- निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर बढ़ी दावेदारों की धड़कनेंं
- अगले एक- दो दिन में जारी हो सकता है प्रस्तावित आरक्षण
- अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक जारी हो सकती है वार्ड, अध्यक्ष, महापौर की आरक्षण की अंतिम सूची
अशोक ओझा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव को लेकर संभावित दावेदारों की धड़कनें अब बढ़ने लगी है। यह नहीं पता कौन सी सीट का आरक्षण बदलेगा और किस सीट का आरक्षण यथावत रहेगा। आरक्षण में बदलाव होना अवश्यंभावी है। यदि सूत्रों पर भरोसा किया जाये तो अप्रैल के दूसरे सप्ताह में आरक्षण की अंतिम सूची जारी हो जायेगी।
बता दें कि समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को सर्वोच्च न्यायालय ने मंजूर कर लिया। इसके बाद प्रदेश सरकार ने बुधवार को प्रस्तावित अध्यादेश को मंजूरी प्रदान करने के साथ ही उसे मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेज दिया है। जिसे गुरुवार को मंजूरी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इसकी प्रिंटिंग के बाद नगर निगम और नगर पालिका अधिनियम में संशोधन संबंधी अधिसूचना जारी की जायेगी। इसके तत्काल बाद ही वार्डों एवं नगर पालिका, नगर पंचायत अध्यक्षों के साथ ही महापौर पद और पार्षदों का आरक्षण अनंतिम आरक्षण जारी किया जायेगा।
बता दें कि निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण इस बार ट्रिपल टेस्ट के लिए बनी समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के आधार पर दिया जाना है।
लिहाजा आरक्षण देने की पुरानी व्यवस्था में बदलाव होना आवश्यक था। इसलिए ही अध्यादेश लाया जा रहा है। अध्यादेश लाकर समर्पित आयोग की सिफारिशों के आधार पर निकायों का आरक्षण जारी होगा। सूत्र यह भी बताते हैं कि अगले एक- दो दिन में प्रस्तावित आरक्षण जारी हो सकता है। इसके बाद सात दिनों तक प्रस्तावित आरक्षण पर आपत्तियां मांगी जाएंगी। आपत्तियों के निस्तारण के बाद आरक्षण की अंतिम सूची जारी की जाएगी जिसे राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपा जाएगा और चुनाव की अधिसूचना जारी होगी। सूत्रों के मुताबिक अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक आरक्षण की अंतिम सूची जारी होने के साथ ही चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाएगी।
निकाय चुनावों के आरक्षण को लेकर उच्च पदस्थ सूत्र बताते हैं कि निकायों के आरक्षण में बदलाव होना तय है। यह बदलाव कितना होगा इसके संबंध में सभी ने चुप्पी साध रखी है। इसके साथ ही पूर्व में घोषित आरक्षण को लेकर जिस प्रकार दावेदार तैयारियों में जुटे थे उनके माथे पर पसीना नजर आ रहा है। हर दावेदार यह जानने के प्रयास में है उनकी सीट का प्रस्तावित आरक्षण क्या होगा। एक बात और आरक्षण की नयी व्यवस्था को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा के साथ ही विपक्षी दलों ने भी तैयारी शुरू कर दी है।