अथाह ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा अपीलीय अधिकरण के ‘आॅनलाइन जस्टिस डिलीवरी सिस्टम’ के माध्यम से अधिकरण की कार्यप्रणाली को पूर्ण रुप से कागज रहित करने एवं हितधारको के लिए अधिक लाभ और सुविधा प्रदान कराने के लिए उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा अपीलीय अधिकरण के सदस्य तकनीकी कमल कान्त जैन, अधिकरण की रजिस्ट्रार तहरीम खान व अधिकरण के ई-कोर्ट प्रभारी कृष्ण कुमार यादव तथा एन.आई.सी. दिल्ली के उप महानिदेशक मनोज तुली एवं एन.आई.सी. दिल्ली के सलाहकार पंकज अग्रवाल के द्वारा विकसित किए जा रहे अधिकरण के ई-पोर्टल पर एस.बी.आई ई-पे गेटवे को एकीकृत करते हुए अपेक्षित न्यायालय शुल्क के भुगतान की प्रक्रिया को आॅनलाइन के माध्यम से करने हेतु पूर्ण रुप से विकसित कर दिया गया है। इससे हितधारकों को भौतिक रुप से भुगतान करने तथा अन्य माध्यमों से आॅनलाइन भुगतान पर लगने वाले अतिरिक्त शुल्क का लाभ भी प्राप्त होगा। अधिकरण के ई-पोर्टल पर एस.बी.आई ई-पे गेटवे की कार्यप्रणाली 20 अप्रैल 2023 से प्रभावी है।
उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा अपीलीय अधिकरण के ह्लआॅनलाइन जस्टिस डिलीवरी सिस्टमह्व के माध्यम से सभी हितधारकों को अधिकरण के ई-पोर्टल पर भुगतान से संबंधित समस्त कार्य एस.बी.आई ई-पे गेटवे के आॅनलाइन मोड के माध्यम से किया जाना आवश्यक है। अधिकरण में दाखिल होने वाले आवेदन पर चिपकाए जाने वाले टिकट, भौतिक डिमांड ड्राफ्ट तथा किसी भी प्रकार को कोई भी न्यायालय शुल्क भौतिक रुप से स्वीकार नहीं किया जाएगा।