- मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्राधिकरणों में अर्बन टाउन प्लानर की होगी तैनाती
- एच3एन2 इन्फ्लूएंजा की हो संक्रमण दैनिक मॉनीटरिंग, मरीज को तत्काल मिले चिकित्सा सुविधा: योगी
- बिजली के बिल उपभोक्ताओं को समय पर मिले: मुख्यमंत्री
- काशी के मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र सहित अयोध्या में राम की पैड़ी व नया घाट पर स्वच्छता के निर्देश
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध कालोनियों के निर्माण के प्रति कड़ा रूख अख्तियार किया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अवैध कालोनियों कहीं भी न बसने पायें। इसके साथ ही उन्होंने विकास प्राधिकरणों एवं निकायों में अर्बन टाऊन प्लानर नियुक्त करने के निर्देश देते हुए 50 वर्ष की स्थिति को ध्यान में रखते हुए आगामी योजना बनाने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को समीक्षा बैठक में कहा हर विकास प्राधिकरण एवं नगरीय निकाय में अर्बन टाउन प्लानर की तैनाती की जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि परियोजनाओं का निर्धारण करते समय आगामी 50 वर्षों की स्थिति को ध्यान में रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा विकास प्राधिकरण, नगरीय निकाय, स्थानीय प्रशासन और पुलिस यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी, किसी भी परिस्थिति में अवैध बस्तियां, रिहायशी कॉलोनी बसने न पाएं। प्राधिकरणों में मैनपॉवर की कमी न हो। आवश्यकतानुसार नियुक्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा बिजली बिल के समयबद्ध भुगतान के लिए उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इसके लिए यह जरूरी है कि लोगों को समय पर सही बिल मिले। ओवरबिलिंग, फाल्स बिलिंग अथवा विलंब से बिल दिया जाना उपभोक्ता को परेशान करता है। इस व्यवस्था में सुधार के लिए बिलिंग और कलेक्शन एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए ऊर्जा विभाग को ठोस कार्ययोजना बनानी होगी। ग्रामीण इलाकों में विशेष प्रयास की जरूरत है। बिजली के तारों को भूमिगत किये जाने की कार्यवाही को समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाए। केबल टीवी/इंटरनेट ब्रॉडबैंड कनेक्शन आदि के लटकते-झूलते तारों का समुचित समाधान किया जाए।
मनमाने ढंग से न लगें होर्डिंग- बैनर: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा मुख्य सचिव स्तर के सभी 17 स्मार्ट सिटी में संचालित परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की जाए। शहरों में लगे होर्डिंग/ बैनर के लिए स्थान चिन्हित हों। मनमाने ढंग से होर्डिंग/बैनर न लगे। होर्डिंग के स्थान पर ‘डिस्प्ले बोर्ड’ को प्रोत्साहित करें। इस संबंध में आवास विभाग द्वारा स्पष्ट नीति तैयार की जाए। यह प्रयास राजस्व वृद्धि और नगर के सौंदर्यीकरण में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन के संकल्प की पूर्ति में ‘सेफ सिटी परियोजना’ अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है। स्मार्ट सिटी परियोजना अंतर्गत स्थापित इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से शहरों की सुरक्षा व्यवस्था स्मार्ट हुई है। विभिन्न वित्तीय निकायों /व्यापारिक प्रतिष्ठानों को सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए तथा उसे आईटीएमएस से इंटीग्रेट किया जाए। अंतर्विभागीय समन्वय के साथ कन्वर्जेंस के माध्यम से वित्तीय प्रबंधन करते हुए 17 शहरों को ‘सेफ सिटी’ बनाने के रूप में विकसित किया जाए। उत्तर प्रदेश 17 सेफ सिटी वाला पहला प्रदेश हो सकेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा लखनऊ के साथ-साथ वाराणसी, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, नैमिषारण्य, मां विंध्याचलधाम, मां शाकुम्भरी देवी धाम, मां ललिता देवी धाम, मां पाटेश्वरी धाम जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक पर्यटन स्थलों पर ट्रैफिक मैनेजमेंट एक बड़ी चुनौती है। विगत दिनों ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान हमारी टीम ने ट्रैफिक मैनेजमेंट का अच्छा उदाहरण प्रस्तुत किया था। चैत्र नवरात्र के दौरान इसी प्रकार इन महत्वपूर्ण स्थलों के लिए योजना बनानी चाहिए। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी यहां की व्यवस्था का निरीक्षण करते रहें। चौराहों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम का अधिकधिक प्रयोग करें।
मुख्यमंत्री ने कहा वाराणसी में मणिकर्णिका घाट व हरिश्चंद्र घाट पर स्वच्छता कार्यों को और व्यवस्थित किये जाने की आवश्यकता है। दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए यहां शौचालय की व्यवस्था हो। कई निजी औद्योगिक संस्थाओं ने इस कार्य मे सहयोग की इच्छा जताई है, उनसे संवाद कर आवश्यक कार्यवाही की जाए। वाराणसी में वरुणा कॉरीडोर का निर्माण कार्य अभी अधूरा है। इसे यथाशीघ्र पूरा कराया जाए। उन्होंने कहा अयोध्या में राम जी की पैड़ी और नया घाट पर महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम बनाये जाएं। सिंचाई विभाग द्वारा इन घाटों पर साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को भी स्वच्छता अभियान से जोड़ें।
योगी ने कहा प्रदेश में बहुत से पुराने माध्यमिक विद्यालय हैं, जिनकी प्रदेश के शैक्षिक माहौल को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राज्य सरकार से सहायता प्राप्त इन माध्यमिक विद्यालयों में आज अवस्थापना सुविधाओं के विकास की आवश्यकता है। ऐसे में शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों के व्यापक हित को देखते हुए प्रबंध तंत्र की अपेक्षाओं और आवश्यकताओं ध्यान रखते हुए इन विद्यालयों के लिए एक बेहतर कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत किया जाए।