Dainik Athah

औद्योगिक क्रांति 4.0 को यूपी लीड करेगा : योगी आदित्यनाथ

  • ओडीओपी, एमएसएमई, हस्तशिल्पियों के पुरस्कार एवं सम्मान और विश्वकर्मा श्रम सम्मान टूलकिट वितरण समारोह में बोले सीएम योगी
  • कहा- ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ने दुनिया को कराया है उत्तर प्रदेश की ताकत का अहसास
  • यूपी के औद्योगिक विकास का केंद्रबिंदु है एमएसएमई क्लस्टर : योगी आदित्यनाथ
  • हमारे बुनकर हमारी ताकत हैं, जल्द करेंगे इनके लिए विद्युत फ्रेट यूनिट की घोषणा : सीएम योगी
  • विश्वकर्मा श्रम योजना से बैंकों को भी जोड़ने की आवश्यक्ता, ताकि कारीगरों को मिले बिजनेस बढ़ाने के लिए आर्थिक मदद : योगी

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आए 35 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों ने ये तय कर दिया है कि चौथी औद्योगिक क्रांति का मुख्य केंद्र उत्तर प्रदेश ही बनेगा। यूपी ही औद्योगिक क्रांति 4.0 का जनक होगा। प्रदेश के औद्योगिक विकास का केंद्र बिंदु यहां मौजूद 96 लाख एमएसएमई क्लस्टर हैं। समय आ गया है कि हमें अब प्रदेश में एमएसएमई प्रोडक्ट को नये मुकाम पर ले जाने के लिए डिजाइनिंग और पैकेजिंग इंस्टीट्यूट खोलने होंगे। इसके साथ ही विश्वकर्मा श्रम योजना से बैंकों को भी जोड़ने की आवश्यकता है, जिससे हमारे कारीगर अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए आर्थिक मदद प्राप्त कर सकें। इसके लिए प्रदेश के हर जिले में बैंकर्स के साथ विश्वकर्मा श्रम योजना से जुड़े कारीगरों की बैठकों का आयोजन किया जाए। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लोकभवन सभागार में आयोजित राज्य निर्यात पुरस्कार, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य पुरस्कार, संत कबीर राज्य हथकरघा पुरस्कार एवं विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजनान्तर्गत टूलकिट वितरण समारोह के दौरान कही।

ओडीओपी यूपी के एमएसएमई सेक्टर की बैक बोन बन चुका है
उन्होंने कहा कि आज प्रदेशभर में राज्य के परंपरागत हस्तशिल्पी और कारीगरों को विश्वकर्मा श्रम सम्मान के माध्यम से सम्मानित करने के साथ ही टूलकिट उपलब्ध कराया जा रहा है। मैं आप सभी को हृदय से बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि ओडीओपी आज प्रदेश के हर जनपद के प्रोडक्ट को ना सिर्फ प्रोत्साहित कर रहा है, बल्कि नई डिजाइन और तकनीक के साथ जोड़ते हुए उसके लिए वैश्विक बाजार भी उपलब्ध करा रहा है। आज ओडीओपी यूपी के एमएसएमई सेक्टर की बैक बोन बन चुका है। इतना ही नहीं पूरे देश में ये आत्मनिर्भर भारत की रीढ़ बनकर उभरा है। ओडीओपी ने यूपी के हस्तशिल्पियों को वैश्विक स्तर पर सम्मान दिलाया है। यही कारण है कि यूपी आज एक्सपोर्ट के हब के रूप में उभरकर सामने आया है। 2017 से पहले केवल 86 हजार करोड़ का निर्यात हम कर पाते थे, मगर इस वर्ष हम पौने दो लाख करोड़ का निर्यात करने जा रहे हैं। ये हमारे ओडीओपी के पोटेंशियल को दिखाता है।

