Dainik Athah

गाजियाबाद से पंजाबी उम्मीदवार पर दांव लगा सकती है भाजपा!

गाजियाबाद महापौर सीट पर आज होगा महामंथन

प्रदेश में अब तक भाजपा ने पंजाबी समाज से कोई महापौर प्रत्याशी नहीं उतारा मैदान में

कल तक पंजाबी समाज से कुछ बड़े नाम आ सकते हैं सामने

ब्राह्मण- पंजाबी को लेकर भाजपा में अब तक उहापोह की स्थिति

अशोक ओझा
गाजियाबाद।
गाजियाबाद महापौर सीट पर ब्राह्मण को प्रत्याशी बनाया जाये अथवा पंजाबी को इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी में लखनऊ से लेकर दिल्ली तक मंथन का दौर जारी है। सूत्रों पर भरोसा किया जाये तो गाजियाबाद में इस बार किसी पंजाबी का भाग्य जोर मार सकता है। इस सूची में सबसे पहला नाम डा. शशी अरोड़ा का ही चल रहा है, यदि अचानक से कोई बड़ा चेहरा सामने न आये तब।

शशी अरोड़ा

बता दें कि भाजपा पहले चरण के लिए दस महापौर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा रविवार को कर चुकी है। इन नामों में कोई भी पंजाबी चेहरा नहीं दिया गया है, जबकि वैश्य समाज से पार्टी तीन प्रत्याशी मैदान में उतार चुकी है। यदि ब्राह्मण समाह से देखें तो अब तक मात्र एक सीट वाराणसी इस समाज के हिस्से में आई है। ऐसे में गाजियाबाद सीट को लेकर नीचे से लेकर ऊपर तक और दिल्ली तक बड़े स्तर मंथन किया जा रहा है कि पंजाबी प्रत्याशी को कहां से मैदान में उतारा जाये।

गाजियाबाद नगर निगम महापौर सीट के लिए पंजाबी समाज से अब तक कई दावेदार सामने आये हैं। इनमें डा. शशी अरोड़ा के साथ ही साक्षी नारंग, गुरी जनमेजा, ऋचा सूद, सुनीता नागपाल, बीना सिमरन रंधावा आदि है। लेकिन इनमें सबसे प्रमुख नाम डा. शशी अरोड़ा का है जिनके नाम के ऊपर गाजियाबाद के जन प्रतिनिधियों एवं पार्टी पदाधिकारियों में सहमति बन सकती है।
जिस दिन डा. शशी अरोड़ा ने नामांकन किया था उसके पहले दिन उनके पति और यशोदा अस्पताल के प्रबंध निदेशक डा. दिनेश अरोड़ा ने लखनऊ में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी समेत अनेक दिग्गज नेताओं से मुलाकात की थी। उनका नाम पहले से ही चर्चा में था। यह भी कहा जा रहा था कि यदि शशी अरोड़ा नहीं तो डा. पीएन अरोड़ा की पत्नी डा. उपासना अरोड़ा मैदान में उतर सकती है। लेकिन अपनी बहन के नाम पर पीएन अरोड़ा खुद पीछे हट गये। सूत्र बताते हैं कि दिल्ली में बैठे भाजपा के दिग्गज नेताओं का इशारा हुआ तो मंगलवार तक पंजाबी समाज से एक या दो बड़े चेहरे और सामने आ सकते हैं। लेकिन इन चेहरों को लेकर स्थिति अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है।

शिखा शर्मा अध्यापन के क्षेत्र में सक्रिय है। इस कारण उनका नाम भी तेजी से वायरल हो रहा है। यदि ब्राह्मण चेहरे को पार्टी महापौर पद का प्रत्याशी बनाती है तो यह नाम सभी को चौंका सकता है। हालांकि वैश्य समाज से लज्जा रानी गर्ग, सुनीता दयाल, मयंक गोयल की पत्नी डा. रूची गोयल का नाम वैश्य समाज से प्रबल दावेदारों में शामिल है। भाजपा सूत्रों के अनुसार महापौर सीट को लेकर जिस प्रकार की ऊहापोह की स्थिति पार्टी में है। ऐसे में यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि पार्टी के संकेत को देखते हुए ही मंगलवार को नये आवेदन हो सकते हैं। यदि पार्टी नेतृत्व ने कोई संकेत नहीं दिया तो फिर नये नाम सामने नहीं आ पायेंगे।

इसके साथ ही ब्राह्मण प्रत्याशी के नाम पर भी विचार हो रहा है। ऐसे में भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा की तरफ सभी की नजरें है। लेकिन खबर लिखे जाने तक उन्होंने आवेदन ही नहीं किया है। ब्राह्मण चेहरों में निवृतमान महापौर आशा शर्मा का भी आवेदन है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि इनके नाम पर विचार की संभावना लगातार क्षीण होती जा रही है। ऐसे में भाजपा के पुराने और निष्ठावान कार्यकर्ता तरुण शर्मा की पत्नी शिखा शर्मा का नाम भी तेजी से उभरकर आया है। तरुण शर्मा जहां पिछले अनेक वर्षों से भाजपा में विभिन्न दायित्वों पर रहे हैं, वहीं उन्हें पार्टी के केंद्र एवं प्रदेश के बड़े नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त है। बाल स्वयं सेवक से लेकर तरुण शर्मा ने अब तक भाजपा में लंबा सफर तय किया है।


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