस्थान के स्वामी की मृत्यु होने की दशा में उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के आधार पर उत्तराधिकारी का नाम लाइसेंस पर अंकित किया जाएगा। एक से अधिक उत्तराधिकारी होने की दशा में सभी उत्तराधिकारियों से एक शपथ पत्र प्राप्त करते हुए किसी एक उत्तराधिकारी के नाम संस्थान का लाइसेंस जारी किया जाएगा।

केंद्रीय मोटर यान नियम 1989 के तहत लाइसेंसिंग प्राधिकारी प्रदेश में उप परिवहन आयुक्त (परिक्षेत्र) निर्धारित हैं। संभागीय परिवहन अधिकारी द्वारा परिक्षेत्र में तैनात सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्राविधिक) तथा जनपद में तैनात संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) द्वारा संस्थान का निरीक्षण प्रत्येक त्रैमास में न्यूनतम एक बार कराया जाएगा।
-स्कूल में ये होना अनिवार्य
दो पहिया व हल्के मोटरयान प्रशिक्षण स्कूल स्थापित करने के लिए जो आवश्यक आधारभूत संरचना है, उसके अंतर्गत इंटरनेट कनेक्शन एवं कंप्यूटर (प्रिंटर सहित) स्वागत कक्ष कम कार्यालय होना चाहिए। यह न्यूनतम 180 वर्ग फीट में हो सकता है। 30 व्यक्तियों के लिए 300 वर्ग फीट में व्याख्यान कक्ष आवश्यक होगा। मॉडल चार्ट तथा उपकरण के लिए न्यूनतम 300 वर्ग फीट तथा सिमुलेटर कक्ष के लिए न्यूनतम 150 वर्ग फीट (दो पहिया वाहन) व 200 वर्ग फीट (मध्यम भारी वाहन हेतु) अनिवार्य होगा। सभी वाहनों की पार्किंग के लिए पर्याप्त स्थान के अलावा व्याख्यान कक्ष में फर्नीचर, कंप्यूटर सहित मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर समेत सभी कक्ष सीसीटीवी कैमरों से लैस होने चाहिए।


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