यूपी आज निवेश के सबसे बड़े गंतव्य के रूप में उभरा
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये ओडीओपी की ताकत है कि यूपी आज निवेश के सबसे बड़े गंतव्य के रूप में उभरा है। 35 लाख करोड़ का निवेश यूपी को मिला है। बेशक कानून का राज हमारी पहली प्राथमिकता है, शासन नेक नियत से काम करे ये भी जरूरी है, मगर इन सबके साथ ही 96 लाख एमएसएमई का क्लस्टर होना भी यूपी की ताकत है। ये एमएसएमई ही यूपी के औद्योगिक विकास की नींव बनने जा रहा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ने ये तय कर दिया है कि चौथी औद्योगिक क्रांति का जनक यूपी ही बनेगा। इस औद्योगिक क्रांति को यूपी ही लीड करेगा।

51 बुनकरों को संत कबीर राज्य हथकरघा पुरस्कार से किया सम्मानित
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमने 51 बुनकरों को संत कबीर राज्य हथकरघा पुरस्कार से सम्मानित किया है। ये बुनकर हमारी ताकत हैं। यूपी में ढाई से तीन लाख परिवार केवल बुनकरी के कार्य से जुड़े हैं। बुनकरों के करघों के लिए सरकार जल्द ही विद्युत के फ्रेट यूनिट की घोषणा करने जा रही है, जिससे इनकी कला को किसी का ग्रहण ना लगे। हम अच्छी डिजाइन और अच्छी तकनीक से जुड़ सकें, इसके लिए हमें अपनी ताकत को बढ़ाना होगा। सरकार हर कदम पर आपके साथ है।

समाज के लिए विश्वकर्मा श्रम योजना से जुड़े लोग महत्वपूर्ण
सीएम ने कहा कि आज पूरे प्रदेश में 75 हजार विश्वकर्मा श्रम सम्मान से जुड़े कारीगरों को टूलकिट उपलब्ध कराई जा रही है। जैसे औद्योगिक विकास के लिए एमएसएमई की भूमिका है, वैसे ही समाज के लिए हमारे विश्वकर्मा श्रम योजना से जुड़े लोग महत्वपूर्ण हैं। इसमें धोबी, हलवाई, कारीगर, मोची सहित वो तमाम वर्ग हैं जिनके बगैर हमारा जीवन चक्र चल ही नहीं सकता। हमने लगभग 16 ऐसी कैटेगरी तय की हैं। मैं प्रदेशभर में 75 हजार विश्वकर्मा श्रम सम्मान से जुडे कारीगरों का हृदय से अभिनंदन करता हूं। हमें अब विश्वकर्मा श्रम योजना से जुड़े कारीगरों के साथ बैंकों को भी जोड़ने का काम करना होगा। हमारे कारीगर, हमारे श्रमिक अपना बिजनेस शुरू कर सकें, इसके लिए बैंकों की ओर से आर्थिक मदद मिले, ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए। हमें हर जनपद में निर्यात प्रोत्साहन का केंद्र खोलते हुए इनके उत्थान के लिए कार्य करना होगा। इसमें बैंकर्स को भी बुलाने की जरूरत है।
इस अवसर पर संत कबीर राज्य हथकरघा सम्मान के लिए 12 लोगों को, राज्य निर्यात पुरस्कार से 34 फर्म को, एमएसएमई पुरस्कार से 20 लोगों को, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से 75 हजार कारीगारों को प्रशिक्षित कराते हुए प्रमाणपत्र वितरित करते हुए टूलकिट वितरण किया गया। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जुड़े पांच लोगों को मुख्यमंत्री के हाथों टूलकिट का वितरित किया गया। इस मौके पर औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, सूक्ष्म लघु मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान, एसीएस एमएसएमई एंड एक्सपोर्ट प्रमोशन अमित मोहन प्रकाश, सचिव प्रांजल यादव, कमिश्नर एवं डायरेक्टर राजेश कुमार, पुरस्कार विजेता सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।


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