अथाह ब्यूरो
नई दिल्ली। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर के कुलपति प्रो. कपिल देव मिश्र ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानव दर्शन आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना उनके समय था। उसमें देश की सभी समस्याओं के निराकरण का मंत्र निहित है। प्रो मिश्र आज यहां पुस्तक मेला में ‘ द इंटीग्रल ह्युमनिज्म आॅफ पंडित दीनदयाल उपाध्याय ‘ पुस्तक के विमोचन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इस किताब का सम्पादन पंडित दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति प्रो राजेश सिंह ने और प्रकाशन किताब वाले प्रकाशन समूह ने किया है।
इस अवसर पर प्रो राजेश सिंह ने बताया कि इस पुस्तक का बीजारोपण पंडित जी की जन्म जयंती के अवसर पर गोरखपुर में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी से हुआ। उसमें देश -विदेश से करीब 170 विद्वानों ने अपने आलेख प्रस्तुत किये थे। बाद में उनमें से प्रमुख आलेखों को मिलाकर चार खंड में पुस्तक का रूप दिया गया। एक भाग अंग्रेजी में और तीन भाग हिंदी में है। उन्होंने कहा कि ये पुस्तकें विश्वविद्यालय के छात्रों, शोधकतार्ओं और प्रबुद्ध जनों के लिए काफी उपयोगी होंगी।
इस अवसर पर राजीव गांधी विश्वविद्यालय, इटानगर के कुलपति प्रो. साकेत कुशवाहा ने कहा कि पंडित जी का स्पष्ट मानना था कि विकास के लिए हमारी अर्थव्यवस्था मनुष्य केंद्रित होनी चाहिए न कि मशीन केंद्रित। पंडित जी अर्थशास्त्री नहीं थे परन्तु अर्थव्यवस्था पर उनकी पकड़ तब के बड़े – बड़े अर्थशास्त्रियों से ज्यादा थी। समारोह में प्रो राजेन्द्र सिंह विश्वविद्यालय, प्रयाग के कुलपति प्रो अखिलेश सिंह ने कहा कि पंडित जी का मानना था कि देश के किसानों में खुशहाली लाये बिना देश की तरक्की संभव नहीं है। जनार्दन राय नागर विद्यापीठ के कुलपति प्रो एस एस सारंगदेव कहा कि पंडित जी अग्रद्रष्टा समाज सेवक थे।
इससे पहले किताब वाले प्रकाशन समूह के प्रबंध निदेशक प्रशान्त जैन ने आगत अतिथियों का शाल ओढ़ाकर स्वागत किया। इस अवसर पर काफी संख्या में गण्यमान्य लोग उपस्थित थे।