उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर सरकार ने तेज की तैयारी
नगर विकास विभाग के अधिकारियों ने दिल्ली में डाला डेरा
सर्वोच्च न्यायालय में पेश करेंगे स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट
अशोक ओझा
नयी दिल्ली। उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव कराने को लेकर सरकार ने तेजी से काम शुरू कर दिया है। यदि सबकुछ ठीकठाक रहा तो अप्रैल के पहले सप्ताह में निकायों में महापौर, चेयरमैन, पार्षद एवं सभासदों की आरक्षण सूची जारी की जा सकती है। उत्तर प्रदेश के नगर विकास विभाग के अधिकारियों ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है। संभवत: सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को प्रस्तुत कर सकते हैं।
बता दें कि गुरुवार को देर शाम सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर गठित स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट आयोग के चेयरमैन एवं सदस्यों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रस्तुत कर दिया था। इसके बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इसके ऊपर मुहर लगाते हुए रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया। उसी दिन प्रदेश के नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने कहा था कि अगले दो दिन रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत कर दी जायेगी। हालांकि न्यायालय ने रिपोर्ट अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह में मांगी है।
नगर विकास विभाग के सूत्रों के अनुसार सचिव नगर विकास के नेतृत्व में विभाग की टीम दिल्ली पहुंच गई है। रिपोर्ट को विशेष अनुमति याचिका के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय में पेश किया जायेगा। यदि सबकुछ ठीक ठाक रहा और 20 मार्च तक भी न्यायालय ने रिपोर्ट स्वीकार करते हुए निकाय चुनाव को हरी झंडी दे दी तो उम्मीद है कि अप्रैल के प्रथम सप्ताह में महापौर, चेयरमैन, पार्षद एवं सभासदों की आरक्षण सूची जारी करते हुए आपत्तियां मांग ली जायेगी। इसके बाद उम्मीद है कि अप्रैल के दूसरे सप्ताह में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी जाये।
यह भी बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग ने भी निकाय चुनाव की तैयारियां तेज कर दी है। इसके तहत मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम प्रदेशभर में शुरू हो गया है। एक अप्रैल तक अंतिम मतदाता सूची जारी करने का कार्यक्रम तय किया गया है। इतना ही नहीं भाजपा समेत अन्य राजनीतिक दलों ने भी निकाय चुनाव की तैयारियां तेज कर दी है। अब सभी की नजरें सोमवार को दिल्ली में सर्वोच्च न्यायालय की तरफ लगी रहेगी।