जयपुर में शुक्रवार को हुई तेज बारिश के बाद रविवार तक जिंदगी पटरी पर नहीं आ पाई है। पहाड़ों के पास बसी गणेश पुरी कच्ची बस्ती में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। शनिवार रात तक यहां रहने वाले लोगों के सामने खाने और रहने का संकट खड़ा रहा। इसके बाद 14 के बाद 15 अगस्त की रात भी लोगों को खाने का सामान बांटा गया। यहां रहने वाले कुछ लोग दूसरे क्षेत्रों में अपने रिश्तेदारों के पास जाकर भी रात गुजार रहे हैं।
शनिवार देर रात जयपुर की कई सामाजिक संस्थाएं यहां पहुंची। राजकुमार बेसनवाले और महेशचंद सोयल की अगुवाई में यहां रह रहे लोगों के बीच खाना बांटा गया। महेश चंद सोयल ने बताया कि लोगों के मकान-झोपड़ियां मिट्टी में दब गईं हैं। इसकी खुदाई लगातार जारी है। लोग अपने घर का सामान ढूंढने में लगे हुए हैं। इस इलाके में रहने वाले ज्यादातर लोग रोज कमाकर खाने वाले हैं। ऐसे में लोगों को भूखा रहना पड़ रहा है। लोग रातभर जागकर मिट्टी निकाल रहे हैं। स्थानीय विधायक रफीक खान और पूर्व विधायक अशोक परनामी ने भी बस्ती में पहुंचकर लोगों का हाल जाना। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने कोई सुध नहीं ली।
मिट्टी के टीले में कटाव से ढह गया था बड़ा हिस्सा
शुक्रवार को तेज बारिश में दिल्ली रोड पर गलता गेट इलाके में लालडूंगरी गणेश मंदिर के पीछे गणेशपुरी बस्ती में कई वाहन और वाहन जमींदोज हो गए। इससे सैंकड़ों की संख्या में वहां रहने वाले लोगों को बेघर होकर नजदीक ही एक सामुदायिक केंद्र में रात गुजारनी पड़ी। सिविल डिफेंस के सेक्टर वार्डन और स्थानीय निवासी पशुपतिनाथ शर्मा ने बताया कि बस्ती के पास मिट्टी का बड़ा टीला था। पिछले दो दिन की बारिश में टीला पानी सोखता रहा।
करीब 80 से 90 घरों में नुकसान होने का अनुमान
शुक्रवार सुबह से शुरू हुई मूसलाधार बारिश की वजह से मिट्टी के टीले में कटाव हो गया। पानी के तेज बहाव में मिट्टी के टीले का बड़ा हिस्सा ढह गया और बस्ती के कच्चे-पक्के मकानों में बहकर आ गया। इससे करीब 80 से 90 से ज्यादा घरों में करीब 5 से 6 फीट मिट्टी जम गई।
घरों में पानी भरने से करीब 20 से 25 परिवार बचने के लिए छतों पर टीनशेड पर जाकर बैठ गए। इस मिट्टी के टीले के ढहने से करीब 100 वाहन भी दब गए। लोगों का घरेलू सामान और खाने पीने की वस्तुएं भी मिट्टी में जमींदोज हो गई।