Dainik Athah

7 मार्च को होलिका दहन, 8 मार्च को मनाया जाएगा रंगोत्सव

इस वर्ष होली का त्यौहार 7 मार्च को होगा ।दुल्हैंडी अर्थात रंग क्रीड़ा 8 मार्च को होगी।सात मार्च को पूर्णिमा  शाम 18: 09  तक है ।जबकि सूर्यास्त 18:21 बजे होगा क्योंकि इस समय पूर्णिमा प्रदोष से कुछ समय पहले ही समाप्त जाएगी।और चतुर्दशी के दिन अर्थात 6 मार्च को पूर्णिमा 16:17 बजे से आरंभ होगी यद्यपि यह भी होलिका दहन के लिए उपयुक्त है किंतु 6 मार्च को सायं काल 16:18 बजे से भद्रा आरंभ हो जाएगी और भद्रा में होली जलाना शास्त्रों में निषेध माना गया है जैसा कि लिखा हुआ है *पूर्वदिने भद्रा सत्त्वात् तत्र च होलिकि निषेधात्।*निर्णय सिंधु में लिखा हुआ है कि भद्रा में होली जलाना राष्ट्र के लिए अच्छा नहीं होता  है ।यथा- *भद्रायां दीपिता होली राष्ट्रभंगं करोति वा*।उपरोक्त विवेचन के अनुसार फाल्गुन की पूर्णिमा मंगलवार को पूर्णिमा प्रदोष काल को छू रही है और प्रदोष काल शुरू हो जाने से होलिका दहन का सर्वोत्तम समय है।*प्रदोषव्यापिनी ग्राह्य पूर्णिमा फाल्गुनी सदा*स्मृतिसार नामक ग्रंथ में यह लिखा हुआ कि जिस वर्ष फाल्गुन की पूर्णिमा 2 दिन प्रदोष को स्पर्श करें। तब दूसरी पूर्णिमा को ही होंली जलानी चाहिए.इसलिए शास्त्रोक्त होली दहन 7 मार्च को ही होगा।होली दहन सूर्यास्त के पश्चात 18:51 बजे से 23:28 बजे तक होगा।*होली पूजन के शुभ मुहूर्त*होलिका पूजन माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और स्वास्थ्य के हेतु  करती हैं । होलिका पूजन का समय मध्यान्ह 11:56 बजे से 15: 00 बजे तक होगा।उसके पश्चात शाम 4:30 बजे से 5:30 बजे तक भी होली पूजन कर सकते हैं।8 मार्च को रंगोत्सव अर्थात दुल्हैंडी मनाई जाएगी।

आचार्य शिव कुमार शर्मा, आध्यात्मिक गुरु एवं ज्योतिषाचार्य गाजियाबाद

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