पावन चिंतन धारा आश्रम के युवा प्रकल्प द्वारा संगोष्ठी व स्वराज सभा संपन्न
ज्ञान और अध्ययन से युवाओं के कर्म में धर्म परिलक्षित होगा: पवन सिन्हा गुरुजी
युवा अभ्युदय मिशन’ के 5 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित की गई हिंदी भवन में स्वराज सभा
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। पावन चिंतन धारा आश्रम के युवा प्रकल्प ‘युवा अभ्युदय मिशन’ के 5 वर्ष पूर्ण होने पर हिंदी भवन में संगोष्ठी कार्यक्रम स्वराज सभा का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरमीत सिंह कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए युवाओं को संबोधित किया। जिनका स्वागत आश्रम के संस्थापक परमपूज्य प्रो. पवन सिन्हा गुरुजी ने किया। कार्यक्रम में उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्षा कुसुम कांडवाल , गाजियाबाद के राज्यसभा सांसद डॉ अनिल अग्रवाल तथा विधायक अतुल गर्ग, महापौर आशा शर्मा, तथा आश्रम की सचिव पूज्य गुरुमां डॉ कविता अस्थाना और युवा अभ्युदय मिशन के राष्ट्रीय संयोजक गर्वित विज भी उपस्थित रहे।मुख्य अतिथि उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने युवा अभ्युदय मिशन के 5 वर्ष पूर्ण होने पर मिशन द्वारा किए गए सेवा कार्यों की भूरि भूरि प्रशंसा की तथा कहा – किसी भी स्थान ऊर्जा का बड़ा महत्व होता है और मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि पावन चिंतन धारा द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में आनंद, उत्साह और पवित्रता है। मिशन के 5 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य पर उन्होंने बधाई देते हुए कहा कि जैसे पंचमहाभूत मिलकर प्रकृति का निर्माण करते हैं और सिख धर्म के पंज प्यारे इस प्रकृति की रक्षा करने का प्रण लेते हैं वैसे ही यह सभी युवा बदलते भारत की शक्ति बनेंगे और क्योंकि यूथ अवेकनिंग मिशन का जन्म प्रोफेसर पवन सिन्हा गुरुजी के पावन चिंतन में हुआ है जहां गुरुजी की संकल्पना ने युवा अभ्युदय मिशन को ना केवल बनाया बल्कि मजबूती से खड़ा भी किया है। इसमें स्वामी जी स्वामी विवेकानंद जी का ‘उठो जागो और लक्ष्य प्राप्त होने तक मत रुको’ यह संदेश साथ साथ काम कर रहा है। मुझे विश्वास है यह यूथ अवेकनिंग मिशन बहुत जल्दी देश ही नहीं दुनिया का नेतृत्व करेगा। देश के विकास में आश्रम व्यवस्था की भूमिका पर बात करते हुए राज्यपाल ने कहा सोल्जर, सन्त, स्कॉलर और सेवक यह सभी एक बराबर होते हैं और देश निर्माण तथा सनातन संस्कृति के निर्माण में अपने अपने तरीके से योगदान देते रहते हैं। सारा महत्व संकल्प का है जिसका एक उदाहरण उन्होंने शिवजी के त्रिशूल से लिया और कहा कि तीनों शूलों में व्याप्त आत्मशक्ति, आत्मनियंत्रण और आत्म अनुशासन प्राप्त कर युवाओं को आगे बढ़ना होगा। माननीय राज्यपाल जी के ओजपूर्ण भाषण से पूरा हिंदी भवन अनेक बार ‘वंदेमातरम’, ‘जयहिंद’ एवं भारत माता की जय के नारों से गुंजायमान होता रहा।
परमपूज्य प्रोफेसर पवन सिंहा गुरुजी ने राज्यपाल को एक सैनिक संबोधित करते हुए कहा कि एक संत और सैनिक का जीवन तथा लक्ष्य एक ही है और इस लक्ष्य प्राप्ति से पहले वापसी संभव नहीं है। आज की युवा शक्ति शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक रूप से बली होगे तभी देश तरक्की की राह पर आगे बढ़ेगा। युवाओं को सोशल मीडिया पर छोटी-छोटी रील देखने में अपनी ऊर्जा व्यर्थ करने की वजह महान संतो तथा बुद्धिजीवियों के द्वारा रचित पुस्तकों को पढ़ना और गुनना चाहिए, तभी युवाओं के कर्म में धर्म परिलक्षित होगा अन्यथा भारतीय संस्कृति समाप्ति की ओर बढ़ रही है। आज के युवा को अपने संसाधन खुद पैदा करने होंगे ताकि वह एक महान तथा आत्मनिर्भर समाज का निर्माण कर सकें। इस अवसर पर परम पूज्य गुरुजी ने युवाओं के लिये बड़ी घोषणा की – जिसमें युवा अभ्युदय मिशन द्वारा गरीब, हाशिये पर पड़े एवं आदिवासी बच्चों के लिये यूपीएससी, नेट और न्यायतंत्र के परीक्षा की निशुल्क तैयारी करवाई जाएगी।साथ ही स्वराज सभा में अति महत्वपूर्ण अन्य समकालीन विषयों पर भी चर्चा हुई जिनमें – ‘बदलते भारत के नए संविधान’ विषय पर चर्चा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ एडवोकेट तथा एक्टिविस्ट श्री अश्वनी उपाध्याय जी उपस्थित रहे। वहीं “भारत का मीडिया” विषय पर बीजेपी नेता तथा विख्यात पत्रकार शहजाद पूनावाला जी ने अपने विचार रखे। युवाओं में देशप्रेम तथा देशभक्ति का जोश बढ़ाने के लिए भारतीय सेना की पूर्व कैप्टन रक्षिता ने युवाओं से खुलकर बात की।साथ ही मशहूर कवि तथा मोटीवेटर दीपक सैनी ने अपने अंदाज में लोगों को गुदगुदाते हुए बहुत ही सार्थक बातें बताईं। कार्यक्रम के अंत में भजनों एवं देशभक्ति गीतों ने समा बांध दिया।कार्यक्रम में शहर के अनेक गणमान्यों सहित देश के विभिन्न राज्यों से पधारे अतिथि उपस्थित रहे।