- निकाय चुनाव सूची जारी होने के बाद
- टिकट वितरण में आरोप- प्रत्यारोप से नहीं बच पायेंगे सत्तारूढ़ पार्टी के नेता
- जनरल पहुंचे यूपी भवन, तो विधायक सुनील शर्मा ने डाला क्षेत्रीय कार्यालय पर डेरा
अशोक ओझा
गाजियाबाद। निकाय चुनाव की सूची जारी होने के बाद भाजपा में घमासान शुरू हो गया है। जबकि हकीकत यह है कि कहीं पर सांसद वीके सिंह विधायकों पर भारी पड़े तो कहीं पर विधायकों ने जनरल को ढेर कर दिया। हालांकि टिकट मैनेज होने की बात भी कही जा रही है। जनरल वीके सिंह को सबसे बड़ा झटका मुरादनगर में केडी त्यागी का टिकट न होने से लगा है।
भाजपा ने लंबा इंतजार करवाने के बाद दूसरे चरण के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा तो की, लेकिन वह भी आधी अधूरी। सूची जारी होने के बाद पार्टी ने देर शाम गाजियाबाद महापौर पद के लिए प्रदेश उपाध्यक्ष सुनीता दयाल का नाम घोषित किया। सुनीता का नाम बताया जा रहा है कि स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह के साथ ही एमएलसी दिनेश गोयल की लिस्ट में सबसे ऊपर था। लेकिन पार्टी लोनी नगर पालिका चेयरमैन का टिकट घोषित नहीं कर पाई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी दिल्ली स्थित यूपी भवन में डेरा डाले हैं तो लोनी चेयरमैन दावेदारों ने यूपी भवन के बाहर।
गाजियाबाद महापौर टिकट सुनीता दयाल को मिला है। वे जनरल वीके सिंह की सूची में तो थी ही साथ ही वे प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और क्षेत्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह शिशौदिया के खास माने जाने वाले नोएडा महानगर भाजपा अध्यक्ष मनोज गुप्ता की समधन भी है। सूत्र बताते हैं कि मनोज गुप्ता की समधन होना भी टिकट मिलने का बड़ा कारण है।
यदि टिकट वितरण को देखा जाये तो मोदीनगर चेयरमैन टिकट विनोद जाटव वैशाली को दिया गया है। यह टिकट विधायक, जिलाध्यक्ष और जिला प्रभारी का संयुक्त टिकट है। यह अकेला टिकट है जो संयुक्त रूप से दिया गया है। सांसद सत्यपाल सिंह भी विनोद जाटव के विरोध में नहीं थे। इसके बाद मुरादनगर नगर पालिका में गोपाल अरोड़ा संगठन के साथ ही राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल के करीबी माने जाते हैं। वे विधायक अजीत पाल त्यागी के साथ ही महानगर भाजपा अध्यक्ष संजीव शर्मा को भी साध कर चल रहे थे। यहां पर पूर्व चेयरमैन रेखा अरोड़ा का टिकट न होने का कारण उनके पति राधे अरोड़ा को लेकर प्रदेश संगठन की नाराजगी है। मुरादनगर में जनरल वीके सिंह केडी त्यागी को चेयरमैन प्रत्याशी चाहते थे। लेकिन केडी का टिकिट इस बार भी नहीं हो सका।
डासना नगर पंचायत में जनरल वीके सिंह के साथ ही जिलाध्यक्ष दिनेश सिंघल की चली। यहां पर धौलाना विधायक धर्मेश तोमर को दरकिनार कर हरी सिंह की पत्नी नीतू सिंह को टिकिट दिया गया है। खोड़ा नगर पालिका में यह माना जा रहा है कि निवृतमान चेयरमैन रीना भाटी और साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा की टयूनिंग ठीक है। सुनील शर्मा रीना भाटी को ही चाहते थे। यहां पर लंबे समय से मेहनत कर रहे कार्यकर्ताओं को झटका लगा है। फरीदनगर चेयरमैन कहां से और कैसे हुआ यह किसी की समझ से बाहर है। इसको लेकर तरह तरह की चर्चाएं चल रही है।
यदि पार्षदों को देखा जाये तो इस मामले में सबसे अधिक फायदा जनरल वीके सिंह के साथ ही शहर विधायक अतुल गर्ग, साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा को रहा। मुरादनगर विधायक अजीत पाल त्यागी अपने कई करीबियों के टिकिट भी नहीं बचा सके